सामुदायिक शौचालय के निर्माण में हुआ गोल माल, तीन वर्ष से अधूरा, जिम्मेदार मौन

सामुदायिक शौचालय के निर्माण में हुआ गोल माल, तीन वर्ष से अधूरा, जिम्मेदार मौन


अनूपपुर/कोतमा

अनूपपुर जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत लामाटोला में बन रहे सामुदायिक शौचालय का कार्य 3 साल से अधूरा पड़ा हुआ है। लगभग डेढ़ लाख राशि का आहरण कर लिया गया। और निर्माण अभी भी राह देख रहा है। सरपंच व ठेकेदार की मिलीभगत से गोलमाल -ग्रामीणों को शौचालय विहीन रखने के मामले में जांच करने की उठी मांग । प्रदेश की पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो गईं, यह कहना पूरी तरह सच नहीं है क्योंकि अनूपपुर जिले की बदरा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लामाटोला में कई हित पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, सरपंच व ठेकेदार की मिलीभगत से गोलमाल।

*शौचालय निर्माण कार्य अधूरा 

बदरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत लामा टोला गांव पकरिया में करीब तीन लाख 86 हजार रुपये की लागत से बने सामुदायिक शौचालय निर्माण में गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। सामुदायिक शौचालय की बाहर से तो रंगाई-पुताई करा दी गई है, लेकिन अंदर कई काम अधूरा छोड़ दिया। विभागीय अधिकारियों की ओर से भी जियो टैगिंग करके काम पूरा होने की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। सब कुछ जानकर विभागीय अधिकारी मौन हैं। बदरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पकरिया में वर्ष 2020-21 में पंचायत की बजट से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था लेकिन सामुदायिक शौचालय आज भी अधूरा जस का तस पड़ा हुआ है। सामुदायिक शौचालय में बाहर से रंगाई पुताई कर कागज में सभी कार्य पूरा दिखा दिया गया। जबकि शौचालय को अंदर कराए जाने वाले कार्य अधूरा छोड़ दिया। किसी शौचालय में सीट के अंदर मिट्टी तो किसी के अंदर गंदगी से पटी हुई है तो कहीं फर्श गंदा है। शौचालय के अंदर और बाहर बिजली का काम अधूरा पड़ा है। लोगों का कहना था कि जब सामुदायिक शौचालय में मानक की अनदेखी की गई है तो गांव में बने शौचालयों की हालत कैसी होगी।।

 *खुले में शौच जाने को मजबूर* 

सरकार का इस मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति पाने के लिए योजना बनाई गई है। जहां सामुदायिक शौचालय में पुरूषो-महिलाएं के लिए तीन अलग-अलग शौचालय के अलावा पुरूषों व महिलाएं के लिए स्नान घर बना है। पानी के लिए टंकी व्यवस्था की जानी थी। लेकिन यहां रंग-रोगन के साथ शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया है लेकिन पानी का मुक्कमल इंतजाम नहीं हुआ। इसी का नतीजा है कि अब भी सुबह-शाम सड़क किनारे दर्जनों लोग खुले में शौच के लिए जाते दिखते हैं।

*जागरुकता सिर्फ दीवारों पर* 

लाखों रुपए की लागत से बने शौचालयों के उपयोग के लिए जागरूकता सिर्फ दीवारों पर दिखती है। शौचालय के दिवार पर खुले में शौच से मुक्ति के लिए बड़े-बड़े कोटेशन भी लिखा गया है। जिसमें सामुदायिक शौचालय आए सब का काम,इसे स्वच्छ रखना हम सब का काम,जल है तो जीवन है,स्वच्छ भारत ,स्वस्थ्य भारत,रखें इसको स्वच्छ हमेषा,घर के बाहर शौचालय नहीं जाए जैसे अंकित है।

*इनका कहना*

सामुदायिक शौचालय निर्माण के मामले में रोजगार सहायक को नोटिस भेज दी है 1 सप्ताह में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

*अंकुर सिंह*स्वच्छ भारत मिशन ब्लॉक समन्वयक अधिकारी*

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