गहरे नाला व कीचड़ युक्त सड़क से चलने को मजबूर पचरीपानी के बैगा, जिम्मेदार मौन
अनूपपुर
जिला मुख्यालय से महज 15 कि,मी,दूर स्थित बैगा बाहुल्य ग्राम पचरीपानी के ग्रामीण मंत्री, कलेक्टर के समक्ष मार्ग निर्माण की मांग रखने के बाद भी वर्तमान समय तक 3 किलोमीटर की रोड एवं पुलिया का निर्माण ना होने से ग्रामीण नाले में आई बाढ़ एवं कीचड़ युक्त पगडंडी रास्ते में बड़े मुश्किल से चलने को मजबूर हो रहे हैं। इस संबंध में पचरीपानी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनका यह पचरीपानी टोला ग्राम पंचायत लखनपुर के अंतर्गत आता है जो जिसकी बसाहट 80 वर्ष के लगभग की है जो चारों ओर से जंगल-पहाड़ से घिरा यह टोला जो भूमिया-बैगा बाहुल्य क्षेत्र है निरंतर मांग के बाद भी मंत्री व जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद भी नहीं बन सका है समीप के अकुआं गांव के पहाड़ से निकलने वाले आमाधार नाला में पहाड़-जंगल में बरसने वाले पानी के कारण वर्षा काल में अचानक बाढ़ आ जाती है जिससे ग्रामीण एवं अन्य जन को नाला पार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है वही अगरियानार से पचरीपानी तक किसी भी तरह का मार्ग नही होने से ग्रामीण कीचड़ युक्त पगडंडी रास्ता में चलने को मजबूर हैं। अनूपपुर विधानसभा के विधायक व मध्यप्रदेश शासन की कई महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री रहे बिसाहूलाल सिंह एवं जिला प्रशासन के समक्ष अनेकों वार आवेदन दिए जाने के बाद मिले आश्वासन के वाद भी अगरियानार से पचरीपानी तक 3 कि,मी,मार्ग एवं पुलिया का निर्माण नही हुआ है। अनुसूचित जनजाति जिसमे विशेष वर्ग के बैगा समाज के ग्रामीणों के उत्थान हेतु तरह-तरह की योजनाएं की घोषणा की जाती है किंतु नीचे स्तर पर स्थिति बद से बदतर होने के कारण यहां के बच्चे जो माध्यमिक विद्यालय लखनपुर में अध्ययन करते हैं वर्षा काल में आमाधार नाले में पानी एवं कीचड़ युक्त पगडंडी रास्ता होने के कारण विद्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।