पुलिस की प्रताड़ना से पुजारी ने लगाई फांसी, कार्यवाही की मांग पर ब्राम्हण समाज ने सौपा ज्ञापन
*तत्कालीन थाना प्रभारी अजय बैगा पर प्रकरण दर्ज करने की मांग, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी*
अनूपपुर
कोतमा थाना क्षेत्र में पुलिस की प्रताड़ना के बाद पुजारी के खुदकुशी करने के मामले में शनिवार को ब्राह्मण समाज सेवा समिति ने रोष जता पुलिस अधीक्षक के नाम अतरिक्तस पुलिस अधिक्षक अभिषेक राजन को ज्ञापन सौंपा कर कोतमा के तत्कालीन थाना प्रभारी अजय बैगा व उनके अन्य सहयोगी जो इस घटना में संलिप्त हैं। उनके खिलाफ धारा आईपीसी 302 का आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने की मांग की हैं। वहीं कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। मामले में प्रधान आरक्षक संतोष यादव एवं आरक्षक अजय तोमर को लाइन हाजिर कर दिया गया है। ब्राह्मण समाज द्वारा दिये गये ज्ञापन में उल्लेख हैं कि 30 मई को थाना प्रभारी कोतमा अजय बैगा ने रामेश्वर पाण्डेय निवासी खोडरी को झूठे प्रकरण में रात करीब 12 बजे उसके घर से गिरफ्तार कर थाना ले गए। रामेश्वर पाण्डेय को 31 मई की दोपहर तक कोतमा थाने के बंदीगृह में रखा। 31 मई को पाण्डेय के विरुद्ध झूठा केस दर्ज किया गया। रामेश्वर पाण्डेय को पुलिस थाना कोतमा द्वारा 31 मई को शाम थाना से छोड़ा, वह अपने गृह ग्राम खोडरी गए, जहां उन्होंने पुलिस थाना कोतमा द्वारा अमानवीय रूप से क्रूरता पूर्वक मारपीट व शारीरिक, मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने को लेकर आत्मग्लानि से आत्महत्या कर ली। इसकी निष्पक्ष जांच कर व दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी कोतमा अजय बैगा व उनके अन्य सहयोगियों जो इस घटना में संलिप्त है, उनके खिलाफ धारा आईपीसी 302 का आपराधिक मामला व आत्महत्या करने का दुष्प्रेरण का अपराध धारा 306 आईपीसी अपराध पंजीबद्ध किया जाए। थाना कोतमा में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करें। 14 वर्ष की दत्तक पुत्री (भांजी) जो रामेश्वर पर आश्रित थी। उसके भरण-पोषण व शिक्षा सहित अन्य व्यवस्था कराई जाए। झूठी शिकायतकर्ता महिला व उसके सहयोगियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करें। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। जांच में सही पाए जाने पर ही एट्रोसिटी एक्ट की कार्रवाई की जाए।