एसबीआई शाखा प्रबंधक की उदासीनता से परेशानलाडली बहना योजना के हितग्राही
अनूपपुर/कोतमा
अनूपपुर जिले के कोतमा नगर पालिका अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की भर्रेशाही इन दिनों अपने चरम पर है शाखा प्रबंधक अधिकारी और दलालों से हैं जनता परेशान व्यवस्था के नाम पर चल रही खाना पूर्ति, लाडली बहना योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक में डीबीटी करवाने के लिए महिलाए पहले भी अपने फॉर्म जमा कर चुकी है लेकिन बैंक कर्मियो की उदासीनता के कारण डीबीटी ना हो पाने के कारण पुनः बैंक के बाहर चिलचिलाती धूप मे भी बिना प्याऊ के लंबी-लंबी कतारो मे खडे रहकर धूप फार्म जमा करने के लिए पूरे दिन खडे रहना पडता है बैंक कर्मियो की भर्रेशाही ने सूदूर क्षेत्र से आ रही बहनो की परेशानी से गुजरना पडता है मामा के लाडली बहनों को स्टेट बैंक के कर्मचारी द्वारा किसी प्रकार की सहायता नही दिया जा रहा बैंक प्रबंधक के द्वारा ना ही टेंट की व्यवस्था कराई गई और ना ही शुध्द पेयजल की व्यवस्था थी बैंक की ओर से व्यवस्था के नाम पर अधिकारी हितग्राहियो को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। टोकन लेने के नाम पर लाडली बहनों को भूखे प्यासे सुबह 9:00 बजे सुबह से लेकर शाम 8:00 बजे तक डीबीटी के लिए बैठी रहती हैं मुख्यमंत्री के लाड़ली बहन 1000 के लिए सौ बार धूप में तपती है इन बहनों की समस्या सुनने के लिए ना जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है ना ही बैंक शाखा के प्रबंधक बस उनके द्वारा आदेश जारी कर दिया जाता है।
1000 मिलने के उत्साह में डीबीटी फॉर्म जमा करने के लिए मामा की बहने संघर्ष करती नजर आती है पर बैंक के अधिकारी वा कर्मचारी काम के नाम पर समय काटते दिखाई देते है। और महिलाओं को टोकन देने के नाम पर बैंक के सुरक्षाकर्मियों के द्वारा धमकी भरे लहजे मे मर्जी होंगे तो देंगे नहीं तो नहीं देगे कहकर स्टेट बैंक कोतमा के द्वारा दिन में तीन बार 50/50 करके टोकन दिया जाता है पूरे दिन में अधिकतम 150 हितग्राही का ही काम हो पता है।
*इनका कहना है*
*जब हमने क्षेत्रीय विधायक सुनील सराफ को फोन लगा कर इस मामले से अवगत कराना चाहा तो उनके द्वारा फोन नही उठाया गया।*
हमारे द्वारा 10:00 बजे बैंक खुलवा दिया जाता हैं और तीन बार 50-50 करके टोकन हितग्राहियों को दे दिया जाता है। एक दिन में कुल 250 हितग्राहियों का काम हमारे बैंक के द्वारा कराया जाता है
*शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक कोतमा*