पशु अस्पताल बना कमाई का अड्डा, चिकित्सक नदारद, अस्पताल कर्मी मांगता हैं रिश्वत
अनूपपुर/बिजुरी
दशकों से एक ही राजनैतिक दल का प्रदेश कि सत्ता में काबिज होने, अर्थात प्रदेश संचालन कि जिम्मेदारी सम्भालने के लिऐ पर्याप्त समय मिलने पश्चात प्रशासनिक स्तर पर प्रदेश कि स्थिती जस कि तस बनी हुयी है। सूबे के मुखिया एवं भारतीय जनता पार्टी के लोग व समर्थक भले ही कितनी बखान कर स्थिती सुधरने कि बात करते हैं। किन्तु वास्तविकता के चश्मे से निहारा जाऐ अगर तो मालुमात होता है। कि वर्तमान शिव राज में बगैर रिश्वत का चढा़वा चढा़ऐ, कोई भी कार्य करा पाना आम नागरिक के लिऐ बिल्कुल भी असम्भव सा होकर रह गया है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी मनमर्जी तरीकों से कार्य करने पर अमादा रहते हैं। जिस पर लगाम कसने कि फुर्सत शासन-सत्ता में बैठे किसी भी जिम्मेदार अमला के पास नही है।
*नाकामियों को उजागर करती है*
प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित आदीवासी बाहुल्य अनूपपुर जिला अन्तर्गत कोयलांचल नगरी बिजुरी में संचालित पशु चिकित्सालय शिव राज में भी भगवान भरोसे ही संचालित हो रहा है। जहां पदस्थ चिकित्सक मनमर्जी तरीके से अस्पताल में आवागमन करते हैं। जिस कारण वश अस्पताल में पशुओं का उपचार सहित अन्य उपयोगी दवाईयों के लिऐ पहुंचने वाले पशु मालिकों को, परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं चिकित्सक के अनुपस्थिती के दौरान उक्त अस्पताल में कार्यरत कर्मी द्वारा चिकित्सक का आदेश होना बताकर, पशु मालिक से प्रत्येक दवाईयों का अलग-अलग दर से पैसों कि वसूली की जाती है। जिसकी जानकारी सम्बंधित विभाग के आला अधिकारियों को होने के बाद भी मामले पर कार्यवाई शून्य है। मसलन कयास लगाना जरा भी मुस्किल नही है। कि दशकों से प्रदेश कि बागडोर सम्भालने वाले जिम्मेदार, प्रदेश का कायाकल्प सुदृढ़ करने कि दिशा में कितना सार्थक कदम उठाऐं है। और प्रदेश में परिवर्तन कि तरंगें किस तरह कि हिलकोरियां मार रही है
*इस सम्बंध में पशु अस्पताल के ए.व्ही.एफ.ओ. से फोन पर सम्पर्क किया गया तो। उनके एक नम्बर पर इंकमिंग सुविधा बंद एवं दूसरा नम्बर उपयोग में नही है बताया गया।*