रुपयों के दम पर जारी होता हैं गरीबी रेखा कार्ड लखपति-करोड़पति ले रहे हैं का लाभ
भाजपा महिला मंडल अध्यक्ष व पूर्व वार्ड पार्षद ले रही गरीबी रेखा कार्ड का लाभ
अनूपपुर/कोतमा
मध्यप्रदेश राज्य को स्वर्णिम प्रदेश कि श्रेणी में लाने के लिऐ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा दशकों से अथक प्रयास किया जा रहा है। किन्तु उन प्रयासों का औचित्य लाभ प्रदेश कि जनता को निष्पक्ष रूप से मिले। इसके लिऐ मुखिया द्वारा ठोस सार्थक कदम नही उठाया जा रहा है। जिस कारण से ऐसे कयी लखपति-करोड़पति प्रदेश के बाहुल्य जिला अनूपपुर क्षेत्र के भिन्न-भिन्न अंचलों में निवास कर रहे हैं। और प्रदेश एवं केन्द्र सरकार के नियमों को शिथिल कर, भिन्न-भिन्न कारनामों को अंजाम भी दे रहे हैं।
ऐसा ही मामला नगरपालिका क्षेत्र कोतमा से प्रकाश में आया है। जहां वार्ड क्रमांक 01 कि पूर्व पार्षद ममता जैन द्वारा गरीबी रेखा का कार्ड बनवाकर शासन के विभिन्न योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। जबकी जानकार बताते हैं कि ममता जैन कयी एकड़ भूमि कि भूस्वामिनी भी हैं। बावजूद इसके प्रशासन के जिम्मेदारों ने किस आधार पर इन्हे गरीबी रेखा से नीचे कि श्रेणी का मानकर राशन कार्ड आवंटित किया है। यह निशचित तौर पर जांच का विषय है।
*रुपये के दम पर जारी हुआ गरीबी रेखा कार्ड*
जानकारों कि मानें तो भाजपा राज में प्रशासनिक अमला शासन से कहीं अधिक मजबूत स्थिती में अपनी पैठ बनाऐ हुऐ हैं। लिहाजा बिना भय एवं खौफ के इन प्रशासनिक जिम्मेदारों ने मनमर्जी तरीकों से सैकडो़ं गरीबी रेखा का कार्ड कोतमा, पसान, बिजुरी, रामनगर सहित आदी स्थानों पर ऐसे-ऐसे लोगों के नाम पर जारी किया है। जिनका श्रेणी गरीबी रेखा से कहीं अधिक ऊपर माना जा रहा है। वहीं इन राशन कार्डधारियों कि गिनती क्षेत्र के प्रतिष्ठित जनों के रूप में भी शुमार है। ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों कि कार्यशैली कि जांच भी न्यायहित में आवश्यक है। जिससे वास्तविक गरीबों के हक में डाका डालने वालों पर निष्पक्ष कानूनी कार्यवाही हो सके। तब कहीं जाकर माना जाऐगा कि मध्यप्रदेश वास्तव में स्वर्णिम प्रदेश कि राह पर अग्रसर होने जा रहा है।