सीएमओ कि निरंकुशता ने बढ़ाया नगर में विकराल समस्याऐं, जिम्मेदारों ने साधा चुप्पी

सीएमओ कि निरंकुशता ने बढ़ाया नगर में विकराल समस्याऐं, जिम्मेदारों ने साधा चुप्पी


अनूपपुर/बिजुरी

नगरपालिका परिषद बिजुरी, दिन-प्रतिदिन बदहाल व्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहा है। नगर भर के भिन्न-भिन्न वार्डों में निवासरत लोगों कि समस्याऐं जस की तस बनी हुयी है, जिनके समाधान कि जिम्मेदारी उठाने वाला अधिकारी, अपने कर्तव्य परायणता से इतर, मुफ्त कि कुर्सी तोड़ने पर अमादा हुऐ बैठा है। वहीं जनप्रतिनिधि भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कारनामों पर धृतराष्ट्र बन, नगर एवं नगरवासियों को इन बदहाल व्यवस्थाओं के बीच जीने को विवश कर रखे हैं। लिहाजा अंधेर नगरी चौपट राजा कि तर्ज पर नगर का संचालन होना माना जाऐ, तो यकीनन इसमें कोई अचरज कि बात नही होगी।

*पानी कि समस्या*

अनूपपुर जिले का सबसे धनाढ्य नगरपालिका क्षेत्र बिजुरी एवं आस-पास दशकों से कयी भूमिगत खदानों के संचालन कि वजह से पूरे क्षेत्र का जल-स्तर काफी निचले स्तर तक जा पहुंचा है, जिस वजह से पानी कि समस्या विभिन्न वार्डों में वर्ष के बारह महीने‌ बनी रहती है। किन्तु गर्मी के मौषम में लोगों कि यह समस्या अधिक और विकराल रूप धारण कर लेती है। ऐसे समय में नगर कि अधिकांश बोरवेल ठप्प पडी़ हुयी हैं। वहीं हैण्डपम्प हवा उगल रहे हैं। किन्तु मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उन बिगडी़ बोरवेल एवं हैण्डपम्प को बनाने कि दिशा में किसी भी तरह का दिलचस्पी नही दिखाया जा रहा है, और लोगों को बदहाल व्यवस्थाओं के बीच उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

*अंधेरों के के बीच कटती है लोगों कि रातें*

नगरपालिका परिषद बिजुरी द्वारा पूर्व कार्यकाल के दौरान नगर भर के सभी सड़क मार्ग सहित वार्डों के चौक-चौराहों में जगह-जगह स्ट्रीट लाईट इस उद्देश्य से लगाया गया था कि नगर कि सड़कें एवं चौक-चौराहें बिजली युक्त रहेंगी तो रात्रि के दौरान लोगों को आवागमन करने में किसी तरह कि कठनाई नही होगी। साथ हीं उजाले कि रौशनी में आने-जाने वाले राहगीरों के साथ घटने वाली लूटपाट कि वारदातों में भी कमी आऐगी। किन्तु नगर कि लगभग 80% स्ट्रीट लाईटें बंद पडी़ हुयी है, या फिर खराब हो चुकी है। जिसकी मरम्मत कराने कि जहमत उठाना मुख्य नगरपालिका अधिकारी जरूरी नही समझते। जिससे रात्रि के दौरान अंधेरों के बीच आवागमन करने को विवश हैं नगरवासी।

*नगर कि बदहाल पडी़ व्यवस्था*

बुनियादी सुविधाओं का मोहताज बनी कोयलांचल नगरी कि समस्याओं पर समाधान करने के लिऐ लोकप्रिय दैनिक अखबार विप्र-एक्सप्रेस ने समय-समय पर जनसमस्याओं से सम्बंधित खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर, जिला प्रशासन सहित शासन एवं सत्ता संगठन के जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया। किन्तु दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि संवेदनशील जिला अधिकारी कि कर्तव्य परायणता बिजुरी वासियों कि समस्याओं पर असंवेदनहीन साबित हो रहा है, वहीं बात-बात पर भोपाल तक पहुंच कि धौंस दिखाने वाले कोयलांचल बिजुरी के वरिष्ठ नेतागण भी नगर कि समस्याओं पर इस कदर मौन साधे नजर आ रहे हैं। मानों भाजपा कि सरकार बिजुरी नगर, एवं‌ नगरवासियों को पृथक मानती है।

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