पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराते हुए दिया आत्मदाह की चेतावनी
*सार्वजनिक आम रास्ता खोले जाने के लिए पीड़ित लगा चुका प्रशासन से कई बार गुहार केवल मिला आश्वासन*
शहडोल/जयसिंहनगर
पीड़ित केशव गोतम निवासी ग्राम कुबरा जिनकी अपनी निजी स्वामित्व की आराजी खसरा क्रमांक 1004 मध्य प्रदेश शासन के सार्वजनिक आम रास्ते से लगी हुई है लेकिन अपने भूमि तक जाने के लिए किसान पीड़ित सार्वजनिक आम रास्ता को खाली कराने के लिए लगभग 3 वर्ष से भटक रहा है और उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हद तो तब हो गई जब जिले में बैठी मुखिया को पीड़ित पर दया नहीं आई, फरियादी पीड़ित केशव गौतम ने अपने निवास व अपने जमीन तक जाने के लिए शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का निवेदन जिला अध्यक्ष से किया फिर भी आवेदक के हाथ निराशा ही लगी इतना ही नहीं पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से कई बार शिकायत भी दर्ज कराई जिससे आवेदक को बगैर सूचना वा बिना किसी कार्यवाही के शिकायत को समाप्त कर दिया जाता रहा साथ ही पीड़ित ने,जयसिंहनगर तहसील में लगातार तीन तहसीलदारो को अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिनका स्थानांतरण भी हो चुका लेकिन किसी ने शासकीय भूमि से अतिक्रमणकारियो के कब्जे से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं करने जैसा अमानवीय कृत्य पीड़ित के साथ किया जबकि अतिक्रमण कारी शारदा तिवारी रेशू तिवारी और इनकी भाभी सावित्रीबाई तिवारी के द्वारा अधिकृत की गई भूमि मध्य प्रदेश शासन के खसरा क्रमांक 1051 सार्वजनिक आम रास्ता खसरा क्रमांक 1052 अधिपत्य में है बावजूद प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भू माफियाओं व दबंगों के सामने नतमस्तक हैं आज दुखी होकर पीड़ित केशव गौतम आठवीं बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत नंबर 20199290 दर्ज दिनांक 13 दिसम्बर 2022 को अपडेट कराते हुए 1 सप्ताह में कार्यवाही ना होने की दशा में कलेक्टर परिसर में आत्मदाह की चेतावनी दी है क्या शिवराज के राज में कानून व्यवस्था खत्म हो रही है या फिर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के ही काम शिवराज के राज में होते हैं इसका जीता जागता उदाहरण पीड़ित का आत्मदाह करने का निर्णय ही बता रहा है आपको बता दें अतिक्रमण कारी शारदा तिवारी रेशू तिवारी और इनकी भाभी सावित्रीबाई तिवारी भी स्थानीय निवासी ग्राम,कुबरा का ही हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश शासन की भूमि के खसरा क्रमांक 1051 में अपना अवैध रूप से मकान सार्वजनिक आम रास्ते खसरा क्रमांक 1052 में निर्माण करके रखा हुआ है पीड़ित के आवेदन में, हल्का पटवारी ने अपना प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया है जिस पर उक्त भूमि शासकीय आम रास्ते मे अतिक्रमण पाए जाने का सत्यापन भी पटवारी, द्वारा किया जा चुका है बावजूद इसके अतिक्रमण कारी प्रभावशाली होने के कारण कानून को जेब में लेकर घूम रहा है और आवेदक वर्ष 2021 से आम रास्ता से अतिक्रमण हटाने के लिए भटक रहा है पीड़ित केशव गौतम ने जानकारी देते हुए बताया प्रशासन स्तर के साथ-साथ मैंने भाजपा नेताओं के भी हाथ पैर खूब जोड़ें लेकिन कहीं से भी सफलता नहीं मिली पीड़ित ने जानकारी देते हुए बताया भाजपा जिला अध्यक्ष कमल प्रताप सिंह से उन्होंने सारे दस्तावेज दिखाकर प्रार्थी को आम रास्ता बहाल कराने का निवेदन जिला अध्यक्ष से किया था जिस पर उन्होंने कलेक्टर को फोन पर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए थे जिस पर प्रार्थी कलेक्टर परिसर में जाकर कलेक्टर वंदना वेद को अपनी आपबीती बताई और कलेक्टर ने कार्यवाही का आश्वासन दिया इसी प्रकार पीड़ित ने भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष को भी लिखित आवेदन पत्र अतिक्रमण हटाने के मामले में दिया जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मानव अधिकार कि संस्था ने संबंधित तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने का अनुरोध पत्राचार के माध्यम से भी किया,लेकिन निचले स्तर पर बैठे दबंग तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे अमित मिश्रा लक्ष्मण पटेल सहित किसी ने भी कलेक्टर वह जिला अध्यक्षों,की बात मानने का साहस नहीं उठाया और पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाते रहने पर मजबूर रहा खैर अब देखने वाली बात यह होगी जब पीड़ित प्रशासन को 1 सप्ताह में कार्यवाही ना होने की दशा में आत्मदाह की चेतावनी दे रहा है ऐसी दशा में प्रशासन क्या सार्वजनिक आम रास्ते से दबंगों के कब्जे सेअतिक्रमण हटवा पाती है या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी।