कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 170 साल की सजा, 34 लोगो से ठगे थे 72 लाख

कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 170 साल की सजा, 34 लोगो से ठगे थे 72 लाख


सागर

सागर जिले में लाखों की ठगी करने वाले नटवरलाल को अनोखी सजा सुनाई गई है. मामले में 65 साल के बुजुर्ग ठग को 170 साल की सजा सुनाई गई है. दोषी के खिलाफ 34 केस थे. इन सभी में उसे पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही कुल 3,40,000 रूपए के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।

सागर जिले में 34 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर लाखों रुपए ठगने वाले नासिर मोहम्मद उर्फ नासिर राजपूत उम्र 65 साल को सागर जिला न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 170 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अपर-सत्र न्यायधीश अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी को धारा-420 के तहत 34 व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी करने पर प्रत्येक मामले में 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10,000 रुपए के अर्थदण्ड सहित कुल 3,40,000 रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है।

*बुजुर्ग ने की थी 72 लाख रुपए की ठगी*

मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की है. उन्होंने बताया न्यायालय ने फैसले में ये उल्लेख किया कि सजा क्रमवर्ती रूप में एक के बाद एक होगी यानि एक सजा पूरी होने के बाद दूसरे मामले की सजा शुरू हो जाएगी. बुजुर्ग ने कुल 72 लाख रुपए की ठगी की है. उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 में कैंट के भैंसा गांव के करीब 3 दर्जन लोगों ने शिकायत की थी. शिकायत के मुताबिक सभी के साथ गारमेंट्स फैक्टरी शुरू करने के नाम पर ठगी की गई थी।

*इस तरह लोगों को देता था झांसा*

ठगी का शिकार हुए लोगों के मुताबिक गांव में एक साल पहले गुजरात के तापी का रहने वाला 65 साल का नासिर मोहम्मद रहने आया था. उसने लोगों से मेल-जोल बढ़ाते हुए बताया मैंने गुजरात में अपना एक बंगला 85 लाख रु. का बेचा है. उसकी रकम आना बाकी है. मैं उन रुपयों से भैंसा गांव में एक गारमेंट्स फैक्ट्री शुरू करने वाला हूं, लेकिन आरबीआई ने टैक्सेशन के नाम पर मेरी रकम होल्ड कर दी है. भरोसा जताने के लिए उसने अपने बैंक की पासबुक में रकम की इंट्री भी बताई. मोबाइल में एसएमएस भी बताया. इसके बाद फिर धीरे-धीरे कर लोगों को फैक्ट्री में पार्टनर बनाने का झांसा दिया।

*रातों-रात भाग निकला था आरोपी*

ठग ने बताया मेरे लड़के वियतनाम और दुबई में हैं. वे इस फैक्ट्री से तैयार माल बिकवाने में मदद करेंगे.  लोग उसकी बातों में आ गए. फिर किसी ने 8.50 लाख, किसी ने 98000, तो किसी ने 6.20 लाख रु. तक नकदी और चैक के जरिए दे दिए. इसके बाद जब नासिर ने फैक्ट्री नहीं लगाई और अपना मकान बदल कर दूसरे मोहल्ले में रहने लगा. तब उस पर लोगों को शक हुआ. फिर एक पीड़ित ने उस पर रकम वापस करने के लिए दबाव बनाया, तो वह रातों-रात अपनी कार में पूरे परिवार सहित भाग गया. सागर पुलिस ने उसकी तलाश कर गिरफ्तार कर लिया था।


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