पूर्व सांसद प्रतिनिधि विक्रम सिंह परिहार धड़ल्ले से कर रहे हैं रेत कि अवैध वसूली
शहडोल/गोहपारू
यूं तो भाजपा की सरकार साफ स्वच्छ राजनीति के नाम से जानी जाती है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार,के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की भी यही सोच है, लेकिन भाजपा के ही कुछ लोग अपने पद का गलत उपयोग करते नजर आते रहते हैं इसी का जीता जागता एक उदाहरण थाना गोहपारू अंतर्गत अवैध रेत उत्खनन का है जहां रेत माफिया के रूप में सक्रिय पूर्व सांसद प्रतिनिधि विक्रम सिंह परिहार जाने जाते हैं गौरतलब है कि विक्रम सिंह परिहार को महाविद्यालय प्राचार्य का सांसद प्रतिनिधि शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने नियुक्त किया था किंतु आते ही लाल साहब के जलवे सातवें आसमान मे बिखरने लगे थे जिसकी शिकायत गोहपारू नगर के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय सांसद से की थी जिस पर संवेदनशील सांसद हिमाद्री सिंह ने त्वरित कार्यवाही करते हुए विक्रम सिंह परिहार की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश दिनांक,04,09,2022 को अपने पत्र क्रमांक 510 के माध्यम से जिला कलेक्टर को जारी कर हटाया था लेकिन कहते हैं ना यदि किसी की गलत लत एक बार लग जाए तो वह नहीं छूटती लाल साहब के भी कुछ यही हाल थे जो रेत के कारोबार में लिप्त हो गए उन्होंने थाना गोहपारू में अपना पूरा दबाव आज भी बना कर रखा हुआ है और रात को अवैध रेत के वसूली ट्रैक्टर वाहन मालिकों से कर कर स्वयं को लाभ पहुंचाने के कार्य में आज भी पूर्व सांसद प्रतिनिधि लगे हुए हैं इतना ही नहीं सूत्रों की जानकारी से यह भी पता चला है थाना गोहपारू में पदस्थ एक एएसआई भी इस कार्य में बढ़-चढ़कर पूर्व सांसद प्रतिनिधि का सहयोग कर रहे हैं दबी जुबान में तो एक ट्रैक्टर मालिक ने यह भी कहा की एक रात के ₹2000 का भुगतान रेत के अवैध उत्खनन के लिए हमसे पूर्व सांसद प्रतिनिधि विक्रम सिंह परिहार व एएसआई वसूल करते हैं क्या यही है मध्य प्रदेश सरकार की रीत और नीति जो देखने में कुछ और और असलियत में कुछ और ही दिखाई देती है खैर अब तो देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस कप्तान के द्वारा पूर्व सांसद प्रतिनिधि व रेत के कारोबार में संलिप्त ए एस आई के विषय में क्या कार्यवाही करते हैं।