दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन क्लाइमेट चेंज डिजास्टर रिस्क रिडक्शन सस्टनेबिलिटी ए वे ऑफ़ लाइफ
अनूपपुर/अमरकंटक
यह हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। जी 200 की अध्यक्षता के अंतर्गत देश विभिन्न समूहों स्टेकहोल्डर्स के साथ अनेक महत्वपूर्ण आयोजन कर रहा है। इस क्रम में युवाओं की भागीदारी के साथ इससे संबंधित अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और विशेष रूप से यूथ 20 (बाई20) सभी जी 20 सदस्य देशों के युवाओं के लिए एक-दूसरे के साथ सार्थक संवाद का अवसर उपलब्ध कराने के एक आधिकारिक विमर्श मंच के रूप में सामने आया है। वाई 200 युवाओं को भविष्य के नेतृत्वकर्ता के रूप में वैश्विक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने विचारों का आदान-प्रदान करने विमर्श करने, संवाद कायम करने और आम सहमति तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में क्लाइमेट चेंज डिजास्टर रिस्क रिडक्शन: सस्टनेबिलिटी ए वे ऑफ लाइफ विषय पर बाई 20 विमर्श का आयोजन और 2 जून को होने जा रहा है। जलवायु 1 परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी आज मानवता के समक्ष खड़ी सबसे बड़ी चिंताएं हैं। भविष्य के नेतृत्वकर्ता के रूप में, यह युवाओं की जिम्मेदारी है कि वह उन चुनौतियों को समझें जिनका हम सभी सामूहिक रूप से सामना करते हैं और उन बाधाओं की पहचान करने और उनका समाधान खोजने की दिशा में काम करें जिनसे इनका निदान संभव है।
हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने 200 की अध्यक्षता के साथ ही जो हमारी परंपरागत मान्यता है समूची धरा को परिवार मानने की उसके साथ इस कार्यक्रम की गतिविधियों का श्री गणेश किया है। इसे हम महोपनिषद के सूत्र वाक्य वसुधैव कुटुंबकम् के रूप में अभिव्यक्त करते हैं। हम सबमें यह भाव लाना कि एक धरा, एक परिवार, एक भविष्य (One Earth, one Family, one Future) हम सभी साझा करते हैं. महोपनिषद के सूत्र वाक्य का निहतार्थ है। इस सूत्र वाक्य की भावना के अनुरूप बाई 20 कॉन्क्लेव विश्वविद्यालय में आयोजित है। हमारा लक्ष्य है जी 21 देशों के युवाओं को, साथ ही भारत के युवा वर्ग को एक ऐसा मंच प्रदान करने का जहां वह सार्थक विमर्श कर सके कि देश-दुनिया की सामयिक समस्याओं के निदान केल्या संभव उपाय हो सकते हैं।
जो 20 प्रेसीडसी की संरचना के अंतर्गत, युवा मामले विभाग, युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार को यूथ 20 समिट-2023 आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रालय द्वारा अनेक विषयों पर विमर्श आयोजित हो रहे हैं एवं विमर्श की श्रृंखला में हमारे विश्वविद्यालय के लिए क्लाइमेट चेंज डिजास्टर रिस्क रिडक्शन: सस्टेनेबिलिटी ए वे ऑफ लाइफ विषय निर्धारित है। देश भर से चयनित कुल 14 प्रतिष्ठित संस्थानों में से हमारा विश्वविद्यालय भी है जो समूचे अमरकंटक परिक्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। सम्मेलन के अंतर्गत पर्यावरणीय परिवर्तन पर विचार-विमर्श के माध्यम से यह राह तलाशी जाएगी कि कैसे आसन्न संकटों में हम मजबूती के साथ खड़े हो कर उनके दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं और विकास की धारा को जीवन का एक हिस्सा बना सकते हैं। वस्तुतः इस आयोजन के माध्यम से दुनिया को भारत की क्षमता का बोध कराना है। दुनिया को यह बोध कराना है कि भारत की सामाजिक और बौद्धिक ताकत क्या है। दुनिया को यह बोध कराना है कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के माध्यम से कैसे पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में रख कर हम शांति के परिवेश में सतत विकास का लक्ष्य अर्जित कर सकते हैं।
यह सम्मेलन युवाओं को जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी के कारणों की पहचान कराने के साथ-साथ उन तरीकों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगा जिससे हम संविकास को जीवन का एक तरीका बना सकते हैं। यह विमर्श केवल इन मुद्दों के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाने तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि हम सभी को इस सन्दर्भ में सक्रिय होने और उन स्थानीय परम्पराओं, प्रणालियों के उपयोग हेतु प्रोत्साहित करने का भी काम करेगा जिससे हमें अपने लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित धरती, सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। संविकास को जीवन का एक तरीका बनाकर ही हम सभी के लिए अधिक लचीला और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ भविष्य बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं। यह सम्मेलन अमरकंटक की पर्यावरणीय और जैव- विविधता की दृष्टि से संपन्न भूमि पर दुनिया के विभिन्न देशों से आने वाले युवा वैज्ञानिकों, पर्यावरण विशेषज्ञ, पर्यावरण रक्षा की दिशा में संकल्पचद्ध लोगों को भारत के जागरूक, पर्यावरण और संविकास के प्रति संवेदनशील युवाओं के लिए सार्थक और समाधान परक विमर्श का अद्भुत अवसर प्रदान करेगा। सम्मेलन में जर्मनी, जापान, ब्राजील, रूस, चेक रिपब्लिक, बल्गारिया, इंडोनेशिया आदि देशों से 1 कुल 20 से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। देश भर से 400 से ज्यादा युवा प्रतिभागी पर्यावरण शोधकर्ता, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि इस विमर्श का हिस्सा बनेंगे। सम्मेलन का उद्घाटन अविनी चौबे, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन केन्द्रीय राज्य मंत्री द्वारा किया जायेगा जिसमें युवा मामले मंत्रालय में सचिव मीता राजीवलोचन की गरिमामय उपस्थिति रहेगी। समापन समारोह के मुख्य अतिथि फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री होंगे लोकसभा सदस्य शहडोल श्रीमती हिमाद्री सिंह एवं लोकसभा सदस्य बिलासपुर अरुण साब की उपस्थिति भी सम्मेलन को गरिमामय बनाएगी। इसके अतिरिक्त सुश्री दृष्टि रावल, सचिव, पॉलिसी एंड रिसर्च, वार्ड 200 इंडिया का भी उद्बोधन होगा | उद्घाटन सत्र एवं कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. मुकुल शाह भी हिस्सा लेंगे। कुल एक परिचयात्मक सत्र, उद्घाटन एवं समापन सत्र तथा चार तकनीकी सत्रों में संरचित यह सम्मेलन देश-विदेश से आये विषय विशेषज्ञों, युवा सहभागियों एवं विभिन्न प्रतिनिधियों के लिए विमर्श का अवसर उपलब्ध कराएगा। सम्मेलन समावेशी विमर्श, पॉवर पॉइंट प्रस्तुतियों और इंटरेक्टिव सत्रों के एक मंच प्रदान करेगा जो युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके विकास के लिए एक रोडमैप तैर का अवसर प्रदान करेगा। अन्य संस्थानों तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में संकलित है के प्रतिवेदनों के आधार पर खूब 200 समिट, 2023 के लिए एक निष्कर्ष दस्तावेज प्रस्तुत किया जायेगा।