नियम विरूद्ध तरीके से कनिष्ठ उपयंत्रियों व मनरेगा उपयंत्री को बनाया गया सहायक यंत्री
*अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत का दर्शा रहा अनूपपुर जिला*
*इंट्रो*- जनपद पंचायत अनूपपुर व पुष्पराजगढ़ के वरिष्ठ उपयंत्रियों को सहायक यंत्री को प्रभार देने के स्थान पर जिला पंचायत द्वारा तीन कनिष्ठ उपयंत्रियों को नियम विरूद्ध तरीके से सहायक उपयंत्री का प्रभार सौंपा गया है। जिसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के तहत हुआ। जिसके बाद नियम विरूद्ध तरीके से किये गये इस आदेश पर संबंधित विभाग के कई अधिकारियों से बात किये जाने पर नियमों विरूद्ध तरीके से की गई नियुक्ति पर वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की बात कह चुप्पी साध ली तथा मौके पर दिये गये निर्देश पर नोटशीट चला देने का जवाब दिया गया। इस पूरे मुद्दे मे पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों सहित जिला पंचायत अनूपपुर के स्थापना शाखा के समस्त कर्मचारियों द्वारा इस आदेश को नियम विरूद्ध बताया है।
अनूपपुर
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार जनपद पंचायतों में सहायक यंत्री के पदो की पूर्ति के लिये जिले में पदस्थ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों को उनकी वरिष्ठता के अनुसार सहायक यंत्रियों के रिक्त पद का अस्थाई प्रभार देकर पदों की पूर्ति किये जाने का आदेश था। इस आदेश के मद्देनजर जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा जनपद पंचायत अनूपपुर व पुष्पराजगढ़ के दो वरिष्ठ उपयंत्रियों के स्थान पर दो कनिष्ठ उपयंत्रियों को नियम विरूद्ध तरीके से प्रभार दे दिया गया है। इस आदेश के बाद जहां हर अधिकारी - कर्मचारी नियम विरूद्ध तरीके से हुई भर्ती को स्वीकार तो कर रहे है। लेकिन उसके आगे कुछ भी कह पाने में अपनी असमर्थता जता दी। जबकि वरिष्ठ उपयंत्री एस.एम. शर्मा, इंद्रजीत तिवारी एवं अनुविभागीय अधिकारी सुंगध प्रताप सिंह के जिले में ना रहने तथा कार्य ना किये जाने की बात जिला पंचायत सीईओ द्वारा की गई। जबकि इस संबंध में इन वरिष्ठ उपयंत्रियों को ना तो आज दिनांक तक कोई नोटिस जारी नही की गई और ना ही इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही की गई।
*दो कनिष्ठ उपयंत्री को सहायक यंत्री का प्रभार*
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश अनुसार जिले के वरिष्ठ उपयंत्रियों के स्थान पर दिसम्बर 2016 में नियुक्त हुये कनिष्ठ उपयंत्री अमन डेहरिया, तथा वर्ष 2008 के नरेगा संविदा उपयंत्री अभिषेक श्रीवास्तव को सहायक यंत्री का प्रभार सौंपा गया है। जबकि एस.एम. शर्मा वरिष्ठ उपयंत्री जनपद अनूपपुर को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग अनूपपुर के दायित्वों से, वरिष्ठ उपयंत्री इंद्रजीत तिवारी को जनपद पुष्पराजगढ़ को सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर में चल रहे निर्माण कार्यो के निरीक्षण एवं अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यंत्रिकी सेवा उपसंभाग अनूपपुर को अपने कार्य के साथ-साथ सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में चल रहे निर्माण कार्यो के निरीक्षण हेतु आदेशित किया गया है।
*उपयंत्री की वरिष्ठता सूची को किया गया दरकिनार*
पूरे मामले में जहां पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के आदेशानुसार आदेश जारी करने के पूर्व जिले मे पदस्थ उपयंत्रियों की वरिष्ठता कार्यपालन यंत्री द्वारा वरिष्ठता सूची के आधार पर सुनिश्चित करने तथा जिले में वरिष्ठतम उपयंत्रियों की कमी की स्थिति में सहायक यंत्री की रिक्तियों को अवगत कराकर निकटतम जिले से वरिष्ठ उपयंत्री को सहायक यंत्री का प्रभार देकर पूर्ति करने के साथ ही कार्यापालन यंत्री को प्रस्ताव तैयार कर जिला पंचायत सीईओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था। लेकिन कनिष्ठ उपयंत्रियों को सहायक यंत्री बनाये जाने के पूर्व ना तो कार्यपालन यंत्री से किसी तरह का प्रस्ताव लिया गया और ना ही जिले के वरिष्ठ उपयंत्री की सूची मांगी गई।
*मनरेगा के उपयंत्रियों को मिला सहायक यंत्री का प्रभार*
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेशानुसार परिशिष्ठ अ के काॅलम 8 में उल्लेखित किया गया था कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभागों के उपयंत्रियों की ही नियुक्ति की जानी थी। जिला पंचायत द्वारा इस आदेश मे राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) के दो कनिष्ठ उपयंत्री का सहायक यंत्री का प्रभार सौंपते हुये आदेश जारी किया गया है। आखिर आदेश के विपरित जाकर इस तरह के आदेश पर कई सवाल खड़े हो रहे है। इस आदेश के लिये बनाये गये नोटशीट मे जिला पंचायत अनूपपुर के परियोजना अधिकारी उमेश द्विवेदी के हस्ताक्षर भी नही है। जिसके बाद वर्ग 3 के लिपिक पुष्पराज सिंह द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक आदेश पर बिना हस्ताक्षर किये हुये नोट शीट को आगे बढ़ा दिया गया, जिसके बाद नियम विरूद्ध तरीके से उक्त आदेश को जारी कर दिया गया।
*इनका कहना है*
वरिष्ठ उपयंत्रियों द्वारा कोई काम नही किये जाने तथा समक्ष अधिकारी होने के नाते उक्त आदेश किया गया है, काम मुझे लेना है तो मेरे स्तर से होगा।
*अभय सिंह ओहरिया, जिला पंचायत सीईओं*