सीएमओ की मनमानी से रुका विकास कार्य अध्यक्ष व जनप्रतिनिधियों की कलेक्टर से शिकायत

सीएमओ की मनमानी से रुका विकास कार्य अध्यक्ष व जनप्रतिनिधियों की कलेक्टर से शिकायत


अनूपपुर/डोला

जिले के अंतिम छोर में वशी नगर परिषद डोला अव्यवस्था और अपनी दुर्दशा के आंसू रो रही है। डोला नगर परिषद की अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण प्रशासनिक उदासीनता है पूर्व में संविलियन घोटाले के बाद सीएमओ की पदस्थापना होने से लेकर अब तक डोला में विकास कार्य स्थिर से हो गए, जनता विकास कार्य ना होने के कारण जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने लगी है। जनप्रतिनिधियों और नेताओं के सामने तानाशाही प्रशासनिक अधिकारी सीएमओ ने अपनी पकड़ से नगर परिषद की जड़ें हिला रखी है। जनप्रतिनिधि के हाथ से नगर परिषद डोला निकलकर प्रशासनिक अधिकारी वर्तमान मुख्य नगरपालिका अधिकारी के हाथ में जब से लगी है तबसे क्षेत्र का विकास पूरी तरह स्थिर हो गया है। विगत 3 माह से सीएमओ प्रदीप झरिया को डोला परिषद का पदभार सौंपा गया जिससे डोला वासियों को काफी उम्मीदें थी मगर इसके ठीक विपरीत पदस्थापना के तुरंत बाद से नगर परिषद कार्यालय में अनुपस्थित रहना इनकी आदत बन गई है जिसकी वजह से नगर का विकाश पूरी तरह से रुका हुआ है साथ ही नगर परिषद में शासन के योजनाओं के बारे में लगातार जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है नगर के गरीब वर्ग असहाय और बेसहारा लाचार स्थिति में अपना दुख दर्द किसको बताएं कोई भी अधिकारी कर्मचारी इनकी यहां सुनने वाला नहीं है। लगातार मुख्य नगरपालिका अधिकारी डोला के आचरण और व्यवहार से कहीं ना कहीं पार्षदों में भी असंतोष व्याप्त है या यूं कहा जाए कि दबी जुबान में नाम ना बताने की शर्त पर कई पार्षद ने भी यह कह दिया है कि सीएमओ के तानाशाही पूर्ण रवैया की वजह से विकास कार्य अवरुद्ध है उदाहरण अगर देखना हो तो 3 महीने में सिर्फ 5 से 10 दिन नगर परिषद डोला में उपस्थित महज कुछ घंटों के लिए ही हुए है। नगर में ऐसी जन चर्चा है कि बिजली पानी और आवास के मुद्दों को लेकर सीएमओ से बात करने पहुंचे कई वार्ड वासी तो सीएमओ कभी अपने चेंबर में मिलते ही नहीं है और फोन भी रिसीव नहीं होता है। गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाले कई ग्रामीण अपने राशन कार्ड का फॉर्म कई बार भर चुके थे वह उनके फॉर्म निरस्त हो जाने से परेशान होकर इस संबंध में जानकारी लेने के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी से मिलकर बात करना चाहा किंतु सीएमओ का ऑफिस से नदारद रहना कारण बना।  मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के सपनों को सीधे-सीधे अधिकारी पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं ऐसी स्थिति में जनता बेचारी अपनी लाचारी किसको सुनाएं।


*अध्यक्ष उपाध्यक्ष और पार्षदों ने कलेक्टर से की शिकायत*


3 महीने से रुके विकास कार्य के कारण परेशान जनप्रतिनिधि मुख्य नगरपालिका अधिकारी की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट तक जा पहुंचे।  मंगलवार 14 मार्च को नगर परिषद डोला अध्यक्ष  रीनू सुरेश कोल, उपाध्यक्ष रविशंकर तिवारी के साथ समस्त पार्षद गण जिला मुख्यालय उपस्थित होकर कलेक्टर के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया है। शिकायत पत्र में डोला नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ प्रदीप झारिया द्वारा लगातार कार्यालय में अनुपस्थित रहने से शासन की योजनाओं का लाभ क्षेत्र के पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है और ना ही आज दिनाक तक एक भी बैठक रखी गई। शासन द्वारा कई योजनाएं चालू की गई है लेकिन सीएमओ की अनुपस्थिति के बिना पूरे कार्य ठप्प पड़े हैं साथ ही गर्मी के समय भी आ चुका है क्षेत्र में पानी की बहुत समस्याएं भी हैं जबकि पूर्व में नगर परिषद डोला में पानी की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जा चुकी है यह स्थिति दोबारा निर्मित ना हो इसके लिए कई बार सीएमओ से चर्चा की गई कि समय रहते पानी की समुचित व्यवस्था की जाए लेकिन सीएमओ द्वारा क्षेत्र की समस्याओं पर गंभीरता नहीं देखी जा रही है। जिसको लेकर जनप्रतिनिधि कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही करने की मांग की है। वही डोला में प्रतिदिन मुख्य नगरपालिका अधिकारी की उपस्थिति की भी मांग की है ताकि जनता से जुड़े विकास कार ज्यादा से ज्यादा हो सके।

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