धूमधाम से मनाई जाएगी झूलेलाल जयंती, सिन्धी समाज की बैठक हुई संपन्न
*पर्व को सौहार्द्रपूर्ण एवम हर्षोल्लास से मनाए जाने सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय*
अनूपपुर/जैतहरी
झूलेलाल उत्सव चेटीचंड, जिसे सिंधी समाज अपने इष्टदेव भगवान वरुण अवतार श्री झूलेलाल साई जी के जन्म दिवस के रूप में मनाता चला आ रहा है, इस वर्ष 23 मार्च गुरुवार को मनाया जा रहा है व इसी दिन से सिंधियों का नया वर्ष शुरू होता है। इस दिन सिंधी समाज अपना कारोबार बंद रख पूर्ण रूप से भगवान की आराधना में लिप्त रहता है।
भगवान झूलेलाल की कहानी पौराणिक है। भारतीय धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जब-जब अत्याचार बढ़े हैं, नैतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है तथा आसुरी प्रवृत्तियां हावी हुई हैं, तब-तब किसी न किसी रूप में ईश्वर ने अवतार लेकर धर्मपरायण प्रजा की रक्षा की। संपूर्ण विश्व में मात्र भारत को ही यह सौभाग्य एवं गौरव प्राप्त रहा है कि यहां का समाज साधु-संतों के बताए मार्ग पर चलता आया है।
शताब्दियों पूर्व प्राचीन भारत वर्ष मे सिंधु प्रदेश में मिर्ख शाह नाम का एक राजा शासन करता था। राजा बहुत दंभी तथा असहिष्णु प्रकृति का था, सदैव अपनी प्रजा पर अत्याचार करता था। उसके शासनकाल में सांस्कृतिक और जीवन-मूल्यों का कोई महत्व नहीं था। पूरा सिन्धु प्रदेश राजा के अत्याचारों से त्रस्त था। उन्हें कोई ऐसा मार्ग नहीं मिल रहा था, जिससे वे इस क्रूर शासक के अत्याचारों से मुक्ति पा सकें।
लोककथाओं में यह बात लंबे समय से प्रचलित है कि मिर्ख शाह के आतंक ने जब जनता को मानसिक यंत्रणा दी तो नागरिकों ने ईश्वर की शरण ली। सिन्धु नदी के तट पर ईश्वर का स्मरण किया तथा वरुण देव भगवान ने जलपति उडेरोलाल के रूप में मत्स्य पर सवार होकर दर्शन दिए। तभी नामवाणी हुई कि सिंध प्रांत में ईश्वरीय अवतार होगा एवं नसरपुर के ठाकुर भाई रतनराय के घर माता देवकी की कोख से उपजा बालक सभी की मनोकामना पूर्ण करेगा। समय ने करवट ली और सिंध प्रांत के गाँव नसरपुर गोठ के ठाकुर रतनराय के घर माता देवकी ने चैत्र शुक्ल 2 संवत 1007 को बालक को जन्म दिया एवं उसका नाम उदयचंद रखा गया। इस चमत्कारिक बालक के जन्म का हाल जब मिर्ख शाह को पता चला तो उसने अपना अंत मानकर इस बालक को समाप्त करवाने की योजना बनाई।
बादशाह के सेनापति दल-बल के साथ रतनराय के यहां पहुंचे और बालक के अपहरण का प्रयास किया लेकिन मिर्ख शाह की फौजी ताकत पंगु हो गई। उन्हें सिंहासन पर आसीन दिव्य पुरुष उडेरोलाल साई दिखाई दिये। सेनापतियों ने बादशाह को सब हकीकत बयान की। उडेरोलाल ने किशोर अवस्था में ही अपना चमत्कारी पराक्रम दिखाकर जनता को ढाढस बंधाया और यौवन में प्रवेश करते ही नागरिकों से कहा कि बेखौफ अपना काम करें। उडेरोलाल ने बादशाह को संदेश भेजा कि शांति ही परम सत्य है। इसे चुनौती मान बादशाह ने उडेरोलाल पर आक्रमण कर दिया।
बादशाह का दर्प चूर-चूर हुआ और उसने पराजय झेलकर उडेरोलाल के चरणों में स्थान मांगा। उडेरोलाल ने सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया। इसका असर यह हुआ कि मिर्ख शाह उदयचंद का परम शिष्य बनकर उनके विचारों के प्रचार में जुट गया। उपासक भगवान झूलेलाल जी को उडेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसांईं, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि नामों से पूजते हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता के निवासी चैत्र मास के चन्द्र दर्शन के दिन भगवान झूलेलाल जी का उत्सव संपूर्ण विश्व में चेटीचंड के त्यौहार के रूप में परंपरागत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
चूंकि भगवान झूलेलाल जी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है, इसलिए काष्ठ का एक मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित की जाती है और इस मंदिर को श्रद्धालु चेटीचंड के दिन अपने सिर पर उठाकर, जिसे बहिराणा साहब भी कहा जाता है, भगवान वरुणदेव का स्तुति गान करते हैं एवं समाज का परंपरागत नृत्य छेज करते हैं। यह सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी संपूर्ण सिन्धी समाज में हर्षोल्लास की लहर है, इसी कड़ी मे जैतहरी मे सिन्धी समाज की बैठक आज दिनांक 11.03.2023 को संपन्न हुई, जिसमे सिन्धी पूज्य पंचायत एवम सिन्धु नवयुवक मण्डल के सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों द्वारा दिनांक 23 मार्च 2023 गुरुवार को अपने इष्टदेव भगवान श्री झूलेलाल साई जी का जन्मोत्सव पूर्व वर्षों की भाँति इस वर्ष भी परम हर्षोल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया है, बैठक में पूज्य सिन्धी पंचायत के वरिष्ठ समाजसेवी राजाराम आहूजा, खेमचन्द आहूजा, हरेश आहूजा, घनश्याम आहूजा, गिरधर आहूजा, हरीश देवानी, चतुर्भुज देवानी, वीरू पंजवानी, महेश खटवानी, अजय खटवानी, राजेश चंचलानी, नारायण मोटवानी और सिन्धु नवयुवक मण्डल जैतहरी के विनोद आहूजा, अमित कुमार आहूजा, पियूष आहूजा, पंकज आहूजा, सचदेव देवानी, मोनू मोटवानी, नरेश पंजवानी, मुकेश देवानी, दीपक खटवानी , शुभम देवानी उपस्थित रहे, बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 23 मार्च 2023, गुरुवार को श्री झूलेलाल जन्मोत्सव के दिन जैतहरी नगर में सिन्धी समाज की समस्त दुकाने बन्द रहेगी और समाज के सभी लोग सुबह 11 बजे वार्ड नंबर 09 में स्थित मानस भवन में श्री झूलेलाल साई की पूजा मे शामिल होंगे इसके बाद दोपहर में 02 बजे मानस भवन में ही सामाजिक भोज का कार्यक्रम होगा, इसके बाद मानस भवन से ही शाम 04 बजे से इष्टदेव भगवान श्री झूलेलाल साई जी की भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी जो मेन रोड से सेंट्रल बैंक से होते हुए गांधी चौक, कमानिया गेट, सिविल लाइन, परमट मोहल्ला, ताम्रकार मोहल्ला, जैन मंदिर, अहिंसा चौक, मिनी स्टेडियम, नगरपालिका चौक से होते हुए नया तालाब तक जायेगी, रात्रि 8 बजे नया तालाब में जल देवता की पूजा अर्चना कर विसर्जन कार्यक्रम होगा ।
*सिन्धी समाज द्वारा मनाया गया होली मिलन समारोह*
दिनांक 11.03.2023 को सिन्धी पूज्य पंचायत एवम सिन्धु नवयुवक मण्डल की बैठक भारतीय सिन्धु सभा के महामंत्री श्री राजाराम आहूजा के निवास स्थान पर आयोजित की गई , जिसमें जैतहरी नगर के समस्त सिन्धी समुदाय वर्ग उपस्थित रहा, झूलेलाल जयंती समारोह मनाए जाने की रूपरेखा के साथ ही विगत दिवस मनाए गए रंगों के पर्व होली की सभी को शुभकामना संदेश देते हुए श्री राजाराम आहूजा ने सभी को तिलक लगाकर बधाई दी।