नियमों को ताक पर रखकर मनमानी कर रहा है रेलवे प्रशासन आखिर खाली रैक क्यों बुलाना पड़ा वापस
राजनगर
एक खाली रेक राजनगर आर ओ साइडिंग के बाहर बहुत देर तक खड़ा था और साइडिंग में प्रवेश नहीं कर रहा था जबकि ऐसा अमूमन होता नही है,रेक बिजुरी स्टेशन से निकलने पर सीधा साइडिंग में ही जाता है पर इस मामले की खोजबीन करने पर यह पता चला कि हुआ की राजनगर आर.ओ. साइडिंग में ट्रैक की मरम्मत का कुछ काम चल रहा था कार्य के पूर्ण होने के पहले ही रेलवे ने रेक साइडिंग में भेज दिया, कालरी प्रबंधन की तरफ से इस बात की आपत्ति भी दर्ज कराई गयी है लेकिन विचारणीय पहलू यह है कि बिजुरी स्टेशन प्रबंधक ने स्वय खड़े रहकर अपने स्टाफ के साथ रेक को बिना कालरी प्रबन्धन की अनुमति के जबरदस्ती भेज दिया,कार्य के पूरा होने की लिखित सूचना के बिना इस तरह से मनमाने तरीके रेक भेजना रेल साइडिंग की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है।
कालरी प्रबंधन द्वारा 24 फरवरी को रेक की लोडिंग शुरू नहीं की है, इस सम्बन्ध में गुप्तसूत्रों से यह जानकारी मिली कि रेलवे द्वारा भेजा गया रेक बीओबीआरएन प्रकार का है और इस प्रकार के रेक में कालरी को अंडर लोडिंग का नुकसान अन्य रेक की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा होता है| इस सम्बन्ध में कालरी द्वारा रेलवे को पूर्व में भी कई पत्र लिखे गए हैं और फिर से पत्र लिख कर रेक वापस लेने का आग्रह किया गया है | रेलवे और कालरी प्रबंधन के बीच सामंजस्य नहीं होने से या रेलवे की जबरदस्ती सभी सुरक्षा मानको को दरकिनार कर केबीओबीआरएन रेक भेजने की वजह से न केवल रेक खड़ा होने जैसी समस्या आ रही है,अपितु कालरी को भी आर्थिक नुकसान है।
एक तरफ देश में रेक की कमी समय आये दिन सामने आती रहती है और ऐसे समय में रेलवे का एक विशेष प्रकार के रेक को राजनगर साइडिंग में जबरदस्ती भेजना अपने आप में संदेहास्पद है। रेल्वे प्रशासन के इस प्रकार के कृत्य से इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि रेलवे प्रशासन का अपना निजी स्वार्थ या आर्थिक फायदा है जो इस तरह के कृत्य को करने पर आमदा है जबकि इससे बड़ी दुर्घटना भी घटित हो सकती है। इस पूरे मामले की शिकायत रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों को तत्काल की गयी ताकि इस प्रकार की अनियमितताओं पर भविष्य में अंकुश लग सके।
एसईसीएल मुख्यालय के सांसद प्रतिनिधि एवं नगर परिषद डूमर कछार के अध्यक्ष सुनील कुमार चौरसिया ने इस मामले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नियमानुसार कार्यवाही करने की मांग तत्काल रेलवे प्रशासन से की है। मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से की गयी शिकायत को गंभीरता पूर्वक लेते हुए साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे बिलासपुर के अधिकारियों ने खाली रेक को ही वापस ले लिया,इससे यह बात और प्रमाणित होती है कि इस पूरे मामले में रेलवे प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध है, नहीं तो फिर बिजुरी से जो रेक कोयला लोड करने के लिए राजनगर साइडिंग पहुंचा था उसे बिना कोयला लोड किए ही आखिर रेलवे बंधन ने क्यों वापस ले लिया।