महाशिवरात्रि पर्व पर लगेगा छः दिवसीय मेला तैयारियों के संबंध में बैठक सम्पन्न
अनूपपुर
आगामी 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में 16 से 21 फरवरी तक 6 दिवसीय महाशिवरात्रि मेला आयोजित किया जाएगा। अमरकंटक में वर्षों से परम्परागत रूप से महाशिवरात्रि पर्व सम्पूर्ण भव्यता के साथ आयोजित किया जाता रहा है। जिसके परिप्रेक्ष्य में इस वर्ष भी मेला का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में अमरकंटक स्थित सर्किट हाऊस सभाकक्ष में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया, एसडीएम विवेक के.व्ही., नगर परिषद अमरकंटक की अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई, उपाध्यक्ष रज्जू सिंह नेताम, तहसीलदार टी.आर. नाग, मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमरकंटक चैन सिंह परस्ते, पार्षदगण सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित मेले में मेला ग्राउण्ड की व्यवस्था, कन्ट्रोल रूम की स्थापना, कार्यपालन दण्डाधिकारियों की ड्यिूटी, कानून व्यवस्था, वाहन पार्किंग, यात्री कर, सफाई व्यवस्था, प्रदर्शनी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य, पेयजल, अलाव, मूत्रालय एवं शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, प्रदूषण नियंत्रण, फायर ब्रिगेड, क्रेन, एम्बुलेंस की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा कर बिन्दुवार जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई। कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि मेले के लिए विद्युत, कानून व्यवस्था, पेयजल, स्वास्थ्य व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिष्चित की जांए। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी 6 दिवसीय मेले के दौरान सुनिष्चित की जाए। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में पाॅलीथीन का उपयोग न हो यह भी अधिकारी सुनिष्चित करें। प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से संबंधित साईन बोर्ड लगाए जांए। नर्मदा नदी में स्नान करने वालों के लिए स्थान निर्धारित कर लाईफ जैकेट के साथ होमगार्ड के आपदा मोचन दल की तैनातगी की जाए। मेले में अलग व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यिूटी सुनिष्चित की जाए तथा मानीटरिंग के लिए प्रभारी अधिकारी बनाए जांए। उन्होंने कहा कि मेले में विभागीय प्रदर्शनियों के साथ ही आजीविका मिशन से जुड़े स्वसहायता समूहों के स्थानीय उत्पाद तथा एक जिला एक उत्पाद के प्रोडेक्ट को भी बिक्री हेतु प्रदर्शित किया जाए।