प्रबंधन नियमों की उड़ा रहा है धज्जियां, स्कूल में डंडों से मारकर दी जाती है शिक्षा

प्रबंधन नियमों की उड़ा रहा है धज्जियां, स्कूल में डंडों से मारकर दी जाती है शिक्षा देखे वायरल वीडियो का सच


अनूपपुर/जैतहरी

शिक्षा के मंदिर में बच्चो को शिक्षा दिया जाता है मगर जिले के एक प्राइवेट विद्यालय में कुछ अलग माजरा दिखाई दे रहा है इस विद्यालय में बच्चो को शिक्षा देने माध्यम में डंडा का उपयोग किया जाता है। यह मामला अनूपपुर जिले के जैतहरी नगर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत लहरपुर में स्थित न्यू स्टेला मैरी स्कूल में 10 सितंबर 2022 को विद्यालय के शिक्षक के द्वारा बच्चो और विद्यालय प्रबंधन के सामने बच्चो को डंडा से मारा जा रहा है। डंडों से मारने का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है इस वीडियो में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि दबंग पब्लिक प्रवक्ता नही करता है मारने का वीडियो नियम के खिलाफ है सरकार कहती है कि बच्चो को मारकर नही प्यार से खेल के माध्यम से पढ़ाया जाना चाहिए मगर विद्यालय प्रबंधन और शिक्षक सरकार के बनाये हुए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। विद्यालय प्रबंधन का खामियाजा स्कूल के बच्चो को भुगतना पड़ता है। क्या विद्यालय प्रबंधन बताएगा कि यह कौन सा शिक्षा देने का माध्यम है।

*वायरल वीडियो*👇🏿👇🏿👇🏿


*क्या कहता है नियम*

स्कूलों में शिक्षक बच्चों के साथ मारपीट व दंडित नहीं कर सकेंगे। डंडों स्केल से पीटने अथवा अन्य प्रकार से प्रताड़ित करने पर शिक्षक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरोप साबित होने पर शिक्षक को तीन माह तक की सजा हो सकती है। संस्था पर एक लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। धारा 82 में सजा का प्रावधान शारीरिक दंड देना का दोष सिद्ध होने पर शिक्षक पर 10 हजार रुपए जुर्माना। दूसरी बार दोष सिद्ध होने पर तीन माह जेल। संबंधित शिक्षक को बर्खास्त करना अनिवार्य है।

*इनका कहना है*

 विद्यालय के छात्र स्कूल से बाहर जाकर सिगरेट पी रहे थे उनके माता पिता से परमिशन लेकर उनको सजा दी गयी है।

*विनीश जोसफ प्राचार्य न्यू स्टेला मैरी स्कूल लहरपुर जैतहरी*

अगर विद्यालय प्रबंधन ऐसा कर रहे है तो गलत है हम इसकी जांच करवाएंगे।

*टी आर आर्मो जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर*

बच्चो को किसी भी कारण से विद्यालय में मारना व शारीरिक मानसिक प्रताड़ना देना कानूनी अपराध है अगर बच्चो को सार्वजनिक स्थान पर डंडों से मारा गया है तो शिक्षक और संस्था पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।

*ललित दुबे सदस्य बाल कल्याण समिति अनूपपुर*




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