समाज के अंतिम व्यक्ति की भलाई की सोच रखते थे संत विनोबा- भूपेश शर्मा
*राष्ट्रीय युवा संगठन ने मनाई विनोबा जयंती*
अनूपपुर
संत विनोबा भावे ऐसे आध्यात्मिक ऊर्जा पूंज थे जो अपने पूरे जीवन भर गांधीजी के आदर्शों का अनुसरण करते रहे और गांधी जी के निर्वाण के पश्चात देश ही नहीं दुनिया को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते रहे। विनोबा जी ने भूदान आंदोलन के माध्यम से देश के लाखों करोड़ों गरीब परिवारों को अहिंसक तरीके से अमीरों, जमीदारों से लेकर जमीन का वितरण किया, लाखों एकड़ जमीन अहिंसक तरीके से समाज में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाई ऐसे महान शख्स की जरूरत आज के हिंसक शोषक और स्वार्थी समाज में है। उक्त विचार राष्ट्रीय युवा संगठन के पूर्व प्रदेश संयोजक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा ने विनोवा जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रगट किये। राष्ट्रीय युवा संगठन के प्रदेश संयोजक शिवकांत त्रिपाठी ने इस अवसर पर बिनोवा भावे के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि राजनीति में होते हुए समाज का कल्याण करने की भावना लोक सेवकों में कैसे विकसित हो इसके लिए विनोबाजी लगातार मार्ग प्रशस्त करते रहे।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार ललित दुबे ने विनोद जी को स्मरण करते हुए कहा कि आज के उन्माद ग्रस्त समाज में जब इंसान एक जमीन के टुकड़े के लिए अपने भाई तक को मारने से नहीं चूक रहा है, तब जमीदारों से, जागीरदारों से बड़े धन्ना सेठों से लाखों एकड़ जमीन उनकी सुरक्षा से लेकर गरीबों में बांट देना पूरी दुनिया में अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। श्री ललित दुबे ने बताया कि विनोवा जी के संत जीवन का प्रभाव ही था कि चंबल के खूंखार डकैतों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर अहिंसक समाज रचना की ओर कदम बढ़ाया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा संगठन की पूर्व जिला संयोजक रोसलीन उरांव, चंद्रशेखर सिंह, राजेश मानव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विनोवा जयंती के कार्यक्रम में संगठन के साथी उषा सिंह ज्योति सिंह कोमल सिंह आदि उपस्थित रहे।