चुनाव में क्या खिलायेगा गुल केसरिया कांग्रेस का गठजोड़ - पं अजय मिश्र
*अनूपपुर - "दौर-ए-चुनाव"*
हालहि में नपा अमरकंटक के संपन्न हुए चुनाव में तत्कालीन अध्यक्ष प्रभा पनारिया ने संगठन के द्वारा दरकिनार किये जाने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। जबकि पूर्व अध्यक्ष रज्जू नेताम ने भाजपाई सिंबल से चुनाव तो लड़ा किंतु अध्यक्ष का चुनाव आते आते उन्होंने संगठन को अपना महत्व बताते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया। वहीं वर्तमान नगरीय निकाय चुनाव बिजुरी में भाजपा अपना इतिहास दोहरा रही है, भाजपा ने वर्तमान अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह को टिकट न देकर उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार से बचने का प्रयास तो किया है किन्तु दूसरी तरफ उपाध्यक्ष सतीश शर्मा पर भाजपा मेहरबान नज़र आई। जबकि आरोप दोनो पर बराबर के हैं, जिसके पश्चात पुरुषोत्तम सिंह ने भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय के रूप में अपनी पत्नी को मैदान में उतारकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
*जनता का काम है सिर्फ चुनाव जिताना*
बात करे कोतमा की तो यहां के भी हाल जुदा नही है भाजपा ने वर्तमान अध्यक्ष के साथ-साथ हनुमान गर्ग सहित चार पार्षदों की टिकट काट दी जबकि सभी पार्षदों की गिनती अच्छे पार्षद के रूप में रही भाजपा के इस निर्णय का विरोध उसके कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार किया जा रहा है जिसकी बानगी सोशल मीडिया में देखी जा सकती है वही कार्यकर्ता के मन की बात करे तो आप जमीनी स्तर वो हताश नज़र आ रहा है उसका मानना है कि अब भाजपा केसरिया कांग्रेसी होती जा रही है दोनो दल के जिम्मेदार किसे कहाँ जीताना है अब आपस मे ही तय कर रहे है बहरहाल परिणाम जो भी हो हाशिये पर तो कार्यकर्ता के साथ साथ अब जनता भी है वैसे भी किसी ने कहा है कि जनता का काम सिर्फ चुनाव जिताना बस है।
*चुनावी प्रचार परवान चढ़ता दिखाई दे रहा*
कोयलांचल क्षेत्र में नगर पालिका चुनाव के मतदान को लेकर प्रचार अपने चरम पर है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियों समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इसके साथ ही दोनों पार्टियों के बड़े नेता भी चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। नेता, कार्यकर्ता अपने-अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए नुक्कड़ सभाएं व जनसम्पर्क करके उनके पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। चुनाव को लेकर प्रत्याशी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, ज्यों-ज्यों मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है चुनावी प्रचार परवान चढ़ता दिखाई दे रहा है।
*चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी*
इन दिनों नगर के सभी वार्डों में प्रत्याशियों के बैनर-झंडे लगी गाड़ियां सरपट दौड़ती नजर आ रही हैं। वहीं चुनाव में वोट समर्थन की अपील करते हुए पैम्पलेट व पोस्टर भी दिखने लगे हैं। प्रत्याशी सुबह से लेकर देर रात तक घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधने में लगे हैं। नगरपालिका के चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी और उनके समर्थक मतदाताओं के पैर छूकर मत रूपी आशीर्वाद लेने और नैया पार लगाने की दुहाई दे रहे हैं। इनमें प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद कराए जाने वाले विकास कार्यों का भी वादा कर रहे हैं। दिन भर के प्रचार के बाद रात को नगर के वार्डो में चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए सामूहिक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इसमें रुठों को मनाने की कवायद भी की जा रही है, साथ ही जातिगत समीकरण भी बिठाए जा रहे हैं।
*बागी प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं समीकरण*
भाजपा कांग्रेस पार्टी से बगावत कर एक और बड़ा थर्ड फ्रंट शहर के 15 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों के तोर में उतारने में सफलता हासिल की है। वहीं कुछ प्रत्याशी भाजपा के भी बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं तो वही कांग्रेस से बगावत कर जो थर्ड फ्रंट शहर में नगर पालिका चुनाव लड़ रहे है उससे लगता है कि कांग्रेस का तो नगर के कई वार्डों में समीकरण बिगड़ेगा। थर्ड फ्रंट में कांग्रेस के कई बड़े चेहरे नजर आ रहे हैं, नगर के कई प्रमुख वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी थर्ड फ्रंट समीकरण बिगाड़ने और बनाने में अहम भूमिका निभाएंगा। वही लोग आसार लगा रहे हैं कि कांग्रेस से बागी होकर थर्ड फ्रंट में निर्दलीय के रूप में लड़ रहे चुनाव व भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ रहे प्रत्याशी चुनाव मे जीत का अपना परचम लहराते हैं तो बड़े गुट के रूप में आकर नगर पालिका में चेयरमैन बनाने में भी अहम भूमिका हासिल कर सकते हैं।