ये कहावत हो रही चरितार्थ कौन सुनेगा, किसको सुनाएं सुर्ख़ियों के साथ विवादों में घिरा परिषद
अनूपपुर/राजनगर
जिले में सुर्खियों में रहने वाले बनगवां नगर परिषद में हमेशा ही विवादित रहा है। चाहे वह संविलियन मामला हो या नगर परिषद का घोटाला हो। इन सब से उबरने के लिए जनता व पार्षदों द्वारा निर्दलीय अध्यक्ष के रूप में पार्षदों द्वारा यशवंत सिंह को चुना गया। वहीं अब आए दिन सुनने को मिल रहा है कि इन पर भी कुछ ना कुछ आरोप लगने लगे हैं। उसके बावजूद भी सूत्रों के हवाले से खबर है। कि यशवंत सिंह के चुनावी माहौल में उनके ऊपर पैसों का दाव लगाने वाले कुछ निकटम चुनिंदा ठेकेदारों और नगर परिषद के चापलूस, कर्मचारियों को लाभ देने के लिए सुबह से लेकर शाम तक उन्हीं के साथ दिखाई दे रहे हैं। साथ ही अध्यक्ष यशवंत सिंह भी इन्ही चुनिंदा ठेकेदारों के हाथो की कटपुतली बन चुके है। जब पार्षदों ने निर्दलीय अध्यक्ष और कांग्रेस के एक उपाध्यक्ष पर अपना विश्वास दिखाया। तो इन दोनों द्वारा ही पार्षदों को दूध की मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया गया। अभी कुछ दिन पहले ही शपथ ग्रहण समारोह राजनगर के मधुवन क्लब में रखा गया था जिसमें कुछ पार्षदों का आना नहीं हुआ था जो जन चर्चा का विषय बना हुआ है। उसमें जन चर्चा यह है, अध्यक्ष ने अपने चहेते ठेकेदारों को शपथ ग्रहण समारोह का कार्य सौंपा हुआ था। जिस कारण कुछ पार्षद इससे खफा होकर शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आये। कैसे होगा जनता का विकास जब अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, अपने ही ठेकेदारों को उन को लाभ पहुंचाने के लिए हर समय जनता और अपने पार्षदों को को दरकिनार करते हुए कुछ अपने ही पसंद के ठेकेदारों के साथ उन को लाभ देने के लिए जनता को ठग रहे हैं। एक तरफ जनता ने भाजपा, कांग्रेश,पर विश्वास ना कर कर निर्दलीय पार्षदों पर विश्वास किया। लेकिन राजनगर की जनता फिर से ठगा हुआ महसूस कर रही है।