प्राचार्य के भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जाँच आवश्यक 2 अक्टूबर को होगी राज्यपाल से शिकायत
अनूपपुर
शासन द्वारा छात्र-छात्राओं को बेहतर सुविधा देकर शिक्षा अध्ययन के लिए नित नई योजनाएं बनाई जा रही है लेकिन विद्यालय के मुखिया शासन के मनसा पर पानी फेरकर मनमानी तरीके से कार्य करने में आतुर हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवगवाँ के प्रभारी प्राचार्य मोहम्मद साकिर विगत कई वर्षों से विद्यालय में शासन प्रशासन के नियम कानून को ठेंगा दिखाकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। प्राचार्य श्री साकिर मध्य प्रदेश शासन के जिम्मेदार अधिकारियों, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अधिकारी, को चैलेंज कर आर्थिक अनियमितता के साथ-साथ विद्यालय की पूरी व्यवस्था चौपट कर विद्यालय परिसर को कटघरे में खड़ा कर दिए हैं। इनके कार्यशैली को लेकर कई लोगों ने वर्षों से शिकायत कर रहे हैं लेकिन शिकायत पर जांच ना होकर लीपापोती किया जा रहा है । प्रभारी प्राचार्य साकिर द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत मध्य प्रदेश के राज्यपाल अमरकंटक आगमन पर 2 अक्टूबर को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की जाएगी । सूत्रों से जानकारी मिली है कि कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) एस. एम. शाकिर प्राचार्य,शा.उ.मा.वि. देवगवां जिला अनूपपुर स्पष्टीकरण प्रस्तुत किये जाने के विषयान्तर्गत नाम न छापने पर बताया गया है कि माध्यमिक शिक्षक (विज्ञान) शा.उ.मा.वि. देवगवां द्वारा दिनांक 17.11.2021 को आवेदन प्रस्तुत कर लेख किया गया है कि मूल पदस्थापना स्थान शास. मा. वि. देवगवां हेतु आदेशित करने के लिये निम्न बिन्दुओं के साथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
जानकारी मिली है कि प्रभारी प्राचार्य द्वारा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर गलित तरीके से अतिशेष शिक्षको का प्रस्ताव दिनांक 25.06.2021 को कार्यालय में प्रेषित करते हुये वरिष्ठ कार्यालय को गुमराह कर कार्यादेशित कराया गया है जबकि मा.वि. मे शासन स्तर से विज्ञान विषय के पद ही सृजित नही की गई है। वर्ष 2010 में प्रार्थी का जन शिक्षक पद से प्रतिनियुक्ति समाप्त होने पर प्रभारी प्राचार्य द्वारा स्वयं काउन्सलिंग के दौरान लिखित रिक्त पद की जानकारी विभाग को देने पर प्रार्थी की पदस्थापना शा. मा.वि. देवगवा में की गई है। वर्ष 2016 से विज्ञान विषय का कोई भी शिक्षक पदस्थ नही हुआ । प्रभारी प्राचार्य द्वारा यह कहा जा रहा है कि श्री आर.पी. मिश्रा विज्ञान शिक्षक है जबकि नियमित शिक्षक का 2008 में पदोन्नति विषयवार हुआ नहीं है एवं श्री मिश्रा विगत 13 वर्षों से अग्रेजी विषय का अध्यापन कार्य करा रहे हैं।
शिकायत पत्र मे उल्लेख है कि वर्ष 2013 से 2016 तक एवं सत्र 2020-21 में संस्था में विज्ञान का अतिथि शिक्षक रखकर अध्यापन कार्य कराया गया क्योकि वर्ष 2020-21 में प्रभारी प्राचार्य द्वारा प्रार्थी का स्थानीय स्तर पर जनशिक्षक का पदीय दायित्व सौपा गया था। प्रभारी प्राचार्य द्वारा शैक्षणिक व्यवस्था के तहत फरवरी 2021 में अध्यापन कार्य हेतु स्था में उपस्थिति के लिये आदेशित किया गया लेकिन प्रभारी द्वारा प्रार्थी को कालखण्ड आवंटित नहीं किया गया। अतिथि शिक्षक वर्ग-02 विज्ञान नगमा हाशमी पदस्थ रही लेकिन विज्ञान विषय का अध्यापन कार्य गणित विषय की अतिथि शिक्षक प्रिया शुक्ला द्वारा कराया गया एवं प्रार्थी का माह अप्रैल 2021 सा.मा.वि. लोढी के लिये प्रभारी प्रचार्य द्वारा आदेशित किया गया जो नियम विरुद्ध है।
प्रभारी प्राचार्य द्वारा माह अक्टूबर 2021 में प्रार्थी को शा.मा.वि. देवगवाँ में कालखण्ड आवंटित किया गया। मा.वि. देवगवां में पद रिक्त होने पर शासन के नियमानुसार अतिथि शिक्षक रखकर अध्यापन कार्य कराना चाहिए प्रार्थी को गलत तरीके से स्पष्टीकरण जारी किया गया वरिष्ठ कार्यालय को गलत भ्रमित कर मा.वि.लोढी के लिये कार्यादिशित कराया गया जबकि प्रार्थी को कक्षा 09 वीं एवं 10 के कालखण्डआवंटित नहीं किये गये और आज भी विज्ञान विषय का अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों द्वारा करवाया आपके पत्र क्रमांक / 124 दिनांक 25.06.2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई थी कि माध्यमिक शिक्षक, विषय विज्ञान अतिशेष की श्रेणी में आते हैं। इसी तरह प्रभारी प्राचार्य मोहम्मद शाकिर द्वारा लगातार सैकड़ों भ्रष्टाचार किए गए हैं उनकी शिकायतें की जाती हैं जांच टीम बनती है लेकिन जांच नहीं होती शिकायत को दबा दी जाती है इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सोनिया मीना, जिला पंचायत सीईओ सोजान सिंह, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पीएन चतुर्वेदी, से मांग की गई है कि शाउमावि देवगवाँ के प्रभारी प्राचार्य द्वारा किए जा रहे आर्थिक अनियमितता एवं नियम कानून के विपरीत कर रहे कार्यों की जांच करा कर कारवाई की जाए।