महाविद्यालय में लिखी गई भ्रष्टाचार की इबारत, जनभागीदारी मत का किया बंदरबांट
*छात्रों के पैसे से बनी जनभागीदारी मद बना भ्रष्टाचार का जरिया एक ही प्रकार के कार्य के लिए कई बार भुगतान*
इन्ट्रो:- कोतमा विधानसभा के महाराजा मार्तंड महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य और सहायक अध्यापकों ने मिलकर जनभागीदारी मटका जमकर बंदरबांट किया है। जनभागीदारी मत में स्थित लाखों रुपए का प्रभारी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापकों ने मिलकर नैक मुल्यांकन के नाम पर जमकर राशि आहरण की है। महाविद्यालय में नैक मूल्यांकन के नाम पर महाविद्यालय की रूपरेखा और अधोसंरचना बदलने के नाम पर एक ही प्रकार के कार्य का कई बार भुगतान भी किया गया है वही नैक मूल्यांकन के नाम पर पहले जनभागीदारी मत से भुगतान किया गया फिर उक्त भुगतान को सहायक प्राध्यापकों ने अपने पर्सनल अकाउंट में राशि भी आहरण जनभागीदारी मद में ऑनलाइन सुविधा ना होना बताकर कर ली गई है। जिस पर जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
अनूपपुर/कोतमा
महाराजा मार्तंड महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के शिक्षा दीक्षा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने एवं महाविद्यालय के अधोसंरचना और विकास के लिए जनभागीदारी मद में 2021-22 में लाखों रुपए थे जिस पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापकों की नजर लंबे समय से थी। जिसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एन.ए.ए.सी.) नैक मूल्यांकन के नाम पर महाविद्यालय में खिड़की दरवाजे, बाथरूम के दरवाजे, स्टाफ रूम, क्लास रूम लाइब्रेरी सपोर्ट रूम आदि से लेकर झाड़ियां तक जनभागीदारी मद से कार्य करवाया गया। जिस पर राशि का जमकर बंदरबांट किया गया। जनभागीदारी के लाखों रुपए महाविद्यालय की अधोसंरचना बनाने के बाद भी नैक की टीम द्वारा महाविद्यालय को ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर c (सी) ग्रेड दिया गया। जो कि महाराजा मार्तंड महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए बेहद शर्मनाक रहा।
*एलमुनियम वर्क पर खर्च कर दिए लगभग 12 लॉख*
महाराजा मार्तंड महाविद्यालय में जनभागीदारी मत से नैक टीम कि महाविद्यालय में आकर ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर ग्रेड देने को लेकर लंबे समय से महाविद्यालय की अधोसंरचना और विकास का काम किया जा रहा था। जिसको लेकर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार प्रभारी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापकों ने मिलकर कर दिए। जिसमें आइक्यूएसी रूम, परीक्षा विंडो, स्टोर रूम, स्मार्ट क्लास विंडो ,स्टाफ रूम डोर पार्टीशन ,बाथरूम दरवाजे पर एलमुनियम वर्क, महाविद्यालय के अन्य कक्षाओं पर एलमुनियम वर्क और स्टाफ रूम में पार्टीशन के नाम पर एलमुनियम वर्क के आधार पर जनभागीदारी मत से 07 पत्रों के आधार पर सिंघाई फर्नीचर शहडोल को 11लाख 69 हजार 978 का भुगतान किया है। वहीं अन्य भुगतान के बिल तथा भुगतान के लिए दिए गए पत्र अभी मौजूद न होने के कारण अन्य भुगतान की जानकारी अभी लगी नहीं है वहीं जिन भुगतान ओं की जानकारी राज एक्सप्रेस के संवाददाता को लगी है उसके आधार पर अब तक लगभग 12 लाख तक का भुगतान किया जा चुका है जो कि एलमुनियम वर्ग के नाम पर महाविद्यालय में जनभागीदारी मद से राशि का बंटाधार किया गया है। जिसकी जांच किया जाना अति आवश्यक है अगर जांच पर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार व अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों पर कार्यवाही भी की जानी चाहिए।
*इलेक्ट्रिक वर्क के नाम पर भी निकले लाखों*
सन 2021 और 2022 में महाराजा मार्तंड महाविद्यालय में इलेक्ट्रिक वर्क ,पंखा रिपेयरिंग ,बिजली फिटिंग पेंटिंग के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान जनभागीदारी मद किया गया है। महाविद्यालय में इलेक्ट्रिक वर्क और बिजली फिटिंग के नाम पर कई बार जनभागीदारी मद से राशि का आहरण किया गया है। विभिन्न पत्रों के माध्यम से निविदा निकालकर बिजली फिटिंग और इलेक्ट्रिक वर्क के नाम पर लगभग ₹238000 का भुगतान किया गया है। जोकि वित्तीय अनियमितताओं के शक के दायरे में आ रहा है। सवाल उठता है कि 2 सालों के अंदर महाविद्यालय के कितने रूम और कितने कमरों पर बिजली फिटिंग के नाम पर लाखों रुपए कारण कर लिया गया है क्या प्रत्येक माह इलेक्ट्रिक वर्क और रिपेयरिंग की जरूरत महाविद्यालय को पड़ रही है। क्या विद्युत फिटिंग करने वाले फर्म द्वारा गुणवत्ता विहीन समान लगा दिया जाता है कि हर माह महाविद्यालय को बिजली फिटिंग करवाने की आवश्यकता आन पड़ती है। वही नैक मूल्यांकन के नाम पर महाविद्यालय द्वारा मनमाने तौर पर निविदा निकालकर राशि आहरण कर ली गई है। महाविद्यालय के उच्च अधिकारियों को किए गए कार्यों की जांच करने की जरूरत है ताकि छात्र छात्राओं के जनभागीदारी की राशि का खुलासा हो सके।
*नैक मूल्यांकन पर महाविद्यालय को मिला C (सी ग्रेड*
महाराजा मार्तंड महाविद्यालय में नैक की टीम मूल्यांकन करने पहुंची जहां महाविद्यालय के अधोसंरचना पर कार्य तो दिखा लेकिन छात्र छात्रों की पढ़ाई यों के लिए उपयोगी लाइब्रेरी प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष, वही छात्रों के अध्यापन संबंधित अन्य वस्तु स्थिति का जायजा नैक मूल्यांकन टीम द्वारा किया गया जिसकी रिपोर्ट जाकर नैक टीम ने सम्मिट की जिस पर नैक टीम द्वारा मूल्यांकन कर महाराजा मार्तंड महाविद्यालय को मूल्यांकन C (सी)ग्रेड पर दिया गया। जिस कारण से महाविद्यालय और छात्र छात्राओं के विकास के लिए विश्व बैंक से मिलने वाली सहायता राशि भी अब महाराजा मार्तंड महाविद्यालय को नहीं मिल पाएगी। वही महाविद्यालय में स्तर भिन्न हो रहे पठन-पाठन के कारण छात्रों का भविष्य संकट में पड़ा हुआ है वही प्रभारी प्रचार के साथ मिलकर लकडा और पटेल द्वारा महाविद्यालय की जनभागीदारी मध्य का जमकर बंटाधार कर दिया है जिसके बाद अब छात्रों का भविष्य संकट में पड़ता दिखाई दे रहा है वहीं पूर्व छात्रों का कहना है कि उक्त विषय को प्रमुखता से लेते हुए मध्यप्रदेश शासन एवं शिक्षा विभाग को जांच कर दोषी पाए जाने पर अमुक व्यक्तियों को ऊपर कार्रवाई की जानी चाहिए।