हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की स्मृति में वॉलीबॉल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की स्मृति में वॉलीबॉल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

*खेल से होता है शारीरिक और मनसिक विकास-डाॅ. विक्रम सिंह बघेल*


अनूपपुर

आजादी के 75वां अमृत महोत्सव में जिले के नेहरू युवा केन्द्र ब्लाॅक अनूपपुर (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार) के निर्देशानुसार एवं डिप्टी डायरेक्टर आर.आर. सिंह तथा लेखा एवं कार्यक्रम सहायक मनीष चौहान के मार्गदर्शन में हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द्र के जन्म दिवस पर 29 अगस्त 2022 को शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्रांगण में महाविद्यालय के प्राचार्य विक्रम सिंह बघेल के द्वारा हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द्र जी के छायाचित्र पर दिप प्रज्जवलित और माल्यार्पण कर वाॅलीबाॅल खेल का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

*खेल दिवस आयोजन पर ये प्रतिभागी रहे उपस्थित*

शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्रांगण में शिवचरण सिंह, मनोज सिंह, शिवकुमार सिंह, अमन, रोशन, राजकुमार, देवेन्द्र सिंह, शान्तनु, हरवंश सिंह, विवके सिंह, चाहत कुमार, नन्दकुमार सिंह, हरदीप सिंह, कमलेश, कमल भान, हेतराम, ओमप्रकाश, जगदीश, मथुरा सिंह, अरविन्द, आयोध्या, महेन्द्र सिंह, तथा शिवम पटेल ने हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द्र जन्मदिवस पर तुलसी महाविद्यालय के प्रांगण में सभी प्रतिभागी खेल का हिस्सा बने।

*महाविद्यालय के प्राचार्य ने प्रतिभागियों को बताया महत्व*

शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्राचार्य ने खेल में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को खेल का महत्व बताते हुए कहा कि खेल बहुत ही अच्छी शारीरिक गतिविधि है जो तनाव और चिन्ता से मुक्ति प्रदान करता है। यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा भविष्य और पेशेवर जीवन का क्षेत्र प्रदान करता है। यह खिलाड़ियों को उनके आवश्यक नाम, प्रसिद्धी और धन देने की क्षमता रखता है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि, व्यक्तिगत लाभ के साथ ही पेशेवर लाभ के लिए भी खेल सकते हैं। दोनों ही तरीकों से, यह हमारे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को लाभ पहुँचाता है। 

*नेहरु युवा के कार्यकर्ताओं ने प्रतिभागियों को समझया खेल का मूल्य*

नेहरु युवा के कार्यकर्ताओं ने सभी प्रतिभागियों को बताया खेल का मूल्य उन्होंने कहा कि खेल गतिविधियों में शामिल होना एक व्यक्ति के लिए बहुत से तरीकों से लाभदायक होता है। यह न केवल शारीरिक ताकत प्रदान करता है बल्कि, यह मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है। बाहर खेले जाने वाले खेल फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, हॉकी, दौड़ आदि शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तंदरुस्ती को सुधारने में मदद करते हैं। यद्यपि, कुछ घर के अन्दर खेले जाने वाले खेल जैसे दिमागी खेल, शतरंज आदि हमारी मानसिक शक्ति और मन एकाग्र करने की क्षमता के स्तर को बढ़ाते हैं। कुछ लोग अपने शरीर और मस्तिष्क की तंदरुस्ती, आनंद आदि के लिए नियमित रुप से खेलते हैं हालांकि, कुछ अपने जीवन में बहुमूल्य दर्जा पाने के लिए खेलते हैं। कोई भी निजी और पेशेवर जीवन में इसके मूल्य को अनदेखा नहीं कर सकता है। पहले ओलम्पिक खेल 1896 में एथेंस में आयोजित हुए थे, जो अब नियमित रुप से हर चार साल बाद विभिन्न देशों में आयोजित होते हैं।

*तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के श्री संत ने खेल को बताया जरुरी*

तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के श्री संत ने कहा कि जीवन में खेलकूद का भी उतना ही महत्व है, जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेलकूद न केवल छात्रों का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे तो पढ़ाई लिखाई की ओर भी ध्यान देंगे। खेल के अंतर्गत शरीर बहुत अधिक परिश्रम करता है, परिणामस्व रूप अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। यही ऑक्सीजन हमारे रक्त को शुद्ध करती है तथा भोजन को पचाने में सहायता करती है। जिसने खेलों को महत्व दिया है वह सदैव प्रसन्न, स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, उसमें आत्मविश्वास रहता है। 

*ये रहे उपस्थित*

तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्रांगण में मेजर ध्यानचन्द्र जयंती एवं खेल दिवस के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में तुलसी महाविद्यालय के डाॅ. विक्रम सिंह बघेल, तुलसी महा विद्यालय जे.के. संत, डाॅ. तरन्नुम सरवत, डाॅ. गीतेश्वरी, श्री उपाध्याय, डाॅ. देवेन्द्र सिंह बागरी, नेहरु युवा केन्द्र के कार्यकर्ता सानू श्रीवास्तव, शुभम शुक्ला, प्रकाश कुशवाहा, सिद्धार्थ मिश्रा तथा महाविद्यालय के छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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