नेत्रदान पखवाड़ा के पहले दिन 7 लोगो ने घोषणा पत्र भरकर लिया नेत्रदान का संकल्प
अनूपपुर
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलाए जा रहे नेत्रदान पखवाड़ा के प्रथम दिवस के आयोजन 8 सितंबर को 7 लोगो ने नेत्रदान का संकल्प लेकर इस आशय का घोषणा पत्र भरा। आज से नेत्रदान से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं जिसमें जनमानस को नेत्रदान की जानकारी दी गई।
जिला चिकित्सालय अनूपपुर के नेत्र रोग चिकित्सक डॉ जनक सारीवान ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एससी राय के मार्गदर्शन में नेत्र विभाग जिला चिकित्सालय अनूपपुर द्वारा "नेत्रदान पखवाड़ा" के पहले दिन अनूपपुर नगर के 7 लोगो ने नेत्रदान का संकल्प लेकर इस आशय का घोषणा पत्र भरा। जिसमे समाजसेवी, चिकित्सक एवं व्यवसाई शामिल हैं। 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा में विभिन्न स्थानों में नेत्र शिविर का आयोजन किया जायेगा। रैली निकाल कर आमजन को नेत्रदान के लिए जागरूक एवं प्रेरित कर नेत्रदान का घोषणा पत्र भरवाया जावेगा।
डॉ सारीवान ने बताया कि जिले में सैकड़ों ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों में चोट या अन्य समस्यायों के कारण पुतली (कॉर्निया) में सफेदी या फूली पड़ गई है। जागरूकता के अभाव में आंखों में चोट लगने या आंखों की अन्य समस्यायों पर लोग बिना चिकित्सक के सलाह के आई ड्रॉप या ट्रेडिशनल आई मेडिसिन जैसे - पौधे या पत्तियों के रस, दूध, घी, टूथपेस्ट,तेल इत्यादि डाल लेते है, जो बाद में पुतली में सफेदी या फूली का कारण बन जाते हैं जिस कारण दिखाई देना कम हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों में नेत्रदान के द्वारा पुतली का प्रत्यारोपण से नजर को वापस लाया जा सकता है। यह सब जागरूकता और जानकारी के अभाव एवं सामाजिक व धार्मिक कारणों से नेत्रदान बेहद कम हो पाते हैं।
उन्होंपने बताया कि मरणोपरांत आंखे मिट्टी में मिल जाती हैं,परंतु नेत्रदान के द्वारा हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान कर सकते हैं जिससे किसी जरूरतमंद को नव जीवन मिल सकता है वह व्यक्ति जिसे नेत्र प्रत्यारोपित होगा वह दान दी गई आंखों से संसार को देख सकता है जो बहुत ही पुण्य का कार्य है। उन्होंने बताया कि नेत्रदान की घोषणा जीवनकाल में करना होता है जबकि नेत्रदान मरणोपरांत किया जाता है। नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान जनमानस को नेत्रदान से संबंधित जानकारी एवं जागरूक किया जावेगा। जिससे अधिक से अधिक नेत्रदान की घोषणा की जा सके ताकि अनेकों दृष्टिहीनों को नेत्र ज्योति मिल सके।