4 माह में बदल गए 3 सीएमओ फिर भी समस्या ही समस्या, 3 दिन का अल्टीमेटम, होगा अनशन
अनूपपुर/बिजुरी
नगरपालिका परिषद बिजुरी कि पूर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी के विरूध्द बिजुरी थाने में अपराध पंजीबध्द होने के बाद जिला कलेक्टर अनूपपुर द्वारा 25 मई 2022 को तत्कालीन मुख्य नपा अधिकारी मीना कोरी को जिला शहरी विकाश अभिकरण में इस आशय से बतौर सहायक परियोजना अधिकारी के रूप में संलग्न किया गया कि प्राथमिक जांच प्रभावित ना हो। और इनके स्थान पर डूमरकछार नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बिजुरी नपा का प्रभार सौंप दिया गया था, ताकि नगर की मूलभूत समस्याओं का समाधान सुचारू रूप संचालित हो सके। लेकिन इन 4 माहों में जिला कलेक्टर अनूपपुर ने जिस तरह से 3 बार बिजुरी नगर पालिका में मुख्य नपा अधिकारियों को बदला है, उससे नगर विकास एवं जन समस्याएं और अधिक प्रभावित ही हुआ है, मसलन नगर व नगर के लोगों कि समस्याऐं जस कि तस बनी पडी़ है। और लोग मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से अब तक वंचित हैं। वार्ड क्रमांक 01 एवं वार्ड क्रमांक 9 व 11 ऐसी ही समस्याओं से जूझ रहा है। वार्ड क्रमांक- 1 में जहां साफ-सफाई सहित कीटनाशक दवाई व फिनायल छिड़काव कि समस्या से लोग जूझ रहे हैं। वहीं वार्ड क्रमांक-9 एवं 11 में पीने योग्य पानी कि समस्या से लोग जूझते नजर आ रहे हैं। जिसके लिऐ नगर के समाजसेवी दीपक गुप्ता द्वारा वर्तमान नपा प्रभारी बिजुरी को आवेदन देकर पानी कि समस्याओं से निजात दिलाने का मांग किया गया है। साथ ही श्रीगुप्ता ने कहा है कि अगर 3 दिवस के भीतर पानी कि समस्याओं से निजात नही दिलाया गया तो समस्त वार्डवासी नपा बिजुरी के समक्ष अनशन को बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी नगरपालिका बिजुरी कि होगी।
*3 नपा अधिकारी बदलने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ही रहे नगरवासी*
जिला कलेक्टर अनूपपुर ने नगरपालिका बिजुरी का एक तरह से राजनीति करण ही किया हैं। कारण महज 4 माहों में लगातार 03 मुख्य नपा अधिकारियों को बदलने के अतिरिक्त इनके द्वारा बिजुरी नगर कि समस्याओं से लोगों को निजात दिलाने में जरा भी दिलचस्पी नही दिखाया गया। नतीजतन वर्तमान समय में भी बिजुरी नगरवासी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। किसी वार्ड में साफ-सफाई नही होती तो कहीं फिनायल एवं कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव नही होता, तो कहीं पानी कि समस्या अब तक बनी हुयी है। ऐसी तमाम बुनियादी समस्याऐं नगरभर में अब भी व्याप्त है।
*विकास का दम्भ भरने वाली भाजपा सरकार भी बिजुरी कि समस्याओं पर धारण कर लिऐ हैं मौन*
सबका साथ सबका विकाश और सबका विश्वास का नारा बुलंद करने वाली भारतीय जनता पार्टी शासित सरकार द्वारा प्रदेश व देश में भले ही अनेकों विकाश कार्य किऐ गऐ हैं। किन्तु नगरपालिका बिजुरी द्वारा बीते 5 वर्षों में व्यापक तौर पर भृष्टाचार ने ही अपनी जडे़ं जमायी है। और जितना भृष्टाचार इन 05 वर्षों में हुआ है, उतना भृष्टाचार नगरपालिका बिजुरी के इतिहास में शायद ही कभी हुआ होगा। बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी के जिलाशीर्ष नेताओं सहित अन्य नेताओं ने कभी भी नगरपालिका बिजुरी में हो रहे भृष्टाचार पर अपनी जुबां नही खोली। पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल, नपा उपाध्यक्ष शतीस द्विवेदी, पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष मुकेश जैन सहित कुछेक नेता ही ऐसे शख्स रहे जिन्होने समय-समय पर नगर कि समस्याओं एवं नपा बिजुरी में हो रहे भृष्टाचार पर अपनी आवाजें बुलंद कि वर्ना नगर कि समस्याओं व भृष्टाचार पर सारे नेताओं के कण्ठ से स्वर अब तक नही फूटे। लिहाजा नगर के लोग अपनी समस्याओं के लिऐ स्वयं ही सड़कों पर उतरकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाते रहे हैं, क्योंकी नपा बिजुरी में उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई भी मौजूद नही था।
*जन आक्रोश के कारण आगामी चुनाव में भाजपा को हो सकता है नुकसान*
इन पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी शासित नगरपालिका बिजुरी में जिस तरह से विकाश कि जगह भृष्टाचार को तरजीह दिया गया था। उससे आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा का नगरपालिका बिजुरी में पुनः कब्जा होगा, ऐसा कहना काफी मुस्किल है। क्योंकि भाजपा के जिला शीर्ष नेतागण चुनाव पूर्व टिकट भी ऐसे लोगों को वितरण करते हैं, जो जमीनी कार्यकर्ता को बगावत के लिऐ मजबूर कर देता है। वहीं नगर कि जनता भी बीते 5 वर्षों के कार्यकाल से असंतुष्ट होकर बैठे हैं।
*प्रभारी सीएमओ को नगर विकास पर ध्यान देने कि है आवश्यक्ता*
नगर बिजुरी में व्यापक तौर पर उपजे समस्याओं पर गम्भीरता दिखाते हुऐ प्रभारी नपा अधिकारी को समस्याओं के निराकरण कि दिशा में उचित कदम उठाने कि आवश्यक्ता है, जिससे नगर कि मूलभूत सुविधाऐं लोगों को वापस मिलने लग जाऐ।