जनप्रतिनिधि के रूप में अब केवल राजनैतिक लोग ही नहीं सामाजिक क्षेत्र के लोगों को भी आगे लाना होगा
अनूपपुर/भालूमाडा
पसान नगर पालिका के 18 वार्डों में नाम वापसी एवं चुनाव चिन्ह आवंटन होने के बाद सभी वार्डों में उम्मीदवारों द्वारा अपने पक्ष में वोट के लिए मतदाताओं के घर-घर जा रहे हैं।
हर उम्मीदवार अपने आपको वार्ड का जन सेवक कर्मठ सेवक बता रहे हैं।
वही इस चुनाव में 18 वार्डों में सबसे अधिक चर्चित कोई वार्ड है तो वह है वार्ड क्रमांक 18 इस वार्ड से कांग्रेस भाजपा एवं निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर श्यामल मंडल की चर्चा पूरे क्षेत्र में है और हर कोई चाहता है कि डॉक्टर मंडल जैसे व्यक्ति को परिषद में जगह मिले यह इसलिए नहीं कि डॉक्टर मंडल कोई बड़े आदमी या राजनेता हैं बल्कि इसलिए कि डॉक्टर मंडल इस क्षेत्र के लिए एक डॉक्टर के रूप में सबसे बड़े सेवक हैं।
वर्तमान में यह मिथक है कि राजनैतिक लोग ही जनसेवक हो सकते हैं, नगर का विकास कर सकते हैं लोगों की मूलभूत पानी बिजली साफ-सफाई जैसी समस्या का समाधान कर सकते हैं लेकिन एक डॉक्टर के रूप में जो 24 घंटे लोगों की मदद करने को तैयार रहता हो दिन हो रात हो जब भी किसी को तकलीफ हुई डॉक्टर मंडल उनके घर पहुंच जाते ईतना ही नहीं इलाज के बदले कोई पैसा दिया तो ठीक नहीं दिया तो भी ठीक यहां तक कि गरीबों को इलाज के साथ-साथ उन्हें दवाई देना उनकी आर्थिक मदद करना हो डॉक्टर मंडल सदैव करते रहे हैं।
कोरोना का काल में जब पूरे देश में बीमारी से हाहाकार मचा था बड़े-बड़े डॉक्टर हॉस्पिटल लोगों को छूना नहीं चाहते थे उस समय इस पसान जैसे सुविधा विहीन नगर में इलाज की कोई सुविधा नहीं थी कुछ सामर्थ्य लोग किसी तरह अपना इलाज तो करवा लेते थे लेकिन यहां के गरीब किसान मजदूर का एक ही सहारा था डॉक्टर मंडल जिन्होंने बिना डर भय के लोगों का इलाज किया यहां तक कि डॉ मंडल को अनेक लोग टोकते भी थे कि आप जिस तरह से कर रहे हैं कहीं आप भी उसकी चपेट में ना आ जाएं लेकिन डॉक्टर मंडल ने अपनी चिंता किए बगैर लोगों के घरों में भी जाकर सबकी मदद की यह वह समय था जब पड़ोसी भी अपने पड़ोसी से दूरी बना लिया था लेकिन डॉक्टर मंडल का घर 24 घंटे मरीजों के लिए खुला था इस दौरान डॉ मंडल ने कभी भी अपने अपने परिवार की चिंता नहीं किए बल्कि लोगों की मदद करते रहे लेकिन उनकी इस सेवा का प्रतिफल कहें या उनकी छोटी सी भूल कहे उन्हें अपने जीवन साथी को खोना पड़ा।
कोरोना महामारी के दौर में उन्हें भी पता नहीं चल सका कि वह स्वयं व उनकी पत्नी भी इसकी चपेट में आ चुके हैं और पारिवारिक कार्यक्रम में कोलकाता जाते समय अचानक उनकी पत्नी की तबीयत खराब हुई और वह अपने पति व एक बेटी एक बेटा को छोड़ कर चली गई।
इस दुखद घटना के बाद डॉक्टर मंडल बिल्कुल अकेले पड़ गए वापस उन्होंने पसान में आने का निर्णय लिया और अपनी बेटी बेटा के साथ घर आए दुख की इस घड़ी में नगर के लोगों ने डॉक्टर मंडल का साहस बढ़ाया उनका साथ दिया और आज पुनः डॉक्टर मंडल उसी प्रकार लोगों की सेवा कर रहे हैं।
पसान नगरपालिका का चुनाव आने पर उनके समर्थकों ने चुनाव लड़ने की बात कही उसका सिर्फ कारण यही था कि इससे उनका एकाकीपन दूर होगा और वे और उनकी बेटी बेटा भी मां की कमी को शायद भूल पाए ।
जनप्रतिनिधि के रूप में अपने नगर के लोगों का अच्छी तरह से देखभाल कर सकेंगे इस चुनाव में भाजपा संगठन भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम ने पसान वार्ड पार्षद के रूप में डॉक्टर श्यामल मंडल को वार्ड क्रमांक 18 से प्रत्याशी बनाकर नगर वासियों की इच्छा को पूरा किया।
समाज में आज भी अच्छे लोगों का स्थान धर्म राजनीति जाति पाति से ऊपर है राजनगर इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि वहां की नगर पंचायत चुनाव में एक पत्रकार के रूप में सामाजिक सेवा करने वाले सुनील चौरसिया जो कि वार्ड क्रमांक 12 से भाजपा के पार्षद प्रत्याशी थे उन्हें सभी नगर वासियों राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों के द्वारा उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया किसी भी व्यक्ति या पार्टी ने पत्रकार सुनील चौरसिया के विरोध नामांकन तक नहीं किया यह मिसाल है सामाजिक सेवा के लिए यह जरूरी नहीं कि जनसेवक केवल नेता ही होते हैं पसान मे भी समय रहते डॉक्टर मंडल के लिए प्रयास किया जाता तो अत्यंत सराहनीय होता लेकिन अभी भी समय है वार्ड की जनता एवं नगर के समस्त जनप्रतिनिधि पार्टी के पदाधिकारी वरिष्ठ जनों को इस पर विचार करना चाहिए कि डॉक्टर मंडल जैसे व्यक्तित्व को पार्षद पद पर जीता कर हम सब भी अपना फर्ज निभाएं चुनाव -राजनीति पार्टी तो जीवन का अंग बन चुका है वह तो आता जाता ही रहेगा लेकिन समाज में एक नई पहल नई सोच को सामने लाने की पहल भी अब जरूरी है इस बात पर नगर वासियों को विचार करना चाहिए।