पानी के लिऐ मचा हाहाकार, जनप्रतिनिधि की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
*स्थानीय निकाय प्रशासन पानी उपलब्ध कराने में हो रहे हैं नाकाम, जिला प्रशासन कराऐ पानी का इंतजाम*
अनूपपुर/बिजुरी
बिजुरी नगरपालिका अन्तर्गत समस्त वार्डों में पानी कि भीषण समस्या उत्पन्न है, लेकिन लोगों को पानी कि समस्या से निजात दिला पाने में नपा के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी नकारा साबित हो रहे हैं। वहीं वार्ड क्रमांक 14 में स्थिती और अधिक भयावह है, जिसकी मुख्य वजह इस वार्ड के पार्षद को माना जाऐ तो यकीनन अनुचित नही होगा। वार्ड पार्षद बी.के. बंसल ओछी मानसिकता का इस कदर शिकार हुऐ हैं कि इस वार्ड में किसी को भी पानी उपलब्ध नही करा रहे हैं, नगरपालिका बिजुरी लोगों कि मांग पर कभी-कभार टैंकर के माध्यम से वार्ड क्रमांक 14 में पानी भेजती भी हैं, तो वार्ड पार्षद गुण्डागर्दी पर उतारू हो जाता है, और टैंकर चालक के साथ ना सिर्फ अभद्रता करता है, बल्कि टैंकरों को वापस भी लौटा देता है। जिससे इस भीषण गर्मी में वार्डवासी दूर-दराज से पानी लाने को विवश हैं। वार्ड वासियों कि मानें तो पानी कि समस्या के निराकरण हेतु कयी बार नगरपालिका बिजुरी में गुहार लगाया गया है, किन्तु वार्ड पार्षद के दर्जन भर गम्भीर आपराधिक पृष्ठभूमी को देखते हुऐ नपा बिजुरी का कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधी व अधिकारी कर्मचारी इस वार्ड में पानी कि समस्या से लोगों को निजात दिला पाने में सामर्थ नही दिखा पा रहे हैं। नगरपालिका अध्यक्ष पुरूषोत्तम सिंह से पानी कि मांग करने पर ही जैसे-तैसे पानी मिल पाता है, वर्ना वार्ड पार्षद के आगे सारे बेकार और निकम्मे साबित हो चुके हैं।
*सर्वाधिक जल संकट से जूझता है यह वार्ड*
बिजुरी नगर मे कयी कोयला खदानें संचालित हैं तो कयी बंद भी हो चुकी हैं, और यह सब कोयला खदानें भूमिगत परियोजना के अन्तर्गत संचालित हैं, जिससे क्षेत्र का जलस्तर काफी निचले स्तर तक जा पहुंचा है, लिहाजा साल के बारह महीने नगर भर में पानी कि समस्या बना रहता है, वहीं गर्मी के दिनों में पानी कि यह समस्या और अधिक विकराल रूप धारण कर लेता है। विशेषकर वार्ड क्रमांक 14 में जहां 02 भूमिगत खदानें संचालित होकर बंद हो चुकी हैं, इस कारण से इस वार्ड का जलस्तर काफी नीचे तक जा पहुंचा है, मसलन हैण्डपम्प, कुंआ, बोरवेल यह सभी जल साधन अन्य वार्डों के अपेक्षा इस वार्ड में पूरी तरह से असफल हैं। इसी कारण से इस वार्ड में पानी कि किल्लत अन्य वार्डों के अपेक्षा कहीं अधिक भयावह स्थिती उत्पन्न करती है।
*पानी जैसी चीजों को भी मना करता है, पार्षद बी.के.बंसल*
आमतौर पर पानी के लिऐ कोई भी किसी को कभी भी मना नही करता है, लेकिन इस वार्ड का पार्षद अपने सनकपन में इस कदर चूर हो चुका है, कि पानी जैसे चीजों को भी आम जन तक मुहैया नही होने दे रहा है। इससे इसकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कि यह शख्स बतौर जनप्रतिनिधी वार्ड का कितना विकाश किया होगा। लोगों कि मानें तो वार्ड पार्षद एक आदतन अपराधी प्रवत्ती का व्यक्ती है, जिस पर दर्जनों गम्भीर अपराध दर्ज हो चुके हैं। और पूर्व में इसे जिलाबदर भी किया जा चुका है। फिर भी इस व्यक्ती के स्वाभाव में किसी तरह का परिवर्तन नही हुआ है, आज भी यह क्षीण मनोस्थिती से ही गुजर रहा है।
*आम लोगों कि बुनियादी समस्याओं को जिला प्रशासन कराऐ बहाल*
महज चंद वर्षों में मजदूर से करोडो़ं का असामी बना वार्ड पार्षद जिस तरह से लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर स्वयं-भू बना बैठा है, उस पर स्थानीय निकाय प्रशासन कार्यवाई करने में निश्चित तौर पर बौना साबित हो रहा है, लिहाजा आमलोगों कि समस्याओं पर गम्भीरता दिखाते हुऐ जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने कि आवश्यक्ता है। जिससे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे आमजनों कि समस्याओं का समाधान हो सके, वहीं चंद वर्षों में मजदूर से करोड़पति तक का सफर करने वाले ओछी मानसिकता के शिकार वार्ड पार्षद के सम्पत्ति कि जांच भी प्रशासन को निश्चित तौर पर करना चाहिऐ जिससे पता चल सके कि आखिरकार वह कौन सा मंत्र है जिसे फूंकने के बाद एक मजदूर महज चंद वर्षों में करोडो़ं का मालिक बन गया है।