नगर पालिका चुनाव में कैसे लगेगी नैया पार आपसी गुटबाजी के चलते बनते बिगड़ते समीकरण

नगर पालिका चुनाव में कैसे लगेगी नैया पार आपसी गुटबाजी के चलते बनते बिगड़ते समीकरण


अनूपपुर/भालूमाडा

पसान नगरी निकाय चुनाव की तिथि घोषित हो चुकी है 11 जून से 18 जून तक नामांकन भरा जाना है जिसके लिए नगर के एक से लेकर 18 वार्डो में वार्ड पार्षद के लिए प्रत्याशियों की भीड़ नजर आ रही लेकिन सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा कांग्रेसमें वार्ड पार्षद की टिकट के लिए भी संघर्ष तेज लिख रहा है नगरी निकाय में वार्ड पार्षदों द्वारा अध्यक्ष का चयन करने की प्रक्रिया से जहां अध्यक्ष पद के लिए वर्षों से अपनी जमीन तैयार कर रहे नेताओं को झटका लगा वही अब पहले पार्षद बनना और फिर पार्षदों के बलबूते अध्यक्ष बनना बड़ा कठिन काम हो गया है और उससे भी कठिन काम अध्यक्ष के दावेदारों के लिए खुद पार्षद बनकर आना है कारण कि वार्ड आरक्षण के कारण अध्यक्ष पद के कुछ दावेदारों को अब दूसरे वार्ड में जाकर चुनाव लड़ना होगा और ऐसे में दूसरे वार्ड की जनता उन्हें स्वीकार करती है या अस्वीकार करती है यह बहुत दिलचस्प होगा।

यही कारण है कि पसान में अध्यक्ष पद के कम से कम 5-6 प्रबल दावेदार हैं जो लोग अपनी अपनी पार्टी में अपने अपने लोगों को पार्षद बनाना चाह रहे हैं जिससे कि उनके अपने पार्षद चुनकर आए तो उनका अध्यक्ष पद के लिए समर्थन मिल सके लेकिन पसान में इस बार के चुनाव में पार्षदों द्वारा अध्यक्ष का चयन एवं वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया से नेताओं की पहले से बन चुकी योजना में पानी सा फिर गया है वही बात कांग्रेश की हो  या भाजपा की अध्यक्ष पद के दावेदारी को लेकर आपसी गुटबाजी भी जबरदस्त है यही कारण है कि अध्यक्ष पद के दावेदार पार्षद बनने के लिए अब दूसरे वार्डो से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं उसी वार्ड के उम्मीदवार भी हुंकार भर रहे हैं कि हमारे वार्ड से हमारा ही उम्मीदवार हो बाहरी को समर्थन नहीं करेंगे कुल मिलाकर वार्ड आरक्षण की मार से नेताओं को पहले पार्षद बनने के लिए उनके मुताबिक वार्ड को तलाश करना पड़ रहा है जो बड़ा मुश्किल साबित हो रहा।

आपसी गुटबाजी से बिगड़ रहा समीकरण-- पसान नगर में भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में अध्यक्ष के दावेदारों में होड़ लगी है यही कारण है कि दोनों ही दलों में बड़े नेताओं के बीच अब मतभेद भी लिखने लगे हैं जिसका जितना सामर्थ है वह अपने लिए जमीन तैयार कर रहा लेकिन उसका विपरीत असर भी हो रहा अध्यक्ष पद के दावेदार विभिन्न वार्डों में अपने खास समर्थकों को चुनाव लड़ा ना चाह रहे हैं ऐसे में एक ही पार्टी के अलग-अलग गुट वार्डो में अपनी टीम तैयार करने में जुटे हैं वही उसी पार्टी के दूसरे गुट के लोग भी अपनी अलग राह बना रहे नतीजतन वार्डो में भी बिखराव दिखने लगा है।

 गुटबाजी के फेर में जीत से ज्यादा सामने वाले को परास्त करने पर मंथन चल रहा मतदान के लिए चंद दिन ही शेष बचे हैं लेकिन भाजपा कांग्रेश दल के नेताओं को समझ नहीं आ रहा कि किस वार्ड से किसे सामने लाए यहां हर दिन नया समीकरण बनता बिगड़ता है जिसका एक कारण है आपसी गुटबाजी।

    सामान्य वार्डो में प्रत्याशियों की भीड़ आरक्षित वार्ड में नहीं मिल रहे उम्मीदवार-- पसान में सामान्य वार्डो में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की भारी भीड़ दिख रही है जिसमें सामान्य वर्ग के दूसरे वार्ड के लोग भी अपनी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं वही नगर के अनेक ऐसे वार्ड हैं जो आरक्षित हैं जहां ना भाजपा को प्रत्याशी दिख रहे हैं और ना कांग्रेस को इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि दोनों ही संगठन के जिम्मेदार भी अभी तक इस विषय पर शायद विचार-विमर्श नहीं कर पाए हैं या फिर उनके पास समय ही नहीं है हां इतना जरूर है कि अंतिम समय में पैराशूट में बैठकर आएंगे और अपना फैसला सुनाते हुए चले जाएंगे जो हर बार होता आया है और जिसका नतीजा भी पार्टियों को भुगतना पड़ा है पर इतना जरूर है कि इस बार पसान नगर पालिका का चुनाव हर मायने में अलग है कठिन है संवेदनशील है अप्रत्याशित है कौन पार्षद बनेगा कौन अध्यक्ष बनेगा कुछ कहा नहीं जा सकता आखिर फैसला जनता को करना है।
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