सामाजिक ,धार्मिक सद्भावना बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी- मनोज द्विवेदी, सभी वर्ग के अनुभवी लोग युवाओं को दिखाएं सही मार्ग
अनूपपुर
देश में सामाजिक समरसता और भातृत्व स्नेह बनाए रखना अल्पसंख्यक ,बहुसंख्यक दोनों वर्गों के सभी लोगों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। समाज में आपसी विद्वेष और वैमनस्यता की बढती घटनाओं से चिन्तित जिला प्रशासन ने कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा, पुलिस अधीक्षक श्री अखिल पटेल के नेतृत्व में जिला शान्ति समिति की बैठक आयोजित करके शान्ति एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिये जिस सख्ती से अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है ,वह सराहनीय और अनुकरणीय है। जिले के वरिष्ठ पत्रकार , जिला शान्ति समिति के सदस्य और भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने कोतमा की घटना में नाबालिग बच्चों को मोहरे की तरह उपयोग किये जाने पर चिंता जाहिर करते हुए प्रशासन से ऐसी घटनाओं की तह तक जाकर कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने कहा कि अनूपपुर जिला प्रदेश में शान्ति एवं सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण है। छुटपुट घटनाओं के कारण या किसी भी कारण को लेकर यदि किसी व्यक्ति विशेष या समुदाय को आपत्ति है तो प्रशासन और पुलिस से लिखित शिकायत करके अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं। ना कि स्वत: सड़क पर उतर कर कानून - व्यवस्था को बिगाडने की चेष्टा करने लगे। समाज की व्यवस्था, शान्ति, कानून व्यवस्था बनाए रखना सिर्फ सरकार या प्रशासन की नहीं बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्री द्विवेदी ने जिले की प्रबुद्ध जनता , विशेष रुप से युवाओं -- किशोरों से सोशल मीडिया में संवेदनशील मुद्दों पर संभल कर और जवाबदेही के साथ प्रतिक्रिया देने की अपील की। उन्होंने कहा है कि कानून या व्यवस्था बिगड़ने पर पुलिस सख्ती से कार्यवाही करेगी। ऐसे में लोगों के भविष्य खराब होने की आशंका रहती है। पिछले कुछ उदाहरण हैं जिसमे जिनके विरुद्ध मामले दर्ज हैं, वो और उनका परिवार ही परेशान है। कोई दल, कोई नेता, कोई संगठन उनका साथ देने आगे नहीं आया है और ना ही किसी को इसकी कोई उम्मीद रखना चाहिए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि भारत में जन्मे सभी लोगों का यह देश उनसे जिम्मेदारी पूर्ण कर्तव्यों के पालना की अपेक्षा करता है। सभी एक दूसरे के देवी - देवता, धर्म - पूजा पद्धति का बराबर सम्मान करें। कानून व्यवस्था बिगडने पर जवाबदेही तय होना सुनिश्चित है। इसलिये बचाव और सतर्कता सभी वर्ग से अपेक्षित है। सभी वर्ग के जिम्मेदार बड़े, बुजुर्ग युवाओं और किशोरों को दायरे में रखें। कानून - व्यवस्था मानने की सलाह दें। देश में और और अपने शहर में सामाजिक ,धार्मिक सद्भावना बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।