परिसर में रखा कबाड़, शराबियों के लिए बना जुगाड़, लाखो का नुकसान, सीसीटीवी कैमरा बने शो पीस, अधिकारी मौन
अनूपपुर
नगरपालिका परिषद अनूपपुर के परिसर में लगभग 2 माह से रखा कबाड़ का ढेर इन दिनों जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता माने या मिलीभगत ,का शिकार होते दिख रहा है। कारण की देखते ही देखते उक्त रखे गए कबाड़ की ऊंचाई जो किसी छोटे पर्वत के टीले से कम नही थी । अब धरातल में समा रही है।सबसे प्रमुख बात तो यह है कि उक्त नगर पालिका की प्रशासक स्वयं कलेक्टर इसके बाद भी नगरपालिका के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नही किया जा रहा । इतना ही नही नगरवासियों को 7 बजे प्रातः से स्वक्षता का पाठ पढ़ाने वाली नगर पालिका जिसके जिम्मे में नगर की सुन्दर एवं स्वक्षता के लिए भारत सरकार द्वारा बरसाती बाढ़ की तरह करोडों रुपये तो मध्य प्रदेश शासन द्वारा अनगिनत राशि दी जा रही है। इसके बावजूद यहां पदस्थ अधिकारी कर्मचारी अपने परिसर को साफ,स्वक्ष व सुंदर नही बना पाए रहे हैं। तो नगर की स्वक्षता, सुंदरता के लिये कितना जिम्मेदारी निभा पाएंगे स्प्ष्ट रूप से देखा जा सकता है।ज्ञातव्य है कि अनूपपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां संचालित समस्त विभागों के जिम्मेदारों को प्रशिक्षण केंद्र समझकर प्रशिक्षण किये जाने हेतु भेज दिया जाता है। लगातार की वर्षों से देखा जा रहा कि यहाँ ट्रेनिंग लेने आये कुछ चालाक किस्म के लोग हैवी बैटिंग कर सतक मारकर निकल जाते हैं । और जिले एवं नगरवासियों के लिये वही का वही रह जाता है।
*सुंदर बनाने का सपना सिमट कर रह गया कचरों के ढेर में*
नगरपालिका परिषद अनूपपुर में लगातार कई वर्षों से यह देखा जा रहा , कि यहाँ पदस्थ हुए अधिकारी केवल खेल का मैदान समझकर खेलने आते है जो कुछ में ही बल्लेबाजी करते हुए नगर वासियों ,जनप्रतिनिधियों,एवं उच्चधिकारियों की आँखों मे धूल झोंककर शासन द्वारा दी गई राशि की होली अपनी जेब मे खेलकर चले जाते है और आमजन के लोग देखते ही रह जाते है। हुआ भी यही की यंहा पदस्थ सीएमओ ज्योति सिंह ने परिसर व भवन के टीम ,टाम बनाने की आतुरता में नाम कमाने के उद्देश्य से लाखों रुपये अतिरिक्त खर्च कर कई वर्षों से रखे पुराने भवन का कबाड़ परिसर के बाहर फेंकवा दिया गया। और उक्त भवन को तोड़कर बेवजह धरासायी करा दिया जो बिल्कुल है आवश्यक नही था।कारण की भवन पुराना था लेकिन इतना गया गुजरा भी नही था कि नपा का कबाड़ सुरक्षित रूप से न रखा जा सके।जबकि उक्त भवन को तोड़ने के बाद यह जरूर हुआ कि कई वर्षों पूर्व से रखा सुरक्षित कबाड़ स्वयं के व्यय से बाहर फेंका गया जिससे परिसर को 3 माह से गंदगी के ढेर में भर दिया।
*नपा के कबाड़ से शराबियों का बना जुगाड़*
सीएमओ द्वारा भवन व परिसर की सुन्दरता को दृष्टिगत रख नाम कमाने की बाजी खेली गई ,वह बाजी फेल तब हो गई जब 3 माह से परिसर अस्त व्यस्त बनकर रह गया और नपा के ही कुछ जिम्मेदार कर्मचारियों के मिलीभगत से वह लाखों रूपये का राजस्व में मदद करने वाला कबाड़ शराबियों के लिये कुँए का स्रोत बन गया।
*सीसीटीवी कैमरा बना सो पीस*
लोगों का मानना है कि शासन द्वारा जारी की गई राशि को बंदरबांट करने के लिए प्रदेश भर के छप्पन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों द्वारा सामग्री क्रय करने का फंडा बहुत सरल होता है। कारण की सामग्री खरीदने के बहाने फर्जी बिल बाउचर बनाकर घटिया किस्म का सामान ख़रीदकर मोटी रकम, कमीशन लेकर खानापूर्ति कर लिया जाता है। हुआ यही की नगर पालिका परिषद अनूपपुर द्वारा लाखों रुपये की लागत का क्रय किया गया सीसीटीवी कैमरा अगर कमीशन के बलि का शिकार ना हुआ होता तो कर्मचारियों, सहित शराबियों का जुगाड़ बना कबाड़ जो चोरी के जाम में छलक रहा है बच गया होता।
*जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी से हो वसूली*
नगर के सम्मानित जनों ने प्रशासक कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा से मांग की है कि ऐसे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जो अपने दायित्व का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं एवं उनके द्वारा लापरवाही के कारण शासन के राशि का नुकसान हो रहा है उक्त राशि की भरपाई उन दोषी कर्मचारी अधिकारियों के वेतन से कटौती कर सरकारी खजाने में जमा कराया जाना उचित होगा।