ग्रामीण करते रहे इंतजार नही मिला खाद्यान्न, सेल्समैन दीदी के चुनाव प्रचार में व्यस्त, खाली हाथ उचित मूल्य दुकान से घर लौटते उपभोक्ता
अनूपपुर
कोलमी का शासकीय उचित मूल्य दुकान का सेल्समैन विपिन पटेल अपनी मनमर्जी से दुकान चला रहा है। जनपद पंचायत जैतहरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलमी , छुलकारी के उपभोक्ता को समय पर खाद्यान्न आवंटित न होने से ग्रामीण खासा परेशान है। ग्रामीणों का आरोप है कि सहकारी सेवा समिति मझगंवा क्षेत्र के कोलमी शासकीय उचित मूल्य दुकान में पदस्थ सेल्समैन विपिन पटेल के द्वारा चुनाव प्रचार किया जा रहा है जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 में जिला पंचायत अनूपपुर वार्ड क्रमांक 05 से सदस्य पद की प्रत्याशी श्रीमती मृदुला पटेल चुनाव चिन्ह छाता छाप जो सेल्समैन बिपिन पटेल कि सगा संबंधी है चुनाव मैदान पर इन दिनों अपनी किस्मत आजमा रही हैं जिनकी समर्थन में उक्त सेल्समैन के द्वारा आवंटित क्षेत्र के गांव-गांव में जाकर दीदी के समर्थन में प्रचार प्रसार एवं वोट मांगते देखे जा रहे हैं | मोहन, केवट शोभनाथ केवट आनंदराम, राजेंद्र केवट लल्लू चौधरी, आशा राम चौधरी झल्लू चौधरी गोरे लाल केवट बुद्धसेन पनिका दीपक केवट शंभू केवट, कुमकरण केवट श्याम जी बेगा, गीता बैगा आदि ग्रामीणों ने बताया की घर घर जाकर जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी श्रीमती मृदुला पटेल चुनाव चिन्ह छाता छाप के समर्थन में वोट मांग रहा है तथा कोटा में भी खाद्यान्न आवंटित करते उपभोक्ताओं से बोलता है मृदुला पटेल चुनाव चिन्ह छाता छाप में मेरी बहन व दीदी चुनाव लड़ी है उन्हीं को वोट देना जो आदर्श आचार संहिता का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है | वहीं कोटेदार मनमर्जी तरीके से कोटे का संचालन कर रहा है। आज कल करके ग्रामीणों को परेशान किया जाता है ग्रामीणों को केरोसिन की आवश्यकता होती है तो नहीं दिया जाता है और ट्रैक्टर वालों को जितनी मर्जी उतने लीटर केरोसिन उपलब्ध करा दिया जाता है। ग्रामीणों द्वारा कहे जाने पर वह बोलता है कि पूरे संसार में मिट्टी तेल देते हैं इसलिए मैं भी दे रहा हूं कोई गलत नहीं कर रहा। परेशान ग्रामीणों का कहना है कि सेल्समैन द्वारा कहा जाता है कि मेरी दुकान है मैं इसको जैसे चाहूं वैसे चलाऊंगा और वह कभी भी समय से कोटा नहीं खोलता है। अपनी इच्छा अनुसार जब चाहे खोलता और बंद कर देता है। सेल्समैन की मनमर्जी ने ग्रामीण जनों को बहुत परेशान कर रखा है । मिट्टी के तेल के साथ अन्य खाद्य सामग्री ग्रामीणों को मुहैया नहीं हो पा रही है। जिसके चलते उन्हे यहां वहां भटकता पड़ता है। गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न आवंटित न होने की वजह से ग्रामीणों को अच्छा खासा परेशान होना पड़ता है। सुबह से ही लोग राशन की उम्मीद में कोटा पहुंच जाते हैं लेकिन या तो कोटा खुलता ही नहीं या फिर खुलता भी है तो कई उपभोक्ताओं को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। ऐसे में स्थानीय उपभोक्ता अच्छे खासे परेशान हो रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि वह अपना दुखड़ा सुनाए भी तो किसे कोई सुनने वाला नही है।