स्वच्छ भारत अभियान बना दिखावा, जगह-जगह कचरे के ढेर में सिमटा नगर परिषद
अनूपपुर/डोला
दिसंबर माह में नगर परिषद डोला में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मुनीन्द्र प्रसाद मिश्रा की पदस्थापना हुई साथ ही बीते दिसंबर माह से ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है नगर परिषद द्वारा दीवारों में बड़े-बड़े अक्षरों से स्वच्छता बनाए रखने के नारे भी लिखवाए गए थे वहीं अब नगर परिषद डोला में स्वच्छता सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है जिले के अंतिम छोर में बसे नवगठित डोला परिषद में हाल यह है कि इस परिषद के अंतर्गत 15 वार्ड हैं, जिनमें 22 सफाई कर्मचारियों को सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन यह 22 कर्मचारी कहा व क्या काम कर रहे हैं इसकी जानकारी परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी नहीं है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद डोला में ठेकेदार द्वारा कचरा उठाने के लिए वाहन दिया गया है जिसमें चालक व कर्मचारी दोनों ठेकेदार के ही होने चाहिए लेकिन यहां पर इतनी ज्यादा भ्रष्टाचार हैं कि धृतराष्ट्र बने सीएमओ अपनी आंखों पर पट्टी लगाए हुए बैठे हैं उन्हीं के कर्मचारी ठेकेदार का काम कर रहे हैं फिर भी वह सिर्फ और सिर्फ दिखावे का ढिंढोरा क्षेत्र में पीट रहे हैं।
*परिषद के कर्मचारी कर रहे ठेकेदार का कार्य*
कचरा उठाने के लिए लगाए गए वाहन में भी इन्हीं परिषद के कर्मचारियों से ही कचरा भरवाए जाता है जबकि नियम यह है कि परिषद में सफाई के लिए लगाए गए ट्रैक्टर में सफाई कर्मचारी खुद ही उपलब्ध होते हैं लेकिन नगर परिषद डोला में यह देखा जा रहा है कि यहां पर सफाई के लिए लगाए गए ट्रैक्टर में नगर परिषद के ही सफाई कर्मचारी कार्य कर रहे हैं जगह जगह फैले हुए कचरे के ढेर से क्षेत्र में कई प्रकार की बीमारी फैल रही है फिर भी जिम्मेदार अपनी जिमेदारी के प्रति सजक नही है।
*पूर्व में तीन कचरा गाड़ियों से किया जाता है कचरा संग्रहण का कार्य*
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में जिन वाहनों को क्षेत्र से कचरा संग्रह करने के लिए लगाया गया था उन वाहनों में ठेकेदार के कर्मचारी व चालक खुद ही ठेकेदार द्वारा दिया गया था लेकिन वही लोगों ने यह भी बताया कि नगर परिषद डोला में एक ऐसा वाहन सीएमओ द्वारा लगाया गया है जिसमें परिषद के ही कर्मचारी व चालक कार्य कर रहे हैं व अधिकांश परिषद में ही खड़ा रहता है तो क्या वाहन को खड़ा करने का पैसा मिलता है लोगों में यह भी जन चर्चा का विषय फैला हुआ है कि उक्त वाहन में पूरी सुविधा सीएमओ द्वारा दी जा रही है व खड़े वाहन का भी पेमेंट दिया जाता है। लेकिन किस हिसाब से दिया जाता है यह तो मुख्य नगर परिषद अधिकारी डोला ही बता सकते हैं।
*वार्डों में सफाई का कार्य बना मात्र दिखावा*
नगर परिषद डोला के कई भागों में जगह-जगह गंदगी का अंबर लगा हुआ बरसात आ चुकी है साथ ही नालियां सभी जाम पड़ी है उस ओर सीएमओ डोला का ध्यान नहीं हैं नालियां गंदगी से भरी पड़ी हुई हैं। जिसके कारण मच्छर भी पनपते हैं। नगर परिषद के द्वारा कीटनाशक दवा को भी छिड़काव नहीं करवाया जा रहा है, जिससे लोगों को मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारी होने का अंदेशा बना हुआ है। जबकि पूर्व में इस क्षेत्र में डेंगू जैसी घातक बीमारी के मरीज भी मिल चुके हैं।
*सफाई के अभाव से लबालब भरा कूड़ा दान*
आसपास के रहवासियों को गंदगी एवं कचरे के बीच रहना पड़ रहा है, जबकि नियम यह है कि नगर परिषद के द्वारा नगर से उठने वाले कचरे को नगर के बाहर डॅपिंग ग्राउंड में फेंका जाएगा। लेकिन नगर परिषद के द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। आसपास के रहवासियों ने बताया कि कचरा फेक के लिए कूड़ेदान तो बनाया गया लेकिन कूड़ा दान भर जाने के बावजूद उठाने का कार्य नगर परिषद द्वारा नहीं किया जा रहा जिससे कि क्षेत्र में बीमारी व प्रदूषण होने का भी खतरा बना रहता है, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। जबकि नगर परिषद के द्वारा स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन गंदगी वैसी की वैसी ही बनी हुई है।
*इनका कहना है*
मुख्य नगर परिषद अधिकारी द्वारा बोला जाता है कि हमारे पास 22 सफाई कर्मचारी हैं लेकिन इनके कर्मचारी कहां क्या काम कर रहे हैं यह जानकारी किसी को नहीं पूरे क्षेत्र में कचरा फैला हुआ है जिससे कि बीमारी उत्पन्न हो रही हैं।
*ओम प्रकाश सिंह वरिष्ठ कांग्रेसी नेता*
वार्ड में सफाई कर्मचारी कभी कभार आते हैं लेकिन कूड़ेदान लबालब भरा हुआ है जिसके लिए कई बार उन्हें बोला गया लेकिन कूड़ेदान से कचरे का उठाव नहीं हो रहा हैं बरसात आ चुकी है समय रहते कूड़ा नहीं उठाया गया तो कई प्रकार की बीमारियां भी उत्पन्न होने लगेंगी।
*पंकज दुबे स्थानीय नागरिक वार्ड नंबर 10*