भैंस हुई चोरी तो 2 एस आई हुए लाइन अटैच, एसपी ने की कार्यवाही पढ़े पूरा मामला

भैंस हुई चोरी तो 2 एस आई हुए लाइन अटैच, एसपी ने की कार्यवाही पढ़े पूरा मामला


अनूपपुर/भालूमाड़ा

अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा थाना अंतर्गत फरियादी बिच्छू खान निवासी जमुना कॉलरी की भैंस चोरी गई थी जिसकी शिकायत फरियादी ने थाने पर की थी लेकिन पुलिस ने फरियादी की भैंस जप्त करने के बजाय दूसरे की भैंस जप्त कर फरियादी को दे रहे थे जिस पर फरियादी ने इसकी शिकायत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल से कर न्याय की गुहार लगाई थी मंत्री ने तत्काल जांच के निर्देश पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल को दिए थे पुलिस अधीक्षक जांच का जिम्मा एसडीओपी शिवेंद्र प्रताप सिंह को दिया शिवेंद्र प्रताप सिंह ने जब बारीकी से जांच की तो सारे मामले सामने आ गया कि भालूमाड़ा में पदस्थ एसआई विपुल शुक्ला व एसआई सलीम खान ने फरियादी की भैंस न जप्त कर दूसरे की भैंस को जप्त करते हुए फरियादी को दे रहे थे पूरी जांच करने पश्चात एसडीओपी ने अपनी रिपोर्ट एसपी को सौंपी एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों एसआई को लाइन हाजिर किया है हालांकि पुलिस ने भैंस चोरी के आरोपी में चार आरोपियों के विरुद्ध मामले भी दर्ज किए हैं ! सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चोरी गए पैसों को चोरों ने कटिंग के लिए बाहर भेज दिया था अब पुलिस को भैंस बरामद करनी थी इसलिए दूसरे की भैंस बरामद कर फरियादी को देने की कोशिश कर रहे थे इसी दौरान सारा मामला शिकायत के बाद खुल गया गौरतलब है कि जिले में पुलिस अपनी मनमानी जारी रखी हुई है हालांकि पुलिस अधीक्षक इस पर रोक लगाने हेतु लगातार प्रयास कर रहे हैं शिकायत मिलने पर तत्काल जांच के निर्देश देने उपरांत कार्यवाही भी लगातार कर रहे इसके बावजूद भी पुलिस अपनी मनमानी करने पर उतारू है पुलिस के ही संरक्षण से अवैध काम भालूमाड़ा थाना अंतर्गत संचालित हो रहे हैं पुलिस की मिलीभगत की भी बातें सामने आती है बताया जाता है कि पकड़े गए भैंस चोर से पुलिस ने पैसे भी लिए थे वह आधे पैसे को फरियादी को देने की कोशिश कर रहे थे लेकिन फरियादी ने पैसे लेने से मना कर दिया हालांकि मंत्री के हस्तक्षेप से या पूरा मामला का खुलासा हो सका, अब देखना होगा कि पुलिस अधीक्षक इन दो एसआई के साथ लाइन अटैच तक की कार्यवाही तक ही सीमित रहते हैं या फिर निलंबन जैसी कार्यवाही कर इनको कठोर सजा देंगे लेकिन जो भी हो इस प्रकार का कहीं ना कहीं पुलिस से भरोसा लोगों का टूटता है वही अपराध को भी बढ़ावा देता है, कहीं ना कहीं पुलिस के संरक्षण से ही क्षेत्र में पशु तस्करी का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है क्षेत्र में कई शिकायतें पशु चोरी की पुलिस के पास पहुंचती है जिस पर पुलिस तलाश इन पशुओं का नहीं कर पाती यही कारण है कि यहां पर पशु तस्कर हावी है हालांकि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश है कि पशु तस्करी पर रोक लगाई जाए लेकिन ऐसे पुलिस वाले अगर रहेंगे तो पशु तस्करी में कैसे रोक लगेगा वरिष्ठ अधिकारियों को इस विषय में सोचना चाहिए वह कड़ी से कड़ी सजा ऐसे पुलिस वालों को देना चाहिए जो ऐसे कार्यों में लिप्त रहते हैं !

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget