आम जनता करे पुकार स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तो दिलवा दो सरकार, डॉक्टर की कमी से खंडहर हो रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
इन्ट्रो:- वैसे तो प्रदेश भर में डॉक्टरों की कमी से हॉस्पिटल जूझ रहे हैं डॉक्टर की कमी होने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी लचर हो चुकी है वही अनूपपुर जिले के कोतमा ब्लाक अंतर्गत डॉक्टर की कमी के कारण अधिकतम प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्र कई हफ्तों तक बंद रहते हैं जिसका जायजा लेने ना तो ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर आते हैं और ना ही उच्च पद पर बैठे सीएचएमओ द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाता है जिससे जनता त्राहि-त्राहि होकर अब सरकार से डॉक्टर दिलाए जाने की मांग कर रही है।
अनूपपुर/राजनगर
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शहडोल लोकसभा उपचुनाव के दौरान राजनगर उप स्वास्थ्य को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील करने के लिए घोषणा की गई थी। जिसके बाद 2020 में उन्नयन उप स्वास्थ्य केंद्र से प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तो कर दिया गया। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी अब तक डॉक्टर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित है जिस कारण से प्राथमिक स्वास्थ्य होने के बाद भी किसी भी प्रकार का इलाज राजनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संभव नहीं हो पाता है जिस कारण से आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बढ़ती बीमारियां और महंगाई के कारण लोगों का बिजुरी, कोतमा जाकर इलाज कराना बड़ा महंगा पड़ रहा है जिस से त्रस्त होकर राजनगर की जनता ने पत्राचार के माध्यम से सरकार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं।
*2 वर्षों में भी नहीं मिला डॉक्टर*
अनूपपुर जिला आदिवासी बहुल जिला होने के कारण सदैव पिछड़ा रह जाता है। उप स्वास्थ्य केंद्र से उन्नयन होने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 2 वर्षों से डॉक्टर की पदस्थापना अब तक नहीं हो पाई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारी भी बिजली व कोतमा में कार्य कर रहे हैं। जिससे स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर ताला लगे रहने की स्थिति बनी रहती है इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जब मरीज पहुंचता है तो मायूस होकर उसे वापस 30 किलोमीटर दूर कोतमा या बिजुरी स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है जिससे अनायास ही इस महंगाई में बोझ मरीज के जेब पर पड़ता है।
*जनता को छल रहे जनप्रतिनिधि*
कोतमा विधानसभा क्षेत्र को नेताओं की नगरी कहा जाता है लेकिन घर-घर नेता होने के बाद भी यहां प्राथमिक मूलभूत सुविधाओं का अकाल पड़ा है। यहां के नेताओं, जनप्रतिनिधि व प्रशासन के द्वारा आम जनमानस और आदिवासी जनता के साथ छल किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर में डॉक्टर की पदस्थापना ना होने नेता और जनप्रतिनिधियों की नाकामी को दर्शाता है। रामनगर क्षेत्र अंतर्गत तीन नगर पंचायत व 12 ग्राम पंचायतों शामिल है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की पदस्थापना नही होने के कारण यहां पर छोटी मोटी बीमारी एवं घटना दुर्घटना होने पर यहां के लोगों को बिजूरी हॉस्पिटल या फिर कोतमा हॉस्पिटल जाना पड़ता है।
*पीएम के लिए मुर्दों को भी करना पड़ता है लंबा सफर*
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर में डॉक्टरों की उपलब्ध ना होने के कारण पीएम के लिए आई हुई बॉडी को भी लंबा सफर तय कर कोतमा वह बिजुरी का रुख देखना पड़ता है। सामान्यता बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए बिजुरी जाना पड़ता है और बिजुरी हॉस्पिटल में सफाई कर्मचारी ना होने के कारण पीएम कराने गए पुलिस को सफाई कर्मचारी कोतमा लेने जाना पड़ता है। पोस्टमार्टम के बाद सफाई कर्मी को वापस कोतमा पहुंचाना पड़ता है। जबकि रामनगर थाना क्षेत्र 30 किलोमीटर में स्थापित है और इस थाना क्षेत्र में बरतराई, आमाडांड, मलगा, टाकी व उरा जैसे जगह के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते है । सुविधा न होक के कारण बिना इलाज के ही बेरंग लौट जाते हैं वही पुलिस व स्थानी निवासियों के लिए शव वाहन खोज पाना या उसकी दूरी तय कर पाना काफी कठिन हो जाता है।
*डॉक्टर को सुविधा को लेकर सामने आए अलग-अलग बयान*
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयां , यंत्र और डॉक्टरों की कमी को लेकर जब इस संबंध में शहडोल लोकसभा सांसद हिमाद्री सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि आपके माध्यम से यह जानकारी हमारे पास आई है मैं तत्काल सीएमएचओ से बात कर डॉक्टर की पदस्थापना की बात करती हूं। वही इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी सीएमएचओ अनूपपुर एस सी राय को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर की हालत या बद से बदतर स्थिति की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि पूरे अनूपपुर जिले में डॉक्टर की कमी है फिर भी मैं बीएमओ से बात कर हफ्ते में 2 दिन डॉक्टर की व्यवस्था की जाएगी।
*इनका कहना है*
सरकार के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो राजनगर में बना दिया गया है लेकिन डॉक्टर की पदस्थापना ना होने के कारण क्षेत्र के लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार द्वारा जल्द ही डॉक्टर उपलब्ध कराया जावे।
*रूपा श्रीवास्तव समाजसेवी राजनगर*
राजनगर में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र बना दिया गया है लेकिन डॉक्टर की पदस्थापना ना होने के कारण नगर के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। जल्दी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की जाती तो एक बड़ा आंदोलन स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध किया जाएगा।
*संतोष जायसवाल स्थानीय निवासी राजनगर*