दिव्यांग चौकीदार की जमीन विवाद में हुई थी हत्या, जूते के निशान से पकड़ा गया आरोपी
अनूपपुर/अमरकंटक
अनूपपुर जिले की अमरकंटक नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड 8 जमुना दादर में सोमवार की रात स्कूल के दिव्यांग चपरासी नारायण सिंह धुर्वे 58 वर्ष की जमीनी विवाद पर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने शनिवार को अज्जू लाल पुत्र रत्तु लाल मरावी (27) निवासी जमुना दादर को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर किया हैं। आरोपित ने जिस कुल्हाड़ी से हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया हैं। अमरकंटक थाना प्रभारी मनोज दीक्षित ने बताया कि मंगलवार की सुबह नारायण सिंह धुर्वे का शव घर की रसोई में लहूलुहान अवस्था में पड़ा था। जिसे सबसे पहले दूध बेचने आए युवक ने देखा। सोमवार की रात करीब 10:30 बजे नारायण सिंह की हत्या हुई हैं। अज्जू कुछ दिनों पहले जम्मू से मजदूरी करके घर आया था। अज्जू लाल के दादा की लगभग 10 एकड़ जमीन नारायण सिंह धुर्वे के कब्जे में थी। पहले मृतक के पिता अमरकंटक के आदिवासियों की जमीन गिरवी रख लेते थे और वह इसका व्यवसाय बना लिया था। जिस घर में नारायण रह रहा था आसपास के क्षेत्र की पूरी जमीन अज्जू लाल के दादा की थी। अज्जू घर बनवाना चाहता था, लेकिन उसके पास जमीन नहीं थी। अज्जू चाहता था कि नारायण सिंह कुछ जमीन दे दें। ताकि वह मकान बनवा सके। लेकिन नारायण तैयार नहीं हो रहा था। इसी बात को लेकर कई दिनों से विवाद चला रहा था। सोमवार की शाम अज्जू ने शराब पी। नारायण सिंह रात 8 बजे बिलासपुर से घर लौटा तो आरोपी अज्जू कुल्हाड़ी लेकर नारायण के घर गया। जमीन को लेकर फिर बातचीत करनी चाही तो नारायण ने जमीन का सपना देखना बंद करने को ताना दिया। दोनों में कहासुनी हुई। फिर आरोपित ने घर के बाहर रखी कुल्हाड़ी से नारायण को मारने पहुंचा। जिस पर नारायण ने नमक की थैली फेंकी जो बिखर कर फैल गई। आंख में नमक पड़ जाने के बावजूद आरोपित ने हाथ में रखे कुल्हाड़ी से प्रहार किया। जिससे नारायण सिंह का सर पर वार किया उसके बाद दो-तीन और वार नारायण के ऊपर किए गए। जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपित वहां से भाग निकला। थाना प्रभारी ने बताया कि जमीन का लालच नारायण की मौत की वजह बन गया। आरोपी का विवाद कई दिन से चल रहा था। जिससे शक पहले अज्जू पर गया। अज्जू के जूते से मिलान कर गए। पूछताछ के दौरान आरोपी अपना गुनाह कबूल कर लिया।