फरार आरोपी मजदूर बनकर कर रहा हैं मनरेगा में काम, लग रही हाजिरी मिल रहा पेमेंट

फरार आरोपी मजदूर बनकर कर रहा हैं मनरेगा में काम, लग रही हाजिरी मिल रहा पेमेंट

*आरोपी के खिलाफ दर्ज है मामला, वन विभाग बता रही है फरार ग्राम पंचायत करा रहा है काम*


अनूपपुर

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना बड़ी महत्वाकांक्षी योजना कहलाती हैं इस योजना के तहत जिले के सभी ग्राम पंचायतों में गरीब मजदूरों को काम दिया जाता हैं इस योजना के अंतर्गत मशीनों से काम न कराकर केवल मजदूरों से ही कार्य कराया जाता है जैसे खेत, तालाब, सड़क के अलावा बहुत सारे कार्य मनरेगा के तहत कराए जाते है, मगर इस योजना में जमकर लीपापोती की जा रही है इस योजना में 50 प्रतिशत फर्जी रूप से मास्टर रोल में भरकर रुपये का हर फेर किया जा रहा हैं  जो लोग गांव में है ही नही है, परलोक सिधार गए हैं या लोगो के ऊपर मामला दर्ज है  ऐसे लोगो का नाम मनरेगा में कार्यो में दर्ज होकर मजदूरी का रुपया निकलकर भ्रष्टाचारियो के जेब मे जा रहा हैं ऐसा नही है कि इस मामले की जानकारी अधिकारियों को नही है मगर सभी लोग अपनी आंखों को मूंदकर, मौन रहकर और कानो से अनसुना कर रहे है जिसके कारण लगातार भ्रष्टाचार और बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रो का और लोगो का कैसे विकास होगा ये समझ से परे है। ग्राम पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार की शिकायत लगातार होती रहती हैं मगर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार से लेकर जनपद तक सारे कार्य आपसी तालमेल बनाकर महात्मा गांधी की फ़ोटो वाले नोटो के दम पर सब कुछ वारा न्यारा हो जाता है।

*ये है मामला*

अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत अनूपपुर ग्राम पंचायत बेलिया बडी में मनरेगा के तहत बेलिया बड़ी निवासी धानवती सिंह पिता ददन सिंह के जमीन पर खेत तालाब का कार्य स्वीकृत किया गया था। जिसकी स्वीकृति लागत 498000 रुपये का है हितग्राही के जमीन पर विगत माह से खेत तालाब का कार्य चल रहा है जहां पंचायत द्वारा लगभग दो दर्जनों मज़दूरो के द्वारा कार्य कराया जा रहा हैं।

*फरार आरोपी कर रहा मनरेगा में काम*

ग्राम पंचायत में होने वाले मनरेगा के कार्य मे कुछ भी असम्भव नही है जिसका चाहे उसके नाम की हाजिरी लगाकर रुपयों का गोलमाल कर सकते है बेलिय बड़ी में हितग्राही के जमीन पर खेत तालाब पर होने वाले कार्य मे हफ़्तो कार्य कर रहा हैं जब कि चपानी बीट के अंतर्गत ग्राम बेलिया बड़ी और राजा कछार मध्य सूर्यनारायण पिता बद्री प्रसाद के खेत मे बने एक कुएं में मृत भालू का शव पाया गया था  सूत्र बताते हैं कि उसी मामले में फरार आरोपी बब्बू से कई दिनों से कार्य कराया जा रहा हैं साथ में उसकी पत्नी गुड़िया भी मनरेगा में खेत तालाब में काम कर रही है जबकि मौका में जाकर देखा गया तो बब्बू वहाँ पर मौजूद ही नही पाया गया जो कि कई माह से फरार है जबकि बब्बू की पत्नी जरूर काम करते हुए पाई गई है। इस मामले से वन विभाग बता रही है कि बब्बू अपने घर से कई दिनों से फरार है तरह का खुलेआम फर्जी नजारा ग्राम पंचायत में देखा जा रहा है यह पूरा गोलमाल सरपंच सचिव रोजगार सहायक की मिलीभगत से हो रहा हैं।

*खेत तालाब में घोटाला*

मनरेगा के तहत जो भी जितने भी कार्य कराए जा रहे हैं वह सभी कार्य 60 प्रतिशत से ज्यादा नही हो पा रहा जिसका मुख्य कारण यह है कि जो मजदूर वहाँ पर कार्य ही नही कर रहे उनकी हाजिरी भरी जा रही है और उन मजदूरों का कार्य हाजिरी कागज में तो दिख रहा हैं मगर कार्य स्थल उनका कार्य हो ही नही रहा तो उस कार्य का पूरा बजट खर्च तो जरूर हो जाता हैं मगर कार्य 100 प्रतिशत नही हो पा रहा हैं।

*फर्जी भर रहे हैं मस्टररोल*

जो हितग्राही के जमीन पर खेत तालाब का कार्य कराया जा रहा हैं उस पर जमकर लीपापोती की जा रही है मजदूरों की फर्जी रूप से हाजिरी भरी जा रही है देखा जा रहा हैं कि मस्टर रोल में अगर 24 मजदूरों की हाजिरी भरी जाती हैं तो वहाँ पर कुल 16 मजदूर ही काम करते पाए जाते हैं 8 लोगो की प्रतिदिन की हाजिरी का रुपया काम न करने वाले मजदूर के खाता में जाता तो है मगर सेटिंग होने के कारण आधा रुपया जिम्मेदारों के पास पहुँच जाता हैं इस तरह का खेल कई वर्षों से सरपंच सचिव की मेहरबानी से चल रहा हैं इस भ्रष्टाचार पर रोक लगाने वाला कोई नही है।

*मजदूर को बना दिया मेट*

ग्राम पंचायत में जितने भी कार्य चल रहे हैं वो सब राम भरोसे ही चल रहे हैं कार्य स्थल कोई काम करवाने वाला मेट ही नही है सचिव, सरपंच एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत करके किसी एक मजदूर को ही मेट बना के उसको कार्यस्थल की पूरी जिम्मेदारी दी दी जाती हैं। मजदूर ही मेट बनकर मेट का कार्य तो कर ही रहा है साथ ही मजदूरी भी कर रहा हैं। ग्राम पंचायत में इसी तरह की लीपापोती भरा कार्य हो रहा हैं।

*मजदुरो के हक पर डाका*

मनरेगा में फर्जी हाजिरी भरकर कार्य कराकर मजदूरो का हक पर डाका मारा जाता हैं जिससे ग्राम पंचायत का कार्य भी नही हो पाता और पेमेंट भी बिना काम किये मजदूर के खाते में चली जाती हैं ऐसे में जरूरत मंद मजदूरों को कार्य नही मिल पाता। अब गांव के मजदूरों का हक है उस पर जिम्मेदार लोग निगल ले रहे हैं जिससे न तो गांव का विकास हो रहा हैं और न मज़दूरो का इन सभी भ्रष्टाचार की शिकायत तो होती हैं मगर कार्यवाही के नाम पर खाली आश्वासन।

*आधिकारी मौन*

ग्राम पंचायत में जो भी लीपापोती जिम्मेदारो द्वारा की जा रही है उन सभी कार्यो की ग्रामीण लगातार शिकायत और और जांच की मांग करते रहते है मगर उन पर कार्यवाही करने वाले अधिकारी चुपचाप बैठे रहते है ज्यादा हुआ तो बस एक ही रटा रटाया जबाब मिल जाता हैं कि हम जांच करके कार्यवाही करेंगे मगर सही बात यह है न तो जांच होती है और न कोई भी कार्यवाही।

*इनका कहना है*

जिले की मनरेगा की टीम को जांच के लिए निर्देशित कर दिया हूँ स्थल पर जांच करके जो भी तथ्य सामने आएगा उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

*हर्षल पंचोली सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर*

कार्यस्थल पर जाकर निरीक्षण एवं जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी

*उषा किरण गुप्ता सीईओ जनपद पंचायत अनूपपुर*

हमें आपसे जानकारी मिली है। जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

*रविन्द्र सिंह आर्य एपीओ मनरेगा जनपद पंचायत अनूपपुर*

*इस मामले की जानकारी लेने के लिए ग्राम पंचायत के सचिव अम्बिका शुक्ला के मोबाइल पर कई बार कॉल किया गया मगर उनके फ़ोन कवरेज से बाहर बता रहा था*

जो खेत तालाब का काम लाया है उन्हीं के द्वारा उसकी हाजिरी लगाई गई है।

*प्रीतम सिंह मजदूर मेट*

 मेरे पति की हाजिरी तो लग रही है लेकिन वह कहां है मुझे नहीं पता।

*गुड़िया बब्बू की पत्नी*

 

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