होटल राजघराना में चल रहा मौत का खेल आखिर क्यों नहीं हो रही कोई जांच व कार्यवाही
शहडोल
मामला जिले के पुराने गांधी चौक मे स्थित होटल राजघराना का है जहां पर निम्न स्तरीय खाद्य सामग्री का उपयोग कर शहर की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
*ये है मामला*
शहर के मध्य में स्थित होटल राजघराना में कुछ सप्ताह पूर्व दूध में छिपकली पाए जाने का मामला सामने आया था जिसमें शिकायतकर्ता फरदीन खान पिता फिरोज खान उम्र 18 वर्ष निवासी घरौला मोहल्ला वार्ड नंबर 14/19 ने बताया कि दिनांक 02 मई 2022 को रात्रि लगभग 8:00 बजे फरदीन खान के द्वारा होटल राजघराना जोकि पुराना गांधी चौक पर मार्ट के सामने स्थित है वहां से उसने 02 लीटर दूध लिया था और घर जाकर उसने जब दूध पकाने के लिए पैकेट खोला तो दूध के अंदर छिपकली पाई गई जिसे देखकर शिकायतकर्ता एवं उसके परिवार के लोग दूध में छिपकली को देखकर काफी भयभीत हो गए एवं उसके बच्चों की तबीयत काफी बिगड़ गई क्योंकि बच्चे दूध में छिपकली देखकर दूध नहीं पी रहे हैं जिसकी वजह से बच्चों का शरीर कमजोर पड़ गया शिकायतकर्ता ने आगे से याद करते हुए बताया कि राजघराना में यह ऐसा एक मामला नहीं है अपितु ऐसे और कई सारे मामले राजघराना में हुए हैं किंतु मामले को होटल मालिक एवं फूड विभाग के मिलीभगत से मामलों को दबा दिया गया है और जब पूछो तो आस्वासन दिया जाता है कि दूध को भोपाल जांच के लिए भेजा गया है सिंपल आ जाये तो फिर कार्यवाही होगी जब कि जिस दूध के पैकेट की फूड अधकारी बात कर रहे है कि जांच में गया है वो अच्छा साफ दूध भेजा गया है क्योंकि जिस दूध में मेरी छिपकली का बच्चा निकला थ उस दूध को राज घराना का मालिक उसी समय बाहर फेंक दिया थ और अब फूड अधकारी का कहना है कि दूध सेम्पल भोपाल जांच में गया है शिकायतकर्ता द्वारा मामले की शिकायत संभाग आयुक्त एवं फूड विभाग तथा नगर पालिका अधिकारियों को की गई किंतु अभी तक मामले में कोई उचित या वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई शिकायतकर्ता ने न्याय की मांग करते हुए राजघराना की मौजूदा खाद्य सामग्री एवं खानपान की जांच करवाने हेतु आग्रह किया है। अब देखना यह होगा कि फूड विभाग एवं नगर पालिका के द्वारा मामले को किस प्रकार संज्ञान में लिया जाता है और कार्यवाही की जाती है या नहीं।
*धड़ल्ले से चल रहा हैं दूध का कारोबार*
नगर में सिंथेटिक व कृत्रिम दूध की बिक्री का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जबकि प्रशासन इस ओर से आंख मूंदे है। गांवों में जहां दूध का उत्पादन घटता जा रहा है, वहीं दूधिया द्वारा उतनी ही मात्रा में ही आपूर्ति की जा रही है। कृत्रिम व सिंथेटिक दूध की आपूर्ति का आलम यह है कि नगर में प्रतिदिन सैकड़ों दूधियों द्वारा दूध की सप्लाई की जा रही है। ऐसे ही दूध की आपूर्ति नगर में धड़ल्ले से की जा रही है। गौरतलब है कि लगातार कम हो रही दुधारु पशुओं की संख्या के कारण गर्मी ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी दूध की मांग बढ़ती ही जा रही है। दुर्भाग्यपूर्ण पहलू तो यह है कि बिक्री के धंधे से जुडे़ दूधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के कारण सिंथेटिक एवं कृत्रिम दूध की आपूर्ति बेरोकटोक जारी है।
*बिक रहा हैं मिलावटी दूध*
सिंथेटिक व कृत्रिम दूध के अलावा दूषित व मिलावटी दूध भी नगर में भारी मात्रा में बेचा जा रहा है। खाद्य विभाग के अलावा स्वास्थ्य प्रशासन भी जहां इस ओर आंखे मूदें है। वहीं बताया जाता है नगर के साथ क्षेत्र में कई स्थानों पर कृत्रिम दूध बनाने का धंधा जारी है। इसके बाद भी प्रर्याप्त मात्रा में दूध की चलते भी दूध की भारी आपूर्ति जारी है। बताया जाता है कि दूधियों के द्वारा कृत्रिम व सिंथेटिक दूध की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। यह भी चर्चा मुखर है कि नगर पालिका परिषद के खाद्य निरीक्षक की ढुलमुल कार्य प्रणाली के चलते नगरवासी जहरीले दूध का सेवन करने को मजबूर हैं।
*ऐसे होती है मिलावट*
सूत्र बताते हैं को डेयरी वाले दूध को ताजा व गाढ़ा बनाए रखने के लिए फोरमोलिन के अलावा विभिन्न घटकों केमिकल्स का प्रयोग दूध में किया जाता है। इससे दूध में पानी मिलाने पर भी वह ताजा व गाढ़ा दिखाई देता है तथा उपभोक्ता उसे शुद्ध समझकर खरीद लेता है।
*इनका कहना है*
मैं अभी बाहर हूँ कल जांच करता हूँ फिर कार्यवाही करूँगा।
*आर के सोनी खाद्य निरीक्षक शहडोल*
मैं अभी खाना खा रहा हूँ आपसे कल या फिर शाम को बात करूंगा अभी फुरसत नही हूँ मीटिंग है और 2 जगह कुछ प्रोग्राम है।
*आर एस पांडेय, सीएमएचओ शहड़ोल*