विश्व का सबसे बड़ा अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर, शंकर जी ने ब्रम्हा जी को यही दिया था शाप
*अन्नामलाई पर्वत की गुफाओं में विराजमान शिव, 14 किलोमीटर की लंबी परिक्रमा*
विश्व में तमिलनाडु के तिरुवनमलाई जिले में भगवान शिव का एक अनोखा मंदिर है। अन्नामलाई पर्वत की तराई में स्थित इस मंदिर को अनामलार या अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है। श्रद्धालु यहां अन्नामलाई पर्वत की 14 किलोमीटर लंबी परिक्रमा कर शिव से मन्नत मांगने आते हैं। माना जाता है कि यह शिव का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर है। वहीं सावन के महीने में भी इस मंदिर पर लाखों भक्त जल चढ़ाने आते हैं।
*मंदिर की कथा*
एक बार ब्रह्माजी ने हंस का रूप धारण किया और शिवजी के शीर्ष को देखने के लिए उड़ान भरी। उसे देखने में असमर्थ रहने पर ब्रह्माजी ने एक केवड़े के पुष्प से, जो शिवजी के मुकुट से नीचे गिरा था, शिखर के बारे में पूछा। फूल ने कहा कि वह तो चालीस हजार साल से गिरा पड़ा है। ब्रह्माजी को लगा कि वे शीर्ष तक नहीं पहुंच पाएंगे, तब उन्होंने फूल को यह झूठी गवाही देने के लिए राजी कर लिया कि ब्रह्माजी ने शिवजी का शीर्ष देखा था। शिवजी इस धोखे पर गुस्सा हो गए और ब्रह्माजी को शाप दिया कि उनका कोई मंदिर धरती पर नहीं बनेगा। वहीं केवड़े के फूल को शाप दिया कि वह कभी भी शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं होगा। जहां शिवजी ने ब्रह्माजी को शाप दिया था, वह स्थल तिरुवनमलाई है।
*हर लिंगम के दर्शन के अलग अलग लाभ प्राप्त होते हैं*
वहीं अरुणाचलेश्वर जी का मंदिर बना है। यहां मंदिर पहाड़ की तराई में है। वास्तव में यहां अन्नामलाई पर्वत ही शिव का प्रतीक है। पर्वत की ऊंचाई 2668 फीट है। यह पर्वत अग्नि का प्रतीक है। तिरुवनमलाई शहर में कुल आठ दिशाओं में आठ शिवलिंग- इंद्र, अग्नि, यम, निरूथी, वरुण, वायु, कुबेर, इशान लिंगम स्थापित हैं। मान्यता है कि हर लिंगम के दर्शन के अलग अलग लाभ प्राप्त होते हैं।
*कैसे पहुंचें मंदिर तक*
चेन्नई से तिरुवनमलाई की दूरी 200 किलोमीटर है। चेन्नई से यहां बस से भी पहुंचा जा सकता है। ट्रेन से जाने के लिए चेन्नई से वेल्लोर होकर या फिर चेन्नई से विलुपुरम होकर जाया जा सकता है। साथ ही आप विलुपुरम या वेल्लोर में भी ठहर सकते हैं और तिरुवनमलाई मंदिर के दर्शन करके वापस लौट सकते हैं।