धर्मान्तरित और फर्जी लोगों के विरुद्ध अजजा वर्ग का विशाल धरना, प्रदर्शन आज
अनूपपुर
धर्मान्तरित लोगों द्वारा अपना अधिकार छीने जाने से आक्रोशित अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों का विशाल धरना , प्रदर्शन आज 27 मई 2022 , शुक्रवार को जिला मुख्यालय अनूपपुर में होने जा रहा है। जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक नरेन्द्र मरावी, जिला संयोजक सुदामा सिंह सिंग्राम , सह संयोजक रामदास पुरी, सह जिला संयोजक अमोल सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस विशाल धरना - प्रदर्शन में पुष्पराजगढ, अनूपपुर, कोतमा ,जैतहरी क्षेत्र के सभी गाँवों से हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि जनजातीय समाज में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि धर्मान्तरण करने वाले लोग तेजी से जनजातीय प्रथाओं और परंपराओं से मुंह मोड़ रहे हैं। धर्मान्तरित होकर मुसलमान और ईसाई बनने के बावजूद ऐसे लोग धडल्ले से आरक्षण की पूरी सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं। इसका बड़ा नुकसान जनजातीय समाज के वास्तविक जरुरतमन्दों को उठाना पड़ रहा है। इसके चलते जनजातीय समुदाय में ऐसे धर्मान्तरित लोगों के विरुद्ध व्यापक नाराजगी है। नाराज जनजातीय समाज ऐसे धर्मान्तरित लोगों को आरक्षण की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर आगामी 27 मई को अनूपपुर जिला मुख्यालय में विशाल धरना , प्रदर्शन करने जा रहा है। आयोजन में मध्यप्रदेश शासन के मंत्री द्वय बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह, हिमाद्री सिंह, श्रीमती मनीषा सिंह, जय सिंह मरावी, रामलाल रौतेल, श्रीमती रुपमती सिंह, भगत सिंह नेताम ( बालाघाट ), सोहन सिंह ठाकुर ( कटनी ) , प्रकाश सिंह उईके , अर्जुन सिंह मरकाम,जिले भर के जनजातीय समुदायों के लोगों के बड़ी संख्या में एकत्रित होने की संभावना है।
जनजाति सुरक्षा मंच संयोजक नरेन्द्र मरावी, जिला संयोजक सुदामा सिंह सिंग्राम, सह संयोजक रामदास पुरी, अमोल सिंह के साथ समाज के अन्य लोग आयोजन की व्यापक तैयारियाँ करते हुए धरना - प्रदर्शन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि अनुच्छेद 342 में संशोधन की मांग को लेकर 27 मई को जनजातीय समाज द्वारा जिला मुख्यालय में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अनुसूचित जाति की तरह धर्मान्तरित होने पर अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी आरक्षण के दायरे से बाहर करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर सड़क से लेकर संसद तक आन्दोलन किया जाएगा।जनजातीय सुरक्षा मंच ने चिंता जाहिर की कि 80 % नौकरी धर्मान्तरित लोगों को जा रही है। ऐसे लोगों को शिक्षा ,नौकरियों में लाभ नहीं देना चाहिये। उन्होने कहा कि पेसा एक्ट की 5 अ मे दर्ज है। असम हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन है कि धर्मान्तरण किये लोगों को आरक्षण का लाभ ना दें।