पेपर मिल्स से निकलने वाला जहरीला पानी पीकर 2 मवेशियों की मौत 1 की हालत गंभीर
अनूपपुर
बरगवां में ओरिएंट पेपर मिल से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी लगातार बेजुबानों की जान पर भारी पड़ रहा है। सोन नदी और गोशाला से लगे क्षेत्र में opm प्रबंधन द्वारा लगातार बिना ट्रीटमेंट फैक्ट्री से बाहर जहरीला पानी छोड़ा जाता है। वही जहरीला पानी पीने से 2 गाय की मौत हो गई वहीं एक गाय की हालत गंभीर है। कैमिकलयुक्त पानी पीने से लगातार मवेशियों की मौत होने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। फैक्ट्री पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग प्रशासन से की है।
ग्राम पंचायत बरगवां के मवेशी आसपास के खाली मैदानों में घास चरते हैं। जहां फैक्ट्रि का पानी जमा होने से मवेशियों ने यह पानी पी लिया। जिससे दो गाय की मौत हो गई और एक गाय मौत से जूझ रहीं है। अचानक गायों को मृत देखकर बड़ी संख्या मे ग्रामीण व अन्य लोग वहां जमा हो गए। लोगों ने नाराजगी जताई कि लगातार मवेशियों की जान जाने के बाद भी बरगवां या जिला प्रशासन फैक्ट्रियों पर नकेल नहीं कस पा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण विभाग भी मौन बना हुआ है। गुस्साए लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधन व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। साथ ही, पीडि़तों को मुआवजा दिलाने की मांग भी की। ग्रामीणों ने बताया कि गायों का दूध बेचकर ही वह अपने परिवारों का पालन पोषण करते हैं। अब परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है। आसपास के ग्रामीणों ने भी केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीटमेंट के ही फैक्ट्रियों से बाहर छोड़ने वालों पर कार्रवाई की मांग की।
बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों में एनजीटी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। फैक्ट्रियों को ट्रीटमेंट के बाद ही पानी बाहर छोडऩे के लिए कहा गया है। लेकिन फैक्ट्रियों द्वारा बनाए गए ट्रीटमेंट चेंबर दिखावे मात्र को हैं, ओर लगातार फैक्ट्रियां बिना ट्रीटमेंट के ही केमिकलयुक्त व जहरीला पानी बाहर छोड़ रही हैं।
*खेती व भू-जल को भी नुकसान*
बड़े पैमाने पर केमिकलयुक्त व जहरीला पानी बाहर छोड़ा जा रहा है। यही नहीं कुछ फैक्ट्रियां प्रदूषित पानी को जमीन के भीतर गहराई में डाल रही हैं। बाहर निकलने वाला पानी मवेशियों की मौत का कारण बनने के साथ ही आसपास की कृषि भूमि और नालों से होकर फसलों को खराब करता है। जमीन के भीतर गहराई में छोड़ा गया पानी आसपास क्षेत्र में भूजल को नुकसान पहुंचा रहा है। क्षेत्र में दूषित पेयजल से होने वाले चमड़ी रोग सहित अन्य बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं।
*कई बार की जा चुकी शिकायत*
इस बारे में जनप्रतिनिधियों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की है, पर नतीजा शून्य है। दुर्भाग्य की बात है कि इतने लोग बीमार होने और मवेशियों की मौत होने के बावजूद अधिकारी संवेदनहीन बने हुए हैं।