इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्र ने लगाए लगे गंभीर आरोप

इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्र ने लगाए लगे गंभीर आरोप

*अनुसूचित जनजाति थाना से लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री तक लगाई न्याय की गुहार* 


अनूपपुर 

बलराम बैगा निवासी वार्ड नं 18. सुंदर नगर, भालुमाड़ा जिला अनूपपुर ने थाना अनुसूचित जनजाति विशेष थाना अनूपपुर पहुँचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई कि अनुसूचित जनजाति होने के कारण मुझे घृणाजनक खाना खिलाने, मेरे बिरुद्ध तंग करने वाला मिथ्या कार्यवाही करवाने, डीएसडबल्यू पद का प्रयोग कर के मुझे क्षति पहुंचाने के लिए मेरा एनरोलमेंट जारी नहीं करवाने, विश्वविद्यालय सार्वजनिक स्थान में जातिसूचक गाली देकर मुझे अपमानित करने, विश्वविद्यालय जैसे सार्वजनिक स्थान में आने से वंचित करने, हनुमान मंदिर में प्रवेश रोकने, एसिड से जलाने का प्रयास करने, जान से मारने की धमकी देने तथा ईसाई धर्म में धर्मांतरण करवाने कपटपूर्ण तरीके से प्रलोभन तथा धमकी देने वाले प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी पर कानूनी कार्यवाही की जाए।


*ये है मामला*

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में संख्यिकी विभाग का स्नातकोत्तर का छात्र हा दिनांक 13 अप्रैल 2022 को डॉ संजीव बख्शी सर का मोबाइल नंबर 8969005805 से समय दोपहर 12:57 बजे मेरे मोबाइल पर कॉल आया तथा मैंने उन्हें नमस्कार किया तब बक्शी सर ने कहा कि तुम्हारा एनरोलमेंट नंबर को मामला बनाया गया है तुम्हारा कैरियर खराब करने का कोई मैटर चल रहा है. तुम यूनिवर्सिटी के भ्रष्टाचार को लेकर पत्र लिखे हो तथा हनुमान मंदिर से भगवा रैली निकाले हो इससे विश्वविद्यालय प्रशासन नाराज है तुम डीएसडब्ल्यू साहब से मिल लो। तब मैं प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी डीएसडब्ल्यू से एक दो बार मिलने का प्रयास किया मुलाकात नहीं हो पाई। फिर दिनांक 25 अप्रैल 2022 को दोपहर 3:30 बजे के आसपास डीएसडब्ल्यू प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी से साइंस बिल्डिंग में उनके चेंबर में जाकर मिला। डॉ संजीव बख्शी सर के फोन के बारे में प्रो भूमिनाथ को बताया, इतना सुनते ही प्रो भूमिनाथ सर गुस्से से देखने लगे तथा बोले- 'तू हनुमान मंदिर से भगवा रैली निकाला था मैंने उसका वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी करवाया है अब तेरे को बर्बाद कर देंगे अब तेरे पूजा स्थल को ही नष्ट कर दूंगा तू मेरे खिलाफ पहले भी पत्र लिखा है इसलिए मैं तेरा एनरोलमेंट नंबर जारी नहीं होने दिया हूं में डीएसडब्ल्यू हूं मैंने परीक्षा नियंत्रक के ऑफिस में तेरे बारे में भ्रामक जानकारी देकर तेरा इनरोलमेंट नंबर जारी होने से रुकवा लिया हूं तेरे को इतना नुकसान पहुंचा दूंगा कि तू विश्वविद्यालय से बाहर हो जाएगा साले आदिवासी तो बहुत हरामी होते हैं उसमें बैगा तो सबसे हारामी बकलंड आदिवासी होते हैं हरामजादे कुत्ते तू तो काला करलुठा आदिवासी है मैं तेरा जीवन नर्क कर दूंगा ये ले तेरे लिए सड़ा हुआ खाना रखा रखा हूं यह सड़ा हुआ खाना तुम आदिवासी लोग खाते हो ले तू भी खा ले ऐसा बोल कर मुझे बदबूदार खाना खिलाने लगे। फिर मैंने बोला कि सर इस प्रकार से मुझे जातिगत रूप से अपमानित मत करिए तब भूमिनाथ ने बोला कि - "मैं तेरे को अपमानित करूंगा में विश्वविद्यालके सेंट्रल परचेज कमेटी का चेयरमैन भी हूं मैं तेरे को इस जनजातीय विश्वविद्यालय में आने से वंचित कर दूंगा तेरे को विश्वविद्यालय से निर्वारित करवा दूंगा तो अंदर ही नहीं आ पाएगा इतना ही नहीं तेरे को राजेंद्रग्राम छोड़ने पर भी मजबूर कर दूंगा मै तेरे ऊपर मिथ्या नियम बताकर तेरा एनरोलमेंट रद्द करा दिया हूं तू ज्यादा होशियारी करेगा तो तेरे को जान से मार दूंगा इतना बोलते-बोलते प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी पास में पड़े एक बोतल उठाए बोले कि इसमें एसिड की ज्वाला है अब तेरे काले चेहरे को एसिड से जला देता हूं तू और गंदा दिखने लगेगा इस पर मैं थोड़ा सा दूर हट गया नहीं तो गुस्से में प्रो भूमिनाथ मेरे ऊपर विस्फोटक पदार्थ एसिड डाल देते मैं कैसे भी करके अपने आप को बचाया।


बलराम बैगा के अनुनय विनय किया कि मेरा पढ़ाई मत रोकिए आप तो डीएसडब्ल्यू हैं आप छात्र कल्याण करने बजाए छात्रों का अहित कर रहे है फिर में हिम्मत करके राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए मैं बोला की 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कोई भी विषय छात्र अपने इच्छा अनुसार चयनित कर सकता है इस पर प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी बोले की 'मैंने शिक्षा नीति का बेड़ा गर्क कर दिया है मैं बहुत चालाकी से उल्टा-पुल्टा तरीका से शिक्षा नीति को इस विश्वविद्यालय में लागू करवाया हूं जिससे इस शिक्षा नीति से सब चिढ़ जाएँगे तू शिक्षा नीति की बात मत कर यदि तेरे को परीक्षा में बैठना है तो तू मेरे बड़े भाई पी सिलुवेनाथन रजिस्ट्रार से मिल ले और ईसाई धर्म को अपना ले तू ईसाई धर्म अपना लेगा तो तेरे को बहुत फायदा होगा और तेरे को हम लोग फिर परीक्षा में बैठने देंगे - केरल के एक एनजीओ से पिछले कई वर्षों से मेरी तथा मेरे बड़े भैया पी सिलुवेनाथन रजिस्ट्रार की सेटिंग है हम लोग केरल तथा अन्य राज्यों से क्रिश्चियन तथा मुस्लिम छात्रों की भर्ती करवाते हैं इसमें हमारे साथ एक एनजीओ भी शामिल है उस एनजीओ से तेरे को रुपए भी दिलवा दूंगा उसी एनजीओ की दो लड़कियां नेहला शरीन पी तथा सेफी केएक्स इन दोनों लड़कियों को मैंने सांख्यिकी विभाग में प्रवेश दिलाया है उनको कुछ नहीं आता है फिर भी केरल से लाकर यहां बैठा दिया हूं तू यदि क्रिश्चियन धर्म अपना लेगा तो तेरा भी मैं भला करवा दूंगा तू संडे को पी सिलुवेनाथन रजिस्ट्रार के साथ गौरेला चर्च में जाकर क्रिश्चियन धर्म अपना ले तेरा भला कर देंगे तब मैंने जनजातीय विश्वविद्यालय में न्याय कैसे होगा' इस पर प्रो भूमिनाथ ने बोला कि यहां पर जनजातियों का भला करने का कोई मामला नहीं है तू अपना भला करवाना चाहता है तो मेरे बड़े भैया पी सिलुवेनाथन से मिल ले आखरी बार बोल रहा हूं क्रिश्चियन बन जा यदि इस बात की शिकायत किया तब तेरे को जान से मरवा दूंगा पूरा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मेरे जेब में है इसके पहले भी तूने कई बार कंप्लेंट किया है साक्ष्य भी दिया था कुछ उखाड़ नहीं पाया है यहां के लोकल पुलिस अधिकारी मेरे साथ बैठकर दारू पीते हैं सब मेरे दोस्त हैं' इसके बाद मैं वापस चला गया। प्रो भूमिनाथ द्वारा मेरे साथ किए गए अपराध से मैं बहुत कष्ट में हूँ, बहुत दुखी हो गया हूँ मुझे डर लग रहा है मुझे बहुत आहत पहुँचा है। मेरा पढ़ाई रुकने का डर भी मुझे सता रहा है।

*यहाँ भी लगाई न्याय की गुहार*

रामनाथ कोविंद महामहिम राष्ट्रपति, राष्ट्रपति सचिवालय, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली 110004, नरेंद्र मोदी, माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स नई दिल्ली 110011, धर्मेंद्र प्रधान माननीय मंत्री शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली, हर्ष चौहान माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग 6 मंजिल, बी-विंग लोकनायक भवन खान मार्केट, नई दिल्ली 110003, मंगुभाई पटेल महामहिम राज्यपाल, राजभवन, भोपाल मध्य प्रदेश, शिवराज सिंह मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश सरकार भोपाल पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू), मध्यप्रदेश पुलिस भोपाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, शहडोल रेंज, आई जी कार्यालय शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, पुलिस अधीक्षक जिला अनूपपुर

*इनका कहना हैं*

ये छात्र द्वारा निराधार आरोप लगाया जा रहा हैं जो शिकायत थाना में हुई है पूरी तरह मनगढ़ंत है।

*विजय दीक्षित पीआरओ इंदिरा गाँधी विश्वविद्यालय अमरकंटक*




Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget