भाजपा के राजेश कलशा, आधाराम वैश्य एवं अन्य पर लगे गंभीर आरोप
कांग्रेस की दहाड़ में भाजपा की बोलती बंद, भाजपा कांग्रेस चोर चोर मौसेरे भाई
अनूपपुर
जिला अनूपपुर के नवगठित वनगंवा, डूमर कछार एवं डोला नगर परिषद में भर्ती घोटाले में रोज नए-नए फ़िल्म लोगो को देखने को मिल रहा हैं नगर परिषद में जो संविलियन भर्ती घोटाला हुआ है उसकी परत धीरे-धीरे खुलती जा रही है कुछ छोटे-छोटे मगरमच्छो पर कार्यवाही का डंडा चल चुका है मगर बड़े-बड़े मगरमच्छो पर कार्यवाही बाकी है वो लोग अभी भी नदियों में खुले आम मस्ती करके घूम रहे हैं। इन लोगो पर कार्यवाही इसलिए भी नही हो पा रही है क्यूंकि कि इन लोगो पर अगर कार्यवाही हो गयी तो प्रशासन के बड़े अधिकारियों एवं भाजपा के की नींव हिल सकती हैं। मगर बकरे की मम्मी कब तक खैर मनाएगी एक न एक दिन तो हलाल होना ही पड़ेगा जब तक किस्मत साथ दे रहा हैं तब तक ऐश कर ले चिंगारी सुलग चुकी है अब वो बुझने वाली नही है आर या पार होने के बाद ही लड़ाई रुकने की उम्मीद लग रही है अब आगे लोगो को और भी फिल्मों के ट्रेलर और पूरी फ़िल्म देखने को मिल सकती है।
*भाजपा के लोगो ने दिया क़्लीन चिट*
इस भर्ती घोटाले को लेकर जब राजनगर भाजपा के मंडल अध्यक्ष राजेश कलशा से कुछ पत्रकार लोगो ने बात की तो उनका कहना था कि तीनों नगर परिषद में भर्ती घोटाला नही हुआ है सारे भर्ती नियम के तहत हुए हैं। उनका कहना था कि नेताओ के ऊपर तो हमेशा झूठे आरोप लगते रहते हैं। भाजपा पार्टी के द्वारा इसलिए जॉच की मांग नही कि जा रही है क्यूं कि भर्ती घोटाला हुआ ही नही है। मतलब भाजपा और भाजपा के पदाधिकारियो के नज़र में सारी भर्तियां सही हुई है मान भी लिया जाए तो अभी हाल में इसी मामले में कई अधिकारी सस्पेंड हुए हैं वो क्या था जरा भाजपा के लोग बताने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस पार्टी द्वारा भर्ती घोटाले की जो सूची बनाकर वायरल की है उसमें भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश कलशा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष आधा राम वैश्य के घर एवं करीबियों के अलावा भाजपा के बहुत सारे लोगो के करीबियों के नाम भर्ती सूची में नाम दर्ज है।
*कांग्रेस ने खोला मोर्चा*
जहाँ पर भर्ती घोटाले हुआ है वहाँ पर कांग्रेस के लोगो ने काफी दिनों से भर्ती घोटाले के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है विरोध में कुछ न कुछ गतिविधिया इनके द्वारा की जा रही है ज्ञापन देकर, प्रदर्शन करके, अनशन करके विरोध करने का बीड़ा तो उठाया मगर विरोध करने का कांग्रेस पार्टी का मकसद क्या है लोगो के समझ मे नही आ रहा है। हो सकता हैं वो लोग भी अपनी राजनैतिक पार्टी के लिए रोटी सेकने का काम कर रही हो मगर जो भी है बेरोजगार आम जनता को भी इसका फायदा कही न कही तो मिलेगा ही जय हो कांग्रेस पार्टी की एवं वहाँ के स्थानीय नेताओ की किसी के फायदे के लिए आवाज उठाई देर से आये मगर दुरुस्त आये। एक बात कड़वा है मगर 100% सत्य है अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार होती तो निश्चित रूप से यह कहानी उल्टी होती कांग्रेस घोटाले में शामिल होती और इनके लोगो की भर्तियां हुई होती और विरोध का बिगुल भाजपा खोल के बैठी होती न भाजपा कम है न कांग्रेस यह केवल राजनैतिक खेल से ज्यादा कुछ नही है जो पार्टी के लोग समय के अनुसार खेलते रहते है। कांग्रेस भाजपा दोनो पार्टी चोर चोर मौसेरे भाई वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
*महिलाओ ने भी खोला मोर्चा*
राजनगर क्षेत्र के इस बड़े घोटाले के खिलाफ घर मे रहने वाली कामकाजी महिलाओ ने विरोध में मोर्चा खोल दिया है ये सभी महिलाएं किसी भी पार्टी की नही है केवल बेरोजगारों के हित के लिए अपने घर का काम छोड़कर आम जनता लोगो के हक और हित के लिए कार्य कर रही है इनका महिलाओं का कोई लाभ या राजनैतिक उद्देश्य नही है सिर्फ अपने क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार हुई है इन महिलाओं ने कई बार ज्ञापन देकर देकर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं अगर समय रहते कार्यवाही न हुई तो सभी महिलाएं सड़को पर उतरने के लिए भी तैयार है। सूत्रों से खबर यह भी आ रही है कि इन सभी विरोध करने वाली महिलाओं की सूची भाजपा के नेताओ के द्वारा तैयार करवाकर दबाब बनाया जा रहा हैं अब देखने कि महिलाएं भाजपा के दबाब में झुक जाती हैं या उनको नानी याद दिला देती है।
*भाजपा के परिवार, रिश्तेदार, करीबियों के नाम*
कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं ने लिखित रूप से आरोप लगाया है कि तीनो नगर नवगठित नगर परिषद में जो भर्ती घोटाला हुआ है उनमें से सैकड़ो लोग भाजपा के बड़े नेताओं, जनप्रतिनिधियों, के परिवार, रिश्तेदार, करीबियों एवं पार्टी के लोगो की फर्जी रूप से भर्ती करा दी गयी है जिसकी पूरी जिम्मेदारी भाजपा पार्टी की है अगर इस आरोप में सच्चाई नही है तो भाजपा चुपचाप क्यू बैठी है पार्टी अपने मुंह पर ताला लगाकर बोलती बंद कर ली है।कांग्रेस पार्टी ने बाकायदा नाम सहित सूची जारी कर दी है जिसमे भाजपा के द्वारा अपने लोगो के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है। एक सवाल ये भी उठता हैं कि अभी भाजपा का कोई नेता फर्जी भर्ती मामले में आज तक कोई जांच की बात नही किया जबकि प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है अगर दूध के धुले है तो हाथ कंगन को आरसी क्या खुद करवा लें जांच दूध और पानी अलग हो जाएगा।
*अधिकारी और पत्रकार भी है शामिल*
भर्ती में नेताओ के अलावा भी बहुत सारे लोगो की भूमिका नजर आ रही है सब लोगो ने बहती गंगा में हाथ धोने का काम किया है अनूपपुर जिला क्या शहड़ोल, उमरिया एवं अन्य राज्यो के लोगो के नाम भी इस घोटाले में सामने आ रहे हैं जिसमे संभाग संभाग के बड़े अधिकारी, कर्मचारी के अलावा अनूपपुर जिले के बड़े अधिकारी, कर्मचारी के परिवार, रिश्तेदार, करीबियों के नाम आ रहे हैं मजे की बात यह है कि जिले के कुछ पत्रकारों के घर के लोगो की नियुक्ति हुई है इसी को कहते है सूपा बोले तो बोले अब चलनी कैसे बोले जिसमे सैकड़ो छेद है। कौन कितना पानी मे है सभी जानते है बस कार्यवाही की दरकार है।
*सबसे पहले कलमकारों ने की थी अगुआई*
इस पूरे मामले का खुलासा सबसे पहले पत्रकारों ने किया था लगातार पत्रकारों ने भर्ती मामले को सोशल मीडिया, अखबारों एवं चैनल में लगातार खबरे चलाकर जिले से लेकर भोपाल तक तहलका मचा दिया तो नेता अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसके चलते कुछ पत्रकारों को रुपये देकर लेखनी को बन्द करवा दिए, कुछ को धमकी दबाब देकर शांत करा दिए, कुछ पत्रकारों के करीबियों को नौकरी पर रखकर मामले का रफा दफा कर दिए कुछ पत्रकार बचे हैं जो कही पर भी शमिल नही हुए वो लोग अभी भी जनता की लड़ाई डटकर लड़ रहे हैं।
*कहा गए आवाज उठाने वाले*
इस मामले में कांग्रेस के अलावा शिवसेना पार्टी के लोग भी इस भर्ती घोटाले पर अपनी आवाज बुलंद करके विरोध दर्ज करवाकर लड़ाई के नाम पर कूद गए ज्ञापन देकर प्रदर्शन करके ये बता रहे थे कि इनसे बड़ा जनता का हितैषी कोई नही है कुछ माह पहले कोरोना काल मे शिवसेना वालो ने जनता को दिखाने के लिए कलेक्टर कार्यालय के पास अनशन पर बैठ गए पार्टी का कहना था जब तक घोटालेबाजो पर कार्यवाही नही होगी तब तक इनकीं पार्टी लोग अनशन में बैठे रहेंगे।
*कहा गए जनहित याचिका कोर्ट जाने वाले*
भर्ती घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग इस समय सब दुबक के बैठ गए हैं कुछ लोग जनहित याचिका के द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर जाने वाले थे वो लोग भी पता नही कहा गायब हो गए हैं लगता हैं उन सभी लोगो कों दक्षिणा प्राप्त हो गयी है इसलिए अब उन लोगो को हुई भर्तियां जायज लग रही है। अब अभी हल्ला करने वाले लोग आंख बंद करके मुँह पर ताला लगा लिए है।
* आज और कल होगी सुनवाई*
नगर परिषद बनगवां, डोला, डूमरकछार, मे किए गए अनियमित रूप से संविलियन के जांच के संबंध में सुनवाई की जाना है। प्रकरण में संविलियन किए गए समस्त कर्मचारियों, प्रत्येक निकाय, के जिला चयन समिति के सदस्य, अध्यक्ष जिला चयन समिति, एवं उक्त निकायों के प्रशासक, एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की सुनवाई की जानी है। सुनवाई हेतु पक्षकारों की संख्या अधिक होने के कारण अधोहस्ताक्षर करता द्वारा शहडोल जिला मुख्यालय में कैंप शहडोल जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में की जाएगी। दिनांक 22 अप्रैल 2022, एवं 23 अप्रैल 2022 को सुनवाई किया जाना निश्चित किया गया है। सभी नगर वासियों से निवेदन है ,कि जो लोग भी नगर परिषद में अवैध रूप से संविलियन को लेकर अपनी रुचि रखते हैं। अपनी बात रखना चाहते हैं। वे निर्धारित तिथि को शहडोल पहुंचे।