जलाशय भूमि अधिग्रहण किसानों को नही मिला मुआवजा, बाबू मांग रहा 8 हजार हुई शिकायत

जलाशय भूमि अधिग्रहण किसानों को नही मिला मुआवजा, बाबू मांग रहा 8 हजार हुई शिकायत

*समय सीमा खत्म बांध और नहर का काम अभी भी अधूरा, करोड़ो खर्च करके भी किसानों नही मिल पा रहा लाभ*


अनूपपुर/कोतमा

2018 मे जल संसाधन विभाग ने कोतमा विधानसभा के बेलिया बड़ी मे बांध का निर्माण जारी किया जा रहा था, बांध लगभग 80 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है लेकिन किसानों की जमीन डूब एरिया में आने के बाद कई किसान अभी ऐसे हैं जिन का मुआवजा आज दिनांक तक नहीं मिल पाया है, किसानों ने कहा है कि प्रशासन जल्द से जल्द किसानों के मुआवजा का निराकरण करें नहीं तो सारे किसान एक होकर एक बड़ा जन आंदोलन करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी लगभग डेढ़ सौ हेक्टेयर किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। उच्च किसानों को मुआवजा मिल गया है मगर बहुत सारे किसानो को आज तक मुआवजा नही मिल पाया है। कुछ किसान ने मुआवजा लेने के नाम पर बाबू द्वारा रिश्वत मांगने की बात भी आ रही है।

*नही मिल पा रहा किसानों को लाभ*

बांध निर्माण में के बाद नहर बनाकर बेलिया बड़ी, पिपरिया, देवगवा, बरगवां, जोगीटोला, धूमा आस पास लगभग 5 किलोमीटर के किसानों को सिंचाई से लाभ होना था जो किसानों को इसका लाभ नही मिल पाया है नहर का काम आज भी अधूरा पडा हुआ है। किसानों की जमीन भी चली गयी मुआवजा भी नही मिला बाकी किसान सिंचाई का लाभ भी नही ले पा रहे हैं अभी भी कई किसान ऐसे हैं जिनकी जमीन डूब एरिया में आने के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।


*मुआवजा दे नही तो होगा जन आंदोलन*

लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कुछ स्थानीय नेताओं ने कहा कि जल संसाधन विभाग जिस तरीके से नहर का निर्माण गुणवत्ता विहीन करवा रहा है वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं, किसानों को लाभ ना मिले और पैसे कि भ्रष्टाचार की होली खेली जाए ऐसा बिल्कुल बर्दाश्त हम नहीं करेंगे अगर जल संसाधन विभाग समय पर किसानों  के मुआवजे का भुगतान व गुणवत्ता में सुधार नहीं करता तो जल्द ही जन आंदोलन करेंगे।

*मुआवजा देने के नाम पर मांग रहे हैं रुपये*

पीड़ित किसान शिवकांत मिश्रा पिता स्व. जीवन प्रसाद मिश्रा ग्राम बेलिया बड़ी तहसील कोतमा जिला अनूपपुर का निवासी हैं इनके द्वारा मुख्यमंत्री भोपाल एवं कलेक्टर महोदया अनूपपुर को पत्र लिखकर अपनी आप बीती बताया की खुद के स्वामित्व कब्जा दखल की भूमि पिपरिया जलाशय योजना में अधिग्रहण लिया गया है। जिसके मुआवजा के लिए पीड़ित किसान विगत 3 वर्षो से कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर है  अनुविभागीय कार्यालय कोतमा के बाबू शिवम पाठक द्वारा माह दिसंबर 2021 को कई दिनों तक मुआवजा के लिए कार्यालय में बुलाकर 11 बजे से शाम 7:30 बजे तक कार्यालय में बैठा रखते थे 74 वर्षीय पीड़ित किसान ने बाबू से कहा कि  15 किलोमीटर आता हूँ वृद्ध व्यक्ति बीपी के बिमारी से ग्रस्त हूँ कभी कभी साधन न मिलने से पैदल घर जश्न पड़ता हैं मेरे मुआवजा दिलवा तो बाबू ने कहा कि पहले 8 हजार रुपये दोगे तभी तुम्हारा मुआवजा मिलेगा। किसान के द्वारा रुपये न देने  पर बाबू ने कहा मैं तुमको नही पहचानता की तुम ही शिवकांत मिश्रा हो तो पीड़ित ने सरपंच से लिखवाकर लाया और सब पहचान के दस्तावेज जमा किया फिर भी आज तक मुआवजा नही मिला है  तब भी मुआवजा नहीं दिया गया है। मेरे घर में जलाशय के उपयंत्री द्वारा आवासीय घर में मिट्टी डाल दिया गया। 

*प्रशासन की लापरवाही*

लोगो का कहना हैं कि प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब कि 3 वर्ष से ज्यादा समय हो चुका है उसके बाद भी किसानों को उनका हक नही मिल पा रहा है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम कार्यालय की लापरवाही के कारण किसानों का मुआवजा नही मिल पाया है लोग बताते हैं बहुत से किसानों के अधिग्रहण किये हुए भूमि का एवार्ड अभी तक नही हो पाया है जिसके कारण लेट लतीफी हो रही है।

*नही करने देगे काम*

पीड़ित किसानों की समस्या की कही भी सुनवाई न होने के कारण किसान काफी ज्यादा नाराज दिख रहे हैं किसानों का कहना हैं अगर हम लोगो के हक का मुआवजा जल्द नही मिला तो विभाग को बांध और नहर का काम करने ही नही देगे जरूरत पड़ी तो जो हर बन चुकी है उसको जेसीबी लगाकर तोड़वा देगे। किसानों घर खेत चला गया और मुआवजा भी नही मिला जिसके कारण वो अपना कार्य नही कर पा रहे हैं।

*विभाग की लापरवाही*

पिपरिया जलाशय बनाने एवं नहर बनाने का समय सीमा पूरी तरह समाप्त हो चुकी है मगर 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहर को छोड़ दे तो बांध का काम भी 100 प्रतिशत अभी तक काम पूरा नही हो पाया है विभाग हाथ मे हाथ धरकर बैठा है। नहर का काम भी 50 प्रतिशत से ज्यादा बचा हुआ है। काम पूरा न होने के कारण बांध और नहर का जो लाभ किसानों को मिलने वाला था वो नही मिल पा रहा है सरकार करोड़ो रूपये खर्च करके भी लोगो को लाभ नही दे पा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि विभाग कब कुंभकर्णी नींद से जागेगा और अभी और कितने वर्ष काम पूरा करने में लगेंगे विभाग ही बता पायेगा।

हमारे कोतमा युवा रिपोर्टर विनोद पाण्डेय ने लगातार बांध के किसान पीड़ितों के लिए बांध, नहर की स्थिति का पता लगाकर किसानो से मिलकर लगातार समाचार प्रकाशित करवा के पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम किया जा रहा है किसानों के हित की लड़ाई में इनकीं कलम हमेशा चलती रहती हैं।

*इनका कहना हैं*

हमारा मुआवजा अभी तक नही मिला है हम कार्यालय के चक्कर काट काट कर थक गए हैं मुआवजा देने के लिए बाबू रुपये मांगता है जिसकी शिकायत कलेक्टर, कमिश्नर, मुख्यमंत्री तक किया जा चुका है मगर अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की गई है।

शिवकांत मिश्रा पीड़ित किसान

हमारी जितनी भूमि पिपरिया जलाशय के अधिग्रहण किया गया है अभी भी पूरा मुआवजा नही मिला है हमारे जमीन पर रोड़ बना दिया गया है। अगर जल्द हमारा मुआवजा नही मिला तो हम रोड़ को उखाड़ कर खेत बनाकर खेती करने लगेंगे।

*बलराम पाण्डेय, श्रीनिवास पाण्डेय पीड़ित किसान*

3 वर्ष से मुआवजा रुका हुआ है हम लोगो का मुआवजा अगर प्रशासन जल्द नही देती तो हम जेसीबी से नहर को खुदवा देगे

*अनंतराम शुक्ला पीड़ित किसान*

*इस मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के एसडीओ जे डी मांझी को उनके मोबाइल न. पर कॉल किया गया तो उनका मोबाइल नही लग पाया।*

कुछ किसानों का मुआवजा अभी तक नही मिल पाया है जिसके कारण वहा पर काम करने में काफी परेशानी हो रही है बार बार किसान आकर काम रुकवा देते हैं जिस कारण से अभी तक नहर और बांध का काम पूरा नही हो पा रहा है।

*ए पी तिवारी उपयंत्री जल संसाधन विभाग अनूपपुर*




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