रात के अंधेरे में अवैध वसूली में मस्त यातायात विभाग, शहर की व्यवस्था चौपट, जनता परेशान
अनूपपुर
(आनंद पाण्डेय)
अनूपपुर व्यवस्था सुधार का जिम्मा निभाने वाला यातायात विभाग स्वयं यातायात के नियमों का पालन नहीं कर रहा और लोगों से यातायात के नियम के नाम पर जुर्माना कम अवैध वसूली ज्यादा कर रहा है।
जिला मुख्यालय के शहर के अंदर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है, सड़कों पर अतिक्रमण देखते ही बनता है, बस स्टैंड पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुका, स्टेशन चौक, इंदिरा तिराहा, अमरकंटक रोड, सामतपुर तालाब के पास एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।लेकिन यातायात पुलिस को फुर्सत नहीं शहर की व्यवस्था सुधारने की वह हाईवे पर रात के अंधेरे में जब सब सो रहे होते हैं जुर्माने के नाम पर अपनी गाड़ी की लाइट चमचमाते हुए वाहनों को रोक रोक कर जुर्माने की आड़ में अवैध वसूली करने में पूरी तरह मस्त रहते हैं।इनको रात में नींद नहीं आती क्योंकि लक्ष्मी के आगे नींद भी नतमस्तक हो जाती है।जांबाज़ पुलिस अधीक्षक की भी इनको चिंता नहीं है।शुरुआती दौर में जब पुलिस अधीक्षक ने अनूपपुर जिले मुख्यालय की कमान संभाली तो सब की हालात खस्ता हो चुकी थी लेकिन धीरे-धीरे वही पुराने ढर्रे पर यातायात विभाग भी आ गया जब देखो जब वसूली कोई देखने वाला कोई सुनने वाला नहीं।ओवरलोड ट्रक, कैप्सूल ,ऑटो रिक्शा, टैक्सी, बस डंके की चोट पर चल रही है लेकिन इनका हर कहीं से बंधा हुआ है जिससे इन पर कार्यवाही कभी कभार मात्र दिखावे के लिए की जाती है बाकी राजकाज डंके की चोट पर चल रहा है।इन्हें पुलिस अधीक्षक की भी चिंता नहीं आम जनता,आम नागरिक यातायात व्यवस्था को लेकर परेशान है।स्वयं यातायात विभाग यातायात के नियमों का पालन नहीं करता हेलमेट नहीं लगाता,सीट बेल्ट नहीं लगाता और लोगों से उम्मीद करता है कि आप नियमों का पालन करें।यातायात नियमों के नाम पर यातायात पुलिस राहगीरों के साथ बुरा व्यवहार कर भारी जुर्माना और अवैध वसूली में लगी हुई है।
शहर का यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है केवल राहगीरों को यातायात नियमों के उल्लंघन के नाम पर परेशान किया जा रहा है।देखा गया है कि जब से यातायात की कमान सूबेदार को सौंपी गई है शुरुआती दौर में इनकी व्यवस्था अच्छी थी लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने व्यवस्था के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे दिया जिससे इनके कर्मचारी दिन रात अवैध वसूली में लगे रहते हैं और उनकी जेब गर्म करते रहते हैं जिससे यह चुप्पी साधे अपनी ऑफिस देखते रहते हैं।पूरे जिले के अंदर अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है लेकिन किसी को इनके अवैध खेल से कोई लेना-देना नहीं।
नियम विरुद्ध वाहन चल रहे हैं वाहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस कोई से कोई लेना-देना नहीं।शहर के चौक चौराहे,फुटपाथ पर अतिक्रमण फैला हुआ है यातायात पूरी तरह से बाधित हो रहा है लेकिन अवैध वसूली के आगे यातायात विभाग कान में जूं तक नहीं रेंगती।खबर प्रकाशन के बाद एक्शन होता है फिर वही व्यवस्था चालू हो जाती है।आवश्यकता है यातायात के प्रभार में समय-समय पर परिवर्तन किया जाए और उनके कर्मचारियों को भी यहां से वहां किया जाए तो धीरे-धीरे व्यवस्था में सुधार आ सकता है एक जगह जमें जमें अधिकारी कर्मचारी परिपक्व हो जाते हैं और उनकी वसूली का धंधा तेजी से पनपता रहता है।पुलिस अधीक्षक महोदय को चाहिए की यातायात से वसूली कराना है तो जगह निर्धारित कर दें और वहां पर सीसीटीवी कैमरा लगा दे जब दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा और अवैध वसूली का धंधा पूरी तरह से बंद हो जाएगा।