बेलपतिया को हाईकोर्ट से मिलेगा न्याय, क्या बेजा कब्जा पर चलेगा बुलडोजर

बेलपतिया को हाईकोर्ट से मिलेगा न्याय, क्या बेजा कब्जा पर चलेगा बुलडोजर

*अधिकारियों को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस*


अनूपपुर/कोतमा 

बेलपतिया वेवा लखन पाव उम्र 70 वर्ष निवासी ग्राम जमुना बस्ती की 14 किता नगर पालिका क्षेत्र की लगभग 5 एकड़ जमीन मालियत लगभग 5 करोड़ रुपए की संपत्ति सात बाहुबली लोगों ने लखन पाव को इलाज में पैसा देने के नाम पर जब लखन पाव कैंसर से पीड़ित इलाज का पैसा न होने पर तड़प तड़प कर वर्ष 1990 में मर गया तब इन बाहुबलियों उसकी जमीन पर नाजायज कब्जा कर लिया अनपढ़ बेलपतिया बेवा हो गई बच्चे नादान नाबालिग थे रसूखदार बेजा कब्जा धारी उक्त भूमि पर दवा दुकान किराना दुकान मकान स्कूल बनाकर 1990 से संचालित करते हुए करोड़ों रुपए की कमाई कर ऐस के साथ जिंदगी बसर करते रहे और बेलपतिया अपने नाबालिग बच्चों को पालने के लिए मजदूरी कर भोजन पानी की व्यवस्था  दयनियता में गुजारा करती रही।

बेलपतिया के बच्चे जब तक सज्ञान हुए तो वर्ष 2006 में श्रीमान एसडीएम अनूपपुर के समक्ष प्रकरण लगाया जिसमें वर्ष 2010 में बेलपतिया के पक्ष में फैसला हुआ तहसीलदार अनूपपुर ने कब्जा धारियों को जमीन खाली करने का आदेश दिया परंतु रसूखदार कब्जा धारियों ने धन बल का उपयोग कर राजस्व विभाग की सेवा कर कब्जा खाली नहीं किया बेलपतिया को न्याय मिल कर भी जमीन नहीं मिला बेजा कब्जा धारियों की तरफ से अनुभव मेडिकल स्टोर जमुना की मालकिन सुनीता शुक्ला ने कलेक्टर अनूपपुर के समक्ष अपील किया जिस पर कलेक्टर अनूपपुर ने सुनवाई के बाद अपील बेलपतिया के पक्ष में खारिज कर दिया परंतु राजस्व विभाग पुनः रसूखदारओ के धन प्रभाव में आकर कब्जा नहीं दिलाए जिससे बेलपतिया को न्याय मिल कर फिर जमीन नहीं मिला।

भेजा कब्जा धारियों ने इसके बाद कमिश्नर शहडोल राजस्व मंडल रीवा हाई कोर्ट जबलपुर में अपील पर अपील करते रहे बेलपतिया जीतती रही बेजा कब्जा धारी हारते रहे परंतु बेलपतिया के पक्ष में नाम होकर भी जमीन नहीं मिला क्योंकि हर एक कोर्ट के फैसले के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारि बेजा कब्जा धारियों के धन बल के प्रभाव में आकर बेलपतिया को जमीन नहीं दिला सके।

बेजा कब्जा धारियों से कब्जा दिलाने के लिए बेलपतिया ने बार-बार थाना भालूमाडा़ अजाक थाना अनूपपुर एसडीओपी कोतमा एसडीओपी अनूपपुर एसपी एसडीएम अनूपपुर कलेक्टर अनूपपुर के सामने आवेदन कर गुहार लगाया परंतु हर बार का आवेदन घूम फिर कर तहसीलदार अनूपपुर व फुनगा के पास पहुंचता था और रसूखदार धनबल पर हर बार बचते रहे धन के आगे मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम सिर्फ कागजों के टुकड़े बनकर रह गए बेलपतिया वर्ष 2007 से वर्ष 2022 तक कोर्ट कचहरी थाना पुलिस अधिकारियों के पास दौड़ते दौड़ते हार कर थक कर अपने किस्मत को कोसते हुए अपने घर पर रोते हुए बैठी थी की इतने में दैनिक भास्कर अखबार में एक खबर छपी की रीवा में एक सीमेंट फैक्ट्री मे किसी सामान्य वर्ग का महिला की जमीन पर कब्जा कर लिया था पीड़ित महिला ने कलेक्टर रीवा को शिकायत की थी फिर भी बेजा कब्जा खाली नहीं होने पर पीड़ित महिला हाई कोर्ट जबलपुर में अपना आवेदन किया और माननीय हाईकोर्ट ने कलेक्टर रीवा को नोटिस कर जब तलब किया कि बेजा कब्जा क्यों नहीं खाली कराया गया।

एक अखबार में जबलपुर मे छपी अखबार से पुनः बेलपतिया के शरीर में जान फूंका और बेल पतिया ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में गुहार लगाया एसडीएम कोर्ट अनूपपुर कलेक्टर कोर्ट अनूपपुर कमिश्नर कोर्ट शहडोल राजस्व मंडल कोर्ट रीवा और हाई कोर्ट जबलपुर के नियमों का अवलोकन करने के बाद माननीय हाईकोर्ट ने प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी 6384 / 20-22 कायम कर प्रतिवादी गणों को आदेश दिनांक 19 अप्रैल 2022 को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर हाजिर होने का आदेश जारी किया है प्रतिवादी गणों में सचिव राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन सचिव गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन कलेक्टर अनूपपुर एसडीएम अनूपपुर नायब तहसीलदार फुनगा एसपी अनूपपुर अजाक थाना अनूपपुर थाना प्रभारी भालूमाडा श्रीमती सुनीता शुक्ला जमुना उमा शंकर शुक्ला जमुना भूपेंद्र मिश्रा गुलाब विद्यालय जमुना रामखेलावन द्विवेदी आदर्श विद्यालय जमुना जाफर खान जमुना बसंत सिंह पिता नागेश्वर सिंह जमुना रमेश उड़िया एवं वैदेही उड़िया जमुना को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर उपस्थित होने का आदेश दिया है।

आवेदिका बेलपतिया ने माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन कर प्रार्थना किया है कि वर्तमान के संबंधित सभी दस्तावेज मंगाए जाएं समस्त सक्षम अधिकारियों को आदेशित किया जाए कि एसडीएम अनूपपुर के दिनांक 31 मार्च 2010 के आदेश को तुरंत लागू किया जाए अनाधिकृत कब्जा को तुरंत हटाया जाए प्रकरण में अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 4K की जांच कर कार्यवाही किया जाए अधिनियम के आदेश करें कि अत्याचार निवारण अधिनियम की तीन के तहत दोषियों पर कार्यवाही की जाए सक्षम अधिकारियों को आदेशित किया जाए कि आवेदक पक्ष को उचित मुआवजा निर्धारित कर दिलाया जाए स्मरणीय है कि मध्यप्रदेश शासन इस समय अनाधिकृत कब्जा पर बुलडोजर चलाकर कब्जा खाली करा रही है माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से जल्द ही जमुना कॉलरी में भी बुलडोजर चलेगा छोटे पीड़ित आदिवासी परिवार को न्याय मिलेगा।

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