मनरेगा योजना बनी वरदान, मजदूरों का हक छीनकर मशीनो से कराया जा रहा कार्य

मनरेगा योजना बनी वरदान, मजदूरों का हक छीनकर मशीनो से कराया जा रहा कार्य


अनूपपुर

सरकार लाखों प्रयत्न करती हैं की मजदूरों को उनका हक और दो समय की रोटी मुहैया कराएं जाए इसी को ध्यान में रखते हुए रोजगार गारंटी यानी मनरेगा योजना सरकार ने लागू की है उन प्रवासी मजदूरों के लिए जो दो वक्त की रोटी या दो वक्त का खाना कमा सके इनकी राशि भी सरकार देती है लेकिन अधिकारी कर्मचारी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते  नजर आ रहे हैं।   

बात कर रहे हैं अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत मौहरी की जहाँ रोजगार गारंटी के तहत होने वाली सभी कार्य मशीनों से किए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मजदूर मजदूरी के लिए यहां वहां भटकने को मजबूर हैं इनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट है सभी कार्यों में मिलीभगत के चलते प्रवासी मजदूरों से रोजगार छीना जा रहा है ग्राम पंचायत को इस योजना में फर्जीवाड़ा होना आम बात हो गई है बात रोजगार सहायक को सचिव का भार मिलते ही यह काम अवैध रूप से मशीनों से करवाया जा रहा है और  उनको हैंडल करने वाले समन्वयक अधिकारी अमृतलाल पैकरा है जो सतीश तिवारी के खास रह चुके हैं जिनके द्वारा खुलेआम इसी तरह के कार्य करवा रहे हैं।

ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक दबंगई के चलते फर्जीवाड़ा करने में कमाई परहेज नहीं किया जाता निर्माण एजेंसी सरपंच , सचिव, रोजगार सहायक मशीनों से काम करवा कर  मास्टर रोल में फर्जी मजदूरों का नाम निकाल कर काम जेसीबी मशीनों से करा लिया जाता है और मजदूरों के नाम से राशि निकाल रहे हैं ऐसा भी नहीं की उनकी जानकारी अधिकारियों को ना हो लेकिन कमीशन खोरी के चलते सभी मौन हैं जिनकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे सरपंच सचिव रोजगार सहायक तानाशाही और पूर्व  की तरह अड़ियल रवैया  के चलते मनरेगा के सभी कार्य दबंगता पूर्वक दिनदहाड़े मशीनों से कार्य करवा रहे हैं।

ऐसे कई  मामले ग्राम पंचायत मौहरी ब्लॉक जैतहरी में सामने आया जिसकी शिकायत ग्रामीणों एवं मजदूरों के द्वारा कलेक्टर एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कई बार किया गया लेकिन जांच आज तक अधूरी है ग्राम मनरेगा योजना जॉब कार्ड धारियों को काम ना देकर मशीनों से करवाया जा रहा है ग्राम पंचायत मौहरी में लाखों की लागत से तलाब निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें मजदूरों को काम नहीं दिया गया और मशीनों से करवाया जा रहा है तालाब निर्माण JCB मशीन  से खुदवाया जा रहा है तालाब का कार्य मशीनों से करवा कर 46 मजदूरों के नाम से मास्टर रोल में नाम डालकर मजदूरों के नाम पर राशि का आहरण कर रहे हैं रोजगार सहायक कमलेश राठौर द्वारा सचिव का प्रभार हाथ में मिलते ही मजदूरों का हक मारकर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं जिस से नीचे से ऊपर तक सभी का कमीशन रहने के कारण कारवाही के नाम पर ठेंगा दिखाया जाता है मजदूर आवाज उठाते हैं तो उनको डराया और धमकाया जाता है कि तुम्हारा नाम काट दिया जाएगा शासकीय योजनाओं से सचिव युवा रोजगार सहायक कमलेश राठौर के द्वारा प्रशासन से बार-बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

सरकार द्वारा मनरेगा कार्य में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार में प्रशासनिक अधिकारी से लेकर सरकार के जनप्रतिनिधि तक जांच नहीं करा पाते क्योंकि कोई जांच करने को तैयार ही नहीं हैं क्योंकि कार्यवाही नहीं है इसलिए उनके मंसूबे बढ़ते जा रहे हैं मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री माननीय बिसाहूलाल जी के द्वारा जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र भेजकर जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दिए जाने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर शून्य कार्यवाही हुई सरकार इन योजनाओं के माध्यम से मजदूरों को दो समय की रोटी उनको मिल सके  ऐसे में अधिकारी फुल योजनाओं पर पतीला लगाने से बाज़ नहीं आते और जब कार्रवाई की बात होती है तो प्रशासनिक अधिकारी भी कार्यवाही नहीं करते देखने को मिलता है मजदूरों की जगह मशीनों से करा कर मजदूरों के नाम के मास्टर रोल भरकर राशि निकाली जाती है कई मामलों में इन पर शिकायत के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि उन्हें बचाने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जाता है प्रशासन के अधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि मनरेगा कार्यों की जांच क्यों नहीं की जाती अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं इससे साफ जाहिर होता है कि इस योजना में भ्रष्टाचारी की बू आ रही है जिस योजना में मजदूरों से कार्य करवाना  चाहिए उसे आप मशीनों से कार्य करा रहे हैं मजदूरों के नाम से फर्जी मस्टरोल भरकर आप राशि आहरित कर ले रहे हैं आपको जरासी शर्म आ रही है सरकार लाखों कोशिश करती है कि मजदूरों को उनका हक मिले ऐसे मामले पिछले साल से चला आ रहा है इससे जनप्रतिनिधि की भी उतनी जिम्मेदारी बनी है क्योंकि सरकार की योजना है यह अधिकारी राशि का बटवारा कर रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे पिछले साल भी ऐसा ही मामला सामने आया था लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हो पाई है सरकार योजना लेकर आती है कि अधिकारियों को लाभ मिले अधिकारी अधिकारी बोलते हैं मजदूरों को मजदूरी का पैसा नहीं मिला वह अपना जीवन यापन कैसे करें होंगे देखते हैं कि अब जांच की जाती है नहीं क्योंकि कुछ मामले तो जांच में ही अटक कर रहे हैं इस संबंध मैं जैतहरी जनपद के ग्राम पंचायत मौहरी में भ्रष्टाचारी जो चल रहा है वह उपयंत्री एवं समन्वयक अधिकारी अमृता लाल पैकरा की मिलीभगत से चल रही है इसलिए ग्राम पंचायत रोजगार सहायक कमलेश राठौर एवं सरपंच  राम बाई इनके हौसले बुलंद है अब देखना यह है जिला प्रशासन इनके बुलंद हौसले के आगे बौने साबित होते हैं या इनके ऊपर कोई कार्यवाही करेंगे।

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