रेल रोकने को मजबूर करता रेल विभाग, रेल्वे संघर्ष समिती ने स्टेशन मास्टर को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर/बिजुरी
दो वर्षों से बंद ट्रेनों का पुनः परिचालन प्रारम्भ कराने कि दिशा में रेलवे संघर्ष समिती बिजुरी द्वारा रविवार 24 अप्रैल कि शाम संयुक्त रूप से स्टेशन प्रबंधक बिजुरी को ज्ञापन सौंपा गया। उक्त ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि गत 11 अप्रैल 2022 को अम्बिकापुर-चिरमिरी-अनूपपुर रेलखण्ड में विगत 02 वर्षों से बंद ट्रेनों का परिचालन पुनः प्रारंभ करने हेतु ज्ञापन सौंपा गया था, उसके बाद भी रेलवे विभाग द्वारा आम आदमी की समस्याओं को ध्यान में रखकर ट्रेनों का परिचालन पुनः प्रारंभ नहीं किया गया। लिहाजा आम आदमी की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए रेल संघर्ष समिति बिजुरी द्वारा दिनांक 30 अप्रैल को रेलवे स्टेशन परिसर बिजुरी में धरना प्रदर्शन एवं रेल रोको आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।
*क्या आम-आदमी से कहीं अधिक मालगाडी़ कि परवाह है रेलवे विभाग को-*
विगत 2 वर्ष पूर्व कोरोना वायरस महामारी की वजह से संपूर्ण भारत देश में जब लॉकडाउन प्रभावशील हो गया था, तत्पश्चात केंद्र की सरकार ने पूरे भारत देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था, तबसे रेल सहित समस्त यातायात एवं अन्य सभी चीजों पर प्रतिबंध लग गया था।
किन्तु कोरोना महामारी का प्रकोप समाप्त होने के बाद शासन-प्रशासन द्वारा धीरे-धीरे सभी यातायात एवं अन्य चीजों पर से प्रतिबंध हटा दिया गया। लेकिन रेलवे विभाग ने ट्रेन परिचालन से प्रतिबंध अभी तक पूरी तरह से नहीं हटाया है, जिससे कई ट्रेन अभी तक बंद पड़े हुए हैं, वहीं अंबिकापुर-चिरमिरी-अनूपपुर मार्ग से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनों का परिचालन बीते 2 वर्षों से पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। जिसकी मुख्य वजह इस क्षेत्र से कोयला परिवहन को माना जा रहा है, यह क्षेत्र चारों तरफ से कोयला खदानों से घिरे हुए हैं जिस कारण से इन क्षेत्रों में सिर्फ मालगाड़ी का परिचालन प्रारंभ किया गया है। और कोयला परिवहन में किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए। इसलिये यात्री परिचालन वाली समस्त ट्रेनों को रेलवे विभाग द्वारा अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
*शासन-प्रशासन को स्वलाभ से कहीं अधिक आम लोगों कि समस्याओं पर भी ध्यान देने की है आवश्यक्ता-*
आम समस्याओं को दरकिनार कर शासन प्रशासन द्वारा जिस तरह से स्वलाभ कमाने के लिये यात्री ट्रेनों को बंद कर, मालगाड़ियों का परिचालन प्रारंभ किया गया है। उससे एक आम आदमी को कितनी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, इसका अनुमान शासन सत्ता में बैठे लोग यकीनन नहीं लगा पा रहे हैं। शायद इसी वजह से यात्री ट्रेनों से कहीं अधिक मालगाडी़ परिचालन में उनकी दिलचस्पी बढी़ हुयी है। जो की वास्तव में गंभीर मसला है, आज ट्रेनों के परिचालन बंद हो जाने से और पेट्रोल-डीजल का भाव आसमान छू जाने से एक आम आदमी कितनी परेशानियों से जूझ रहा है यह वर्तमान सरकार को समझना होगा। यात्री ट्रेन परिचालन बंद हो जाने की वजह से एक आम आदमी आज अच्छा स्वास्थ्य एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पाने में पूरी तरह से वंचित होकर रह गया है।
*रेल रोको आन्दोलन के लिये जनता को मजबूर करता रेल विभाग*
बिजुरी रेल संघर्ष समिति ने अंततः रेल रोको आन्दोलन की घोषणा करते हुए इसकी सूचना अधिकारियों को दे ही दी। अंबिकापुर - जबलपुर, अंबिकापुर - बिलासपुर लाईन की सभी यात्री ट्रेनों को मनमाने तरीके से बंद कर दिया गया है। प्रतिदिन इलाज, शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय के लिये यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को इससे बेवजह भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों के बंद होने से मजबूरी में लोगों को अधिक पैसे व्यय करके ,ज्यादा समय ,शक्ति बर्बाद करके सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिये बाध्य होना पड़ रहा है। महीनों से ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग कोतमा, बिजुरी, अनूपपुर के लोग कर रहे हैं। समाचारपत्रों , न्यूज चैनलों , सोशल मीडिया के माध्यम से तमाम ध्यानाकर्षण किये गये। शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव, चेयरमैन, जीएम से मिल कर इस बावत एक से अधिक बार चर्चा की। बिजुरी रेल संघर्ष समिति, कोतमा विकास मंच के सदस्यों ने सांसद श्रीमती सिंह से भेंट करके उन्हे पत्र सौंपकर ट्रेनों को शीघ्र चलवाने की मांग की । जिस पर उन्होंने मौके पर ही डीआरएम बिलासपुर से बात करके इस हेतु विभाग को अवगत कराने को कहा था। लेकिन इसके बावजूद ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया। इससे नाराज जनता ने रेल रोको आन्दोलन की घोषणा कर दी है।*
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना लाक डाउन के बाद क्षेत्र में रेल सेवाओं के बंद होने के बाद सेआज तक अंबिकापुर - बिजुरी- कोतमा-अनूपपुर- जबलपुर एवं बिलासपुर रेल खंड के यात्रियों के लिये ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया है। कुछ समय के लिये सेवाएं बहाल की गयी थीं लेकिन फिर इंटरलाकिंग कार्य को लेकर ट्रेनों को रोक दिया गया है।कोयलांचल और शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग रेल सेवा बहाल कराने के लिये निरंतर प्रयास रत हैं। बंद ट्रेनों को पुन: शुरु करना तो दूर , विगत कुछ सप्ताह से इंटरलाकिंग कार्य के बहाने अन्य ट्रेनों को भी बंद कर देने से इस क्षेत्र के हजारों यात्रियों को समय, शक्ति, धन का अपव्यय करना पड़ रहा है। गरीब व्यक्ति, ट्रेनों पर आश्रित लोग मजबूरी में बसों, टैक्सियों या अन्य गाड़ियों की मंहगी यात्रा करने को बाध्य हैं। इसके कारण लोगों मे जन प्रतिनिधियों, सरकार के प्रति आक्रोश बढता ही जा रहा है। ऐसे ही नाराज लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार, 19 अप्रैल को शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह से भेंट करने उनके निवास राजेन्द्रग्राम पहुंचा और ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग की। कोतमा विकास मंच एवं बिजुरी रेल संघर्ष समिति के सदस्यों ने सांसद को ज्ञापनपत्र सौंप कर अंबिकापुर-चिरिमिरी अनुपपूर रेल खंड में विगत दो वर्षों से बंद रेल परिचालन को पुनः प्रारंभ करने की मांग की थी। सांसद से मांग की गयी कि उक्त रेलगाड़ियों का परिचालन पुन : यथा शीघ्र प्रारंभ किया जाए जिससे क्षेत्र की आम जनता को होने वाली समस्या से निजात मिल सके ।सांसद श्रीमती सिंह ने डी आर एम से भी मोबाईल फोन पर इस विषय पर चर्चा करते हुए ट्रेनों के शीघ्र संचालन बावत आवश्यक कार्यवाही करने को कहा था। इसके बाद भी कोई ठोस कार्यवाही ना होने से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र के लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है। लोग टिप्पणी कर रहे हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे रेल विभाग स्वयं आम जनता को आन्दोलित करने की योजना बनाए बैठा है। डीआरएम बिलासपुर से स्थानीय युवाओं की झड़प और उनकी नाराजगी का वीडियो सभी ने देखा है। अधिकारियों की मनमानी और स्वेच्छाचारी रवैया के कारण हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेल रोको आन्दोलन की लिखित सूचना तक दी जा चुकी है। अच्छा होगा कि अतिशीघ्र ट्रेनों का संचालन समय रहते प्रारंभ कर दिया जाए।