ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक विवाह मे पांच जोड़ों ने थामा एक दूसरे हाथ, जीवन भर का मिला साथ

ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक विवाह मे पांच जोड़ों ने थामा एक दूसरे हाथ, जीवन भर का मिला साथ

*पं. अवध बिहारी तिवारी ने दोनो पुत्रों की शादी कर समाज के सामने पेश की मिशाल* 

*ब्राह्मण समाज सुधार एवं सेवा समिति के तत्वाधान मे 21 अप्रैल को सामूहिक विवाह संपन्न*


इन्ट्रो- आज की बढ़ती मंहगाई, भौतिकवादी खर्चे, विप्रों की व्यथा को पूरा समाज अन्र्तमन से गम्भीरता पूर्वक विचार विमर्श कर इस दिशा की ओर अग्रसर होने को प्रयासरत है कि व्ययो को सीमित करने के उद्देश्य से एक स्थल, एक व्यवस्था में सभी की सहभागिता एवं सामूहिक सहयोग से वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाये, जिससे समाज को नया आयाम मिलने के साथ संस्कारित समाज द्वारा सम्पन्न कराया जा सके। जिसे लेकर ब्राह्मण समाज सुधार एवं सेवा समिति जिला अनूपपुर द्वारा 21 अप्रैल को जिला स्तर पर ब्राह्मण सम्मेलन के साथ सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जो पूर्णतः सफल रहा तथा यहां पहुंचे आगंतुकों ने मुक्त कण्ठ से प्रषंसा की। जिला मुख्यालय स्थित अनीता मण्डपम, बस्ती रोड अनूपपुर मे पांच जोड़ो ने एक दूसरे का हाथ थामा। 

*अनूपपुर*

ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष पंडित रामनारायण उरमालिया एवं ब्राह्मण समाज सुधार सेवा समिति के पदाधिकारियों के द्वारा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष स्व. ओमप्रकाष द्विवेदी की प्रेरणा से 21 अप्रैल को सामूहिक विवाह का आयोजन जिला मुख्यालय स्थित अनीता मण्डपम मे संपन्न कराया गया। जहां पांच जोड़ों ने एक दूसरे का हाथ थामा। इस दौरान अनीता मण्डपम मे जिले भर के ब्राहमण समाज के लोग पहुंचे तथा सराहनीय पहल की प्रषंसा की। जिले मे ब्राहमण समाज द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन का यह पहला आयोजन है जो पूर्णतः सफल रहा।  

*पूर्व मे किया गया था उपनयन का सामूहिक आयोजन*

ज्ञात हो सभी विद्रुत ब्राह्मणों के सहयोग से ब्राह्मण समाज सुधार एवं सेवा समिति द्वारा 5 मई 2017 को 51 बटुक ब्राह्मणों का उपनयन संस्कार हनुमान मंदिर प्रांगण बिजुरी व 4 मई 2018 में 121 बटुक ब्राह्मणों का उपनयन के साथ समाज का जिला सम्मेलन स्मार्ट सिटी प्रांगण अनूपपुर में सम्पन्न हुआ था। जिसमे भी जिला समेत पड़ोसी जिले के ब्राहमणों का भरपूर सहयोग मिला था जिससे उत्साहित होकर 21 अप्रैल को ब्राहमण समाज का सामूहिक विवाह का आयेाजन किया गया जिसमे अनूपपुर जिला सहित शहडोल, उमरिया, डिण्डौरी व अन्य जिलों के ब्राहमणों ने बढ चढकर हिस्सा लिया और समारोह के दौरान आगंतुकों के लिए की गई व्यवस्था को सराहा।

*सामूहिक विवाह समय की मांग*

परिचय सम्मेलन आज के समय में सुयोग्य वर-वधु चयन के सबसे सुलभ और सशक्त माध्यम है। एक तरह से यह अपनों का अपनों से परिचय भी है। किसी भी समाज के संगठित रहने का मूल मंत्र है कि आपसी निंदा बंद करें। एक-दूसरे के हर सुख-दुख में काम आएं। परिचय सम्मेलन में जो भी रिश्ते बनें, संभव हो तो उनके विवाह, सामूहिक विवाह सम्मेलन से कराएं। यह आज की जरूरत और समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए बेहद जरुरी है। इससे दहेज प्रथा भी रुकती है। उक्त बात ब्राह्मण समाज सुधार एवं सेवा समिति जिला अनूपपुर के जिलाध्यक्ष पं. रामनारायण उरमलिया ने कहते हुये भविष्य मे बड़े स्तर पर सामूहिक विवाह आयोजन करने की बात कही। 

*दोनों पुत्रों का हुआ सामूहिक विवाह*

देवहरा संजय नगर निवासी प्रतिष्ठित नागरिक व षिक्षक पं. अवध बिहारी तिवारी ने सामूहिक विवाह के लिए स्वयं आगे आकर अपने दोनो पुत्रों का विवाह बिना किसी मांग के संपन्न कराया गया। सामूहिक विवाह मे श्री तिवारी के पुत्र प्रषांत तिवारी व जितेन्द्र तिवारी सहित अन्य तीन ब्राहमण आदित्य मिश्रा, सुजीत कुमार उरमलिया व श्याम नारायण मिश्रा का विवाह संपन्न हुआ जिनके साथ वधु क्रमषः प्रतिमा द्विवेदी, निकिता मिश्रा, प्रीति तिवारी, किरण मिश्रा, साक्षी दुबे दाम्पत्य सूत्र मे बंधे। यहां यह उल्लेखनीय है कि शादी में अगर सबसे अधिक किसी चीज की चर्चा होती है तो वह दहेज। दहेज कितना दिया, कितना लिया, इसको समाज प्रतिष्ठा से जोड़कर देखता है। दहेज को लेकर कई बार रिश्ते बिगड़ जाते है। यहां तक की महिला उत्पीडन के दर्ज होने वाले मुकदमों में दहेज को प्रमुख कारण माना जाता है। ऐसे में कोई समृद्ध परिवार बिना दहेज की शादी करे तो वह अपने आप में सराहनीय व अनुकरणीय है। 

*समाज के सामने पेश की मिशाल*

प्रतिष्ठित नागरिक व षिक्षक पं. अवध बिहारी तिवारी द्वारा की गई यह पहल समाज के युवाओं को प्रेरणा देगी तथा बुराई के रूप में व्याप्त दहेज प्रथा को समाप्त करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे अन्य समाज के युवा भी प्रेरणा लेकर समाज को गति प्रदान करने की प्रेरणा मिलेगी। षिक्षक पं. अवध बिहारी तिवारी ने कहा कि अब वह समय आ गया है जब समाज से दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए सभ्य समाज के लोगों को आगे आना होगा। दहेज ना लेने का श्री तिवारी एक मात्र उद्देश्य यही है कि बेटियों को उनका वास्तविक सम्मान मिले जिससे समाज की बेटियों को आगे बढने के पूरे अवसर मिले।

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