विकास के नाम 1 टू का 4 भ्रष्टाचार कैसे करते हैं इनसे सीखे खुलेआम दिख रहा कारीगिरी का नमूना

विकास के नाम 1 टू का 4 भ्रष्टाचार कैसे करते हैं इनसे सीखे खुलेआम दिख रहा कारीगिरी का नमूना


*नगर भर में दौड़ रहा है, भृष्टाचार का नमूना 1000 लीटर के मिनी टैंकर में 3000 लीटर कि क्षमता लिखाकर भृष्टाचार को छुपाने का किया गया है प्रयास*

अनूपपुर/बिजुरी

नगरपालिका परिषद बिजुरी के मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर भृष्टाचार का व्यापक आरोप लगने व प्रशासन के जिम्मेदार विभाग सम्भागायुक्त शहडोल एवं नगरीय प्रशासन अमला को लिखित शिकायत के बाद भी प्रशासन के इन जिम्मेदार विभागों ने मामले पर चुप्पी साध लिया है। जिससे शीर्ष अधिकारियों के खामोशी का लाभ उठाते हुये मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने कागज पर किये गये कोरी विकाश कि तरह अब वास्तविक धरातल पर भी खुलेआम भृष्टाचार को अंजाम देना प्रारम्भ कर दिया है।


*1000 लीटर के मिनी टैंकर पर 3000 लीटर लिखाकर स्वयं को कर रहे हैं गुमराह*

नगरपालिका बिजुरी द्वारा 1000 लीटर का मिनी टैंकर खरीदा तो गया है, उसमें भी 3000 लीटर लिखाकर पानी वितरण कार्य में लगाया गया है, जिससे नगर भर में जोरों से उपहास का पर्याय बनता जा रहा नगरपालिका बिजुरी। लोगों कि मानें तो 1000 लीटर के मिनी टैंकर पर 3000 लीटर लिखा देने से उसके आकार और भारक क्षमता पर कोई परिवर्तन होने वाला नही है, फिर ऐसी बेवकूफी करने का औचित्य क्या है। लेकिन जानकार कुछ और ही बयां करते है। उनके अनुसार जनवरी माह में मुख्य नगरपालिका अधिकारी और युवा अध्यक्ष द्वारा सांठगांठ कर शासन कि अधिकृत जेम पोर्टल से 6 नग पानी टैंकर कि खरीदी कागजों में किया गया था। जिसकी जानकारी लोगों को होने के बाद मामला नगर भर में तूल पकड़ लिया। क्योंकि बिजुरी कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण पानी कि समस्या यहां सदैव  बना रहता है और गर्मी के दिनों में तो जल संकट प्रत्येक वार्डों में पूरी तरह से गहरा जाता है। लिहाजा लोगों के विरोध को भांपते हुये 02 नग टैंकर लाया तो गया है लेकिन उसमें भी भृष्टाचार कि परिभाषा को ही बदल दिया गया है। और 1000 लीटर के टैंकर पर 3000 लीटर लिखाकर नगर के लोगों को खुलेआम छला जा रहा है।

*व्यापक भृष्टाचार पर प्रशासन को कार्यवाही से गुरेज क्यूं है*

नगर क्षेत्र बिजुरी कि समस्त जनता गत दिवस नपा उपाध्यक्ष सहित 10 पार्षदों द्वारा प्रशासन से कि गयी शिकायत पर जांच कर कार्यवाई की मांग कर रही है, लोगों का मानना है कि शीर्ष अधिकारी करोडो़ं के भृष्टाचार पर हुयी शिकायत पर जांच करने में परहेज क्यूं कर रहे हैं। क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी इन पर भी पड़ रही भारी या फिर कुछ और ही है इनकी लाचारी।

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