हाईकोर्ट ने आफलाइन परीक्षा आयोजित करने पर मध्य प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
जबलपुर
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि काेरोना की तीसरी लहर का संकट सिर पर है, इसके बावजूद विश्वविद्यालयों और कालेजों में आफलाइन परीक्षा क्यों आयोजित की जा रही है
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने सरकार को 24 घंटे के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं मामले पर 25 जनवरी को फिर सें सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किए हैं।
मामले पर सुनवाई के दौरान जब आफलाइन परीक्षा पर स्टे लगाने की बात आई तो सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि नए सिरे से गाइडलाइन जारी की जाएगी, इसके लिए कुछ मोहलत दी जाए। हाई कोर्ट ने सरकार को एक दिन का समय दिया है
मध्य प्रदेश ला स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सिर पर है इसके बावजूद प्रदेश के विश्वविद्यालय आफलाइन परीक्षा आयोजित कर रहे हैं। रोजाना हजारों की संख्या में नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ आफलाइन परीक्षा कराई जाएं। वहीं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को आनलाइन कराने की स्वतंत्रता दी गई थी।
मामले पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पहले आफलाइन परीक्षाएं होनी थीं, लेकिन जनवरी पहले सप्ताह से शुरू हुईं परीक्षाएं आनलाइन आयोजित की गई हैं। तर्क दिया गया कि जब इंजीनियरिंग, एमसीए, एमबीए जैसे विषयों में आनलाइन परीक्षाएं हो सकती हैं तो सामान्य विषयों की परीक्षाएं क्यों नहीं। इसका जवाब लिया जाना चाहिए।